
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जीएसटी में कुछ प्रोड्क्ट्स पर ज्यादा टैक्स रखने का बचाव करते हुए कहा है कि अगर सरकार को ज्यादा पैसा मिलेगा तो वो जनकल्याण की योजनाओं पर ज्यादा पैसा खर्च कर सकेगी और जरूरतमंदों को इसका फायदा मिलेगा. प्रकाश जावड़ेकर आजतक के जीएसटी मिडनाइट कॉन्क्लेव के अहम सत्र में पुण्य प्रसून वाजपेयी के सवालों के जवाब दे रहे थे.
जावड़ेकर ने कहा कि जब नए दांत आते हैं तो थोड़ी बहुत तकलीफ बच्चे को होती है. हम लोगों को मानसिकता बदलनी है. हिसाब न रखने से हिसाब रखने वाली मानसिकता अपनानी है, ये बदलाव हमारे लिए अहम चुनौती है. तकनीक का बदलाव इतनी बड़ी चुनौती नहीं है इसलिए एक महीने, दो महीने का समय दिया है. पहला रिटर्न 10 जुलाई, 10 अगस्त को नहीं भरना है, 10 सितंबर को भरना है. ये टाइम पीरियड इसीलिए है ताकि किसी के मन में कोई आशंका न रहे, कोई दिक्कत न हो. कोई गलती भी हुई किसी से, तो उस गलती की सजा नहीं है पहले एक साल. उसमें सुधारने की गुंजाइश है उसे अवसर मिलेगा. ये सब हमने कर रखा है.
जावड़ेकर ने कहा कि कुछ व्यापारियों को आशंका हो सकती है लेकिन कुल 80 लाख में से तकरीबन 80 फीसदी इसके लिए रजिस्टर करा चुके हैं. बाकी भी करा ही रहे हैं क्योंकि उनको समझ में आ रहा है कि ये सबके लिए फायदे का सौदा है.
जावड़ेकर ने कहा कि जीएसटी से कुछ लोगों को महंगाई बढ़ने की आशंका है. लेकिन हमारी सरकार आने के बाद महंगाई कम हुई. मनमोहन अर्थशास्त्री हैं लेकिन वो महंगाई पर लगाम नहीं लगा सके, हमने लगाई. 81 फीसदी चीजों पर 18 फीसदी से कम टैक्स रखा है. जब महंगाई कम है तभी इस तरह के कदम उठाए जा सकते हैं.
जावड़ेकर ने कहा कि जीएसटी से छोटे व्यापारी बेअसर रहेंगे. जिसकी बिक्री रोजाना साढ़े 5 हजार है उसे कुछ करना ही नहीं, 20 हजार रुपये रोज तक की बिक्री पर भी महज एक फीसदी टैक्स देना है. रिटर्न ऑटोमैटिक तैयार होगा आपको बस बिक्री उसमें दर्ज करनी है. लोग बहुत आगे हैं, देश बदल रहा है, आगे बढ़ रहा है. हमें एक-दो महीने का समय दें. हम पंचायत स्तर पर जीएसटी सेवा केंद्र खोल रहे हैं, लोगों को किसी तरह की असुविधा नहीं होगी.
जावड़ेकर ने कहा कि जीएसटी हर किसी के लिए फायदे का सौदा है. व्यापारियों को 17 टैक्स और 22 सेस नहीं देने, उनका हिसाब-किताब नहीं रखना है. करों पर कर नहीं इसलिए कीमतें कम होंगी लोगों को फायदा होगा. एक देश एक टैक्स होगा तो व्यापार-उद्योग को फायदा होगा. निर्यातक को केंद्रीय टैक्स वापस नहीं मिलते थे अब उसे भी इनपुट क्रेडिट मिलेगा. आयातक पर आईजीएसटी लगेगा, उसे आसानी होगी. कर चोरी रुकेगी. जीडीपी दो फीसदी, तीन फीसदी बढ़ेगी. जनकल्याण की योजनाओं के लिए पैसा मिलेगा.
जावड़ेकर ने कहा कि जब कंप्यूटर आया था तो लगा था कि एक कंप्यूटर 23 लोगों की नौकरी ले लेगा लेकिन आज एक कंप्यूटर 23 लोगों को रोजगार दे रहा है. एक नया सिस्टम घर में भी लाया जाए तो विरोध होता है. बच्चे स्वागत करते हैं, युवा आशंकित रहते हैं और बुजुर्ग विरोध करते हैं लेकिन बाद में सब उसे स्वीकार लेते हैं.