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जीएसटी रिटर्न फाइल करने वाली कई कंपनियों और कारोबारियों के हिसाब में अंतर आया है. इसको देखते हुए जीएसटी अधिकारियों ने उन्हें जांच की खातिर नोटिस भेजना शुरू कर दिया है.
ये नोटिस उन लोगों को भेजे जा रहे हैं, जिनकी टैक्स देनदारी और अंतिम सेल्स रिटर्न मैच नहीं कर रहा है. तकरीबन 34 फीसदी कारोबारियों के हिसाब में अंतर आने की बात सामने आई है.
जीएसटी अधिकारी GSTR-1 और GSTR-2A को मिलाकर देख रहे हैं. इस दौरान जिन कंपनियों या कारोबारियों का हिसाब मैच नहीं हो रहा है. ऐसे लोगों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया गया है. बता दें कि GSTR-1 में कारोबारी बिक्री का ब्यौरा देते हैं. जबकि GSTR-2A रिटर्न में खरीदारी की जानकारी देनी होती है.
बता दें कि पिछले हफ्ते शुक्रवार को जीएसटी परिषद की बैठक हुई. इसमें रिटर्न फाइलिंग को आसान बनाने को लेकर चर्चा हुई. इसके अलावा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि कैशलेस लेनदेन करने वालों को 2 फीसदी की छूट मिलेगी.
हालांकि यह छूट अधिकतम 100 रुपये की होगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि चीनी उत्पादकों पर सेस लगाने पर विचार किया जाएगा. इसके लिए मंत्रियों का एक समूह बनाने पर सहमति बनी है.
बता दें कि मोदी सरकार लगातार कैशलेस लेन देन को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही है. जीएसटी परिषद की तरफ से डिजिटल ट्रांजैक्शन पर दो फीसदी की छूट देना इसी पहल का एक हिस्सा है.