
जीएसटी और नोटबंदी लाभ शायद अगले वित्त वर्ष (2018-19) के बाद ही दिखेगा. देश के अर्थशास्त्रियों के बीच हुए एक सर्वे में यह बात सामने आई है. इसका मतलब यह है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले तो जीएसटी और नोटबंदी का लाभ मिलता नहीं दिखेगा. केंद्र सरकार बार-बार यह कहती रही है कि जीएसटी और नोटबंदी का आगे चलकर लाभ मिलेगा.
यह देखना दिलचस्प होगा कि अगर 2019 के चुनाव से पहले नोटबंदी और जीएसटी का लाभ अर्थव्यवस्था को नहीं मिला, तो इसका देश की राजनीति पर क्या असर पड़ता है.
समाचार एजेंसी रायटर्स के इस सर्वे में मामूली बहुमत के साथ अर्थशास्त्रियों ने यह राय जाहिर की है. गौरतलब है कि साल 2014-15 में सरकार ने जीडीपी की गणना के तरीके में बदलाव किया था, अर्थशास्त्रियों के मुताबिक इसके बाद से इस साल अर्थव्यवस्था सबसे कमजोर रही है. नवंबर 2016 में नोटबंदी और उसके बाद जीएसटी लागू होने से देश में ग्रोथ, मैन्युफैक्चरिंग , सेवाओं और उपभोक्ता खर्च, सब पर अंकुश लगा है. हालांकि अब इनमें सुधार होता दिख रहा है. सर्वे के अनुसार इस वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 6.6 फीसदी और अगले साल 7.3 फीसदी की बढ़त होगी. गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को 1 जुलाई 2017 से लागू किया गया था.
वीनस इंडिया के इनवेस्टमेंट एडवाइजर केके मित्तल ने कहा, 'नोटबंदी और जीएसटी से जो व्यवधान आया है, उसका असर इस साल अप्रैल-जून की तिमाही से कम होने लगेगा. उसके बाद खपत, निवेश और ग्रोथ में तेजी आने लगेगी.' इन फायदों से रिजर्व बैंक को राहत मिलेगी, जिसे कि अगले वर्षों में ऊंची महंगाई से निपटना होगा.
इस साल खुदरा महंगाई का औसत 3.7 फीसदी रहा है, जो 2019 के मध्य तक रिजर्व बैंक के लक्ष्य 4 फीसदी को पार कर सकती है. अगले साल इसके औसतन 4.6 फीसदी रहने के आसार हैं.