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PMC संकट: बैंक ने खोले थे 21,000 फर्जी खाते! पुलिस में दर्ज शिकायत से खुलासा

पंजाब ऐंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (PMC) ने अपने लोन एकाउंट को छिपाने के लिए 21,000 से ज्यादा फर्जी खातों का इस्तेमाल किया.  मुंबई पुलिस की आर्थ‍िक अपराध शाखा (EOW) में सोमवार को इस बारे में शिकायत दर्ज की गई.

पीएमसी बैंक में संकट से लाखों ग्राहकों को परेशानी पीएमसी बैंक में संकट से लाखों ग्राहकों को परेशानी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 3:00 PM IST

  • PMC बैंक के एनपीए को लेकर रिजर्व बैंक ने की है सख्ती
  • बैंक से ग्राहकों द्वारा निकासी और जमा पर लगा अंकुश
  • बैंक द्वारा की गई गड़बड़ी की सरकारी एजेंसियां कर रहीं जांच
  • मुंबई पुलिस की आर्थ‍िक अपराध शाखा में शिकायत

पंजाब ऐंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (PMC) ने अपने लोन एकाउंट को छिपाने के लिए 21,000 से ज्यादा फर्जी खातों का इस्तेमाल किया. सरकारी एजेंसियों ने पुलिस में जो शिकायत दर्ज कराई है उससे यह खुलासा हुआ है. पीएमसी के नवीनतम बैंक घोटाले ने लाखों लोगों पर असर डाला है.

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मुंबई पुलिस की आर्थ‍िक अपराध शाखा (EOW) में सोमवार को शिकायत दर्ज की गई. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, इसमें आरोप लगाया गया है कि बैंक प्रबंधन ने अपने नॉन परफॉर्मिंग एसेट और लोन वितरण को छुपाया जिससे बैंक का कम से कम 4355 करोड़ रुपये लोन एनपीए हो गया है. बैंक के 44 लोन का फायदा तो सिर्फ एक रियल एस्टेट कंपनी और उसकी समूह की कंपनियों को हुआ है.

गौरतलब है कि कर्ज में डूबी रियल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल अब इनसॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्शी कोड (IBC) के तहत इनसॉल्वेंसी प्रोसिडिंग का सामना कर रही है. कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के विफल हो जाने के बाद कंपनी गंभीर रूप से नकदी संकट का सामना कर रही है. पीएमसी के अलावा कंपनी को बैंक ऑफ इंडिया, कॉरपोरेशन बैंक, सिंडिकेट बैंक, इंडियन बैंक और देना बैंक ने कर्ज दे रखा था.

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बहीखाते में किया हेरफेर

शिकायत में कहा गया है, 'बैंक की वास्तविक वित्तीय हालत को छिपाया गया है और बैंक ने जानबूझ कर अपने वित्तीय आंकड़ों की गुलाबी तस्वीर पेश की है.' असल में फर्जी बैंक खातों के बारे में जानकारी बैंक के कोर बैकिंग सिस्टम में नहीं डाली गई. कुछ साल पहले हुए पंजाब नेशनल बैंक के करीब 14000 करोड़ रुपये के घोटाले में भी कुछ ऐसी ही तरकीब अपनाई गई थी.

 इस खुलासे पर फिलहाल पीएमसी, एचडीआईएल और रिजर्व बैंक का कोई बयान नहीं आया है. शिकायत में पंजाब ऐंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन वरियाम सिंह और उसके मैनेजिंग डायरेक्टर जॉय थॉमस और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का नाम है. उन पर धोखा देने, फर्जीवाड़े और फर्जी रिकॉर्ड तैयार करने का आरोप है. इसमें दिवालिया रियल एस्टेट कंपनी हाउसिंग डेवपलमेंट ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) का भी नाम है और साथ ही इसके दो पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों सारंग वाधवान और राकेश वाधवान का नाम है, जिनको इस लोन से फायदा हुआ है.

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि गंभीर जालसाजी जांच कार्यालय (SFIO) इस केस में HDIL की भूमिका की जांच करेगा और अगले दो महीने में जांच पूरा हो जाने की उम्मीद है.

कैसे शुरू हुआ बवाल

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने पंजाब ऐंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं. आरबीआई ने यह कार्रवाई बैंकिग रेलुगेशन एक्ट, 1949 के सेक्‍शन 35ए के तहत की है.

अब बैंक में कोई नया फिक्‍स्ड डिपॉजिट अकाउंट नहीं खुल सकेगा. इसके अलावा बैंक के नए लोन जारी करने पर भी पाबंदी लगा दी गई है. यही नहीं, बैंक के ग्राहक अगले 6 महीने तक 1000 रुपये से अधिक पैसा नहीं निकाल सकेंगे. इससे बैंक के लाखों ग्राहक परेशान हो गए और बैंक के खिलाफ प्रदर्शन होने लगे.

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