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PNB घोटालाः 6 देशों को ED जारी करेगा LR, नीरव मोदी पर कसेगा शिकंजा

प्रवर्तन निदेशालय ने पीएनबी में 11,400 करोड़ के घोटाले पर मुंबई की अदालत से अनुरोध पत्र (एलआर) जारी करने की अपील की थी. निदेशालय नीरव के विदेशी कारोबार और संपत्तियों के बारे में सूचना हासिल करने के लिए ऐसा चाहता था.

नीरव मोदी (फाइल फोटो) नीरव मोदी (फाइल फोटो)
विद्या/मुनीष पांडे
  • मुंबई/नई दिल्ली,
  • 26 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 8:12 PM IST

मनी लांड्रिंग रोधक कानून (पीएमएलए) अदालत ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को हजारों करोड़ों का घपला करने वाले हीरा व्यापारी नीरव मोदी की संपत्ति के बारे में जानकारी हासिल करने और सीज करने के मामले में 6 देशों को अनुरोध पत्र (एलआर) भेजने की इजाजत दे दी है.

इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 11,400 करोड़ रुपये के घोटाले पर मुंबई की अदालत से अनुरोध पत्र (एलआर) जारी करने की अपील की थी. निदेशालय हीरा कारोबारी नीरव के विदेशी कारोबार और संपत्तियों के बारे में विभिन्न देशों की सरकारी एजेंसियों के जरिए सूचना हासिल करने के लिए एलआर जारी कराना चाहता था.

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10 अधिकारियों को LoC जारी

दूसरी ओर, सीबीआई ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसे की कंपनियों से जुड़े 10 अधिकारियों को लुक आउट नोटिस (एलओसी) जारी कर दिया है. घोटाले को दोनों मुख्य आरोपी जांच में सहयोग नहीं दे रहे हैं. एलओसी के जरिए इस बात का भी पता लगाया जा सकेगा कि नीरव मोदी और उसके परिवार का भारत से बाहर जाना कहीं पहले से तय तो नहीं था.

पीएमएलए अदालत के समक्ष ईडी ने अपनी अपील में पीएमएलए कानून के तहत अनुरोध पत्र जारी करने का आग्रह किया था. ईडी का कहना था कि इससे उसे हॉन्गकॉन्ग, अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण अफ्रीका और सिंगापुर में अवैध कमाई जब्त करने और दस्तावेज तथा सबूत जुटाने में मदद मिलेगी.

अनुरोध पत्र दूसरे देश के लिए होता है जारी

अनुरोध पत्र (एलआर) देश की अदालत द्वारा दूसरे देश की अदालत को जारी किया जाता है. न्यायमूर्ति एमएस आजमी की अदालत ने सोमवार को निदेशालय की ओर से पेश दलीलों को सुना. ईडी ने अदालत को बताया कि नीरव मोदी ने कई कंपनियां बना रखी हैं. इनमें डायमंड आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट्स, स्टेलर डायमंड, फायरस्टार डायमंड भी शामिल हैं.

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ईडी ने कहा कि नीरव मोदी एकीकृत हीरा विनिर्माता बन गया था जो बिना तराशे हीरों का आयात करता था और तराशे हीरे और अन्य रत्न तथा डिजाइनर आभूषण बेचता था. निदेशालय ने अपनी अपील में कहा कि नीरव ने अपना कारोबार अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई, दक्षिण अफ्रीका और सिंगापुर तक फैला रखा है. उसने अपनी कंपनियों के लिए पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से समूह की कंपनियों के पक्ष में कई गारंटी-पत्र (एलओयू) हासिल किए जिसमें पीएनबी की ओर से भेजे गए स्विफ्ट (सोसायटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशंस) संदेशों के जरिये उसकी कंपनियों को कर्ज मिला.

विदेश में जमा है अवैध कमाई

जांच एजेंसी के अनुसार बाद में बैंक ने पाया कि ये एलओयू फर्जी तरीके से हासिल किए गए और बैंक के रिकार्ड में उनका उल्लेख नहीं था. ईडी ने कहा कि अपनी धोखाधड़ी तथा साजिश की गतिविधि के जरिये उसने 6,498 करोड़ रुपये की अपराध की कमाई जुटाई. इस अवैध कमाई का कुछ हिस्सा विदेशों में रखा हुआ है.

सीबीआई ने 31 जनवरी को नीरव मोदी और उसकी कंपनियों तथा एक अन्य आभूषण कारोबारी मेहुल चौकसी के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की थी. बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने भी इस मामले की जांच शुरू की.

साथ ही सीबीआई ने उन 5 बैंकों के मुख्य सतर्कता अधिकारियों से भी सूचनाएं मांगी हैं, जिनमें आभूषण कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की कंपनियों को जारी गारंटी पत्रों के आधार पर धन का लेनदेन हुआ.

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