
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार साल 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जीडीपी ग्रोथ बढ़ाने पर जोर दे रही है. वहीं देश समेत दुनिया भर की रेटिंग एजेंसियां भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटा रही हैं. बीते दिनों रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटा दिया था. आरबीआई के बाद अब क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने अनुमान को घटा दिया है.
ताजा रिपोर्ट में मूडीज ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ग्रोथ रेट अनुमान घटाकर 5.8 फीसदी कर दिया है. पहले इसका जीडीपी ग्रोथ अनुमान 6.2 फीसदी था. इस लिहाज से मूडीज ने जीडीपी ग्रोथ अनुमान में 0.4 फीसदी की कटौती की है. वहीं मूडीज ने वित्त वर्ष 2020-21 में ग्रोथ रेट बढ़कर 6.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. मूडीज को उम्मीद है कि यह आंकड़ा आने वाले सालों में बढ़कर 7 फीसदी तक पहुंच जाएगा.
क्या है मूडीज का ताजा बयान?
मूडीज ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि 8 फीसदी तक GDP ग्रोथ रेट की जो संभावना थी उसको निवेश आधारित सुस्ती ने कमजोर किया है. इसके अलावा मांग में कमी और ग्रामीण घरों पर आर्थिक दबाव ने आर्थिक सुस्ती की समस्या को बढ़ा दिया है. मूडीज ने आर्थिक सुस्ती के पीछे उच्च बेरोजगारी दर और गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थान (NBFI) के पास कैश किल्लत जैसी समस्याओं का भी जिक्र किया है. मूडीज ने साथ ही यह भी कहा है कि अगर अर्थव्यवस्था में सुस्ती जारी रहती है तो इसके कई गंभीर परिणाम होंगे. इस वजह से सरकार की राजकोषीय घाटा कम करने की कोशिश को भी झटका लगेगा. इसके साथ ही कर्ज का बोझ भी बढ़ता जाएगा.
RBI ने भी दिया है झटका
इससे पहले बीते हफ्ते केंद्रीय बैंक आरबीआई ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान घटाने का ऐलान किया था. आरबीआई के अनुमान के मुताबिक इस वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 6.1 फीसदी की दर से हो सकता है. इससे पहले आरबीआई ने 6.9 फीसदी की दर से जीडीपी ग्रोथ का अनुमान जताया था.यानी कुछ महीनों में ही आरबीआई ने जीडीपी ग्रोथ के अनुमानित आंकड़े में 0.8 फीसदी की कटौती कर दी है.
सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी किसी भी देश की आर्थिक सेहत को मापने का सबसे अहम पैमाना होता है. इस आंकड़े से देश की आर्थिक स्थिति के बारे में अनुमान लग जाता है. भारत में जीडीपी की गणना हर तीसरे महीने यानी तिमाही के आधार पर होती है. भारत में यह आंकड़े सरकारी संस्था केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की ओर से जारी किए जाते हैं. ये आंकड़े मुख्य तौर पर आठ औद्योगिक क्षेत्रों- कृषि, खनन, मैन्युफैक्चरिंग, बिजली, कंस्ट्रक्शन, व्यापार, रक्षा और अन्य सेवाओं के क्षेत्र के होते हैं.