
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल के बजट में एक अहम घोषणा की. उन्होंने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स लगाए जाने की घोषणा की है. इसके बाद लगातार LTCG को लेकर लोगों के मन में कई सवाल और शंकाएं उठ रही हैं.
इसमें कुछ लोग यह जानना चाहते हैं कि LTCG टैक्स क्या है और यह किन लोगों को भरना होगा. इसके साथ ही इस पर कब से टैक्स लगेगा, इसको लेकर भी कई सवाल पूछे जा रहे हैं.
इसको देखते हुए आयकर विभाग ने एलटीसीजी टैक्स और इस पर लगने वाले टैक्स को लेकर आम लोगों की शंकाओं को दूर करने की कोशिश की है. आयकर विभाग ने ऐसे ही सवालों का जवाब दिया है.
LTCG अथवा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स वह टैक्स होता है, जो किसी संपति अथवा शेयर संबंधी उत्पाद से हासिल किए गए प्रॉफिट पर लगता है. LTCG उन उत्पादों पर मिलता है, जो आपको एक लंबी अवधि के लिए निवेश करने के बाद मिलता है. हालांकि उत्पाद के हिसाब से उस पर लगने वाला LTCG टैक्स भी अलग-अलग होता है.
किन शेयरों पर लगेगा टैक्स?
आयकर विभाग ने LTCG टैक्स पर कितना टैक्स लगेगा और आपको कैसे इसका भुगतान करना होगा. इसकी पूरी जानकारी दी है. आयकर विभाग ने साफ किया है कि बजट में LTCG टैक्स की घोषणा की गई है. यह टैक्स उन शेयरों पर ही लगेगा, जो 1 अप्रैल, 2018 के बाद बेचे गए हैं.
इन पर नहीं लगेगा टैक्स :
आयकर विभाग ने कहा है कि एक फरवरी से 31 मार्च, 2018 के बीच खरीदे गए शेयरों पर LTCG टैक्स में छूट मिलेगी. यह छूट इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 10 के क्लॉज 38 के तहत मिलेगी. विभाग ने यह जवाब उस शंका को दूर करने के लिए दिया है, जिसमें आशंका जताई जा रही थी कि यह टैक्स 1 फरवरी व उसके बाद खरीदे गए सभी शेयरों पर लगेगा.
इन्हें भी मिलेगा टैक्स बेनेफिट
आयकर विभाग ने साफ किया है कि एक फरवरी 2018 से लेकर 31 मार्च, 2018 के बीच किए गए ट्रांसफर पर टैक्स बेनेफिट मिलेगा. हालांकि इस दौरान हुए लॉन्ग टर्म कैपिटल लॉस का ना ही निधान किया जा सकेगा और ना ही उसे कैरी फॉरवर्ड कर सकेंगे.
इन कंपनियों के शेयरों पर लगेगा टैक्स
कैपिटल गेन्स टैक्स उन कंपनियों के इक्विटी शेयरों पर लगेगा, जो मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हैं. इसके अलावा इक्विटी से जुड़े फंड और बिजनेस ट्रस्ट के यूनिट पर भी लगेगा.
आयकर विभाग ने यह भी साफ किया है कि रेजिडेंट टैक्स पेयर को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स से होने वाले भुगतान पर किसी भी तरह का टीडीएस नहीं काटा जाएगा. हालांकि नॉन-रेजिडेंट टैक्स पेयर्स को इस पेमेंट पर 10 फीसदी के दर से टैक्स का भुगतान करना होगा. इसमें फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर (FIIs) शामिल नहीं होंगे.
यहां यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि FIIs के मामले में भी 31 जनवरी, 2018 तक हासिल किए प्रॉफिट पर टैक्स नहीं लगेगा. 1 फरवरी से पहले अगर बोनस शेयर लिए गए हैं, तो उनसे 31 जनवरी तक हासिल होने वाले प्रॉफिट पर भी टैक्स नहीं देना होगा.