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नोटबंदी के 59 फैसलों के बाद पहला यू-टर्न, जमा करें 5000 रुपये से अधिक

एक दिन पहले आरबीआई ने बैंक खाताधारकों को अपने पास रखी कुल पुरानी करेंसी (500 और 1000 रुपये की नोट) को एक बार में जमा कराने को कहा. साथ ही 5000 रुपये से अधिक जमा करने पर पूछताछ का प्रावधान कर दिया. अब आरबीआई को यह नियम वापस लेना पड़ गया. बीते 42 दिनों में यह पहला यू-टर्न है तो कई फैसले और भी हैं जो बार-बार बदले गए...

नोटबंदी पर रोज बदलते फैसलों के बीच पहला यू-टर्न नोटबंदी पर रोज बदलते फैसलों के बीच पहला यू-टर्न
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 21 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 1:45 PM IST

रिजर्व बैंक ने पुरानी करेंसी को जमा करने के लिए सबसे पहले 30 दिसंबर तक का समय दिया. इस अवधि तक 500 और 1000 रुपये के नोट जमा कराए जा सकते थे. लेकिन 19 दिसंबर को नया आदेश पारित करते हुए आरबीआई ने एक व्यक्ति को महज 5000 रुपये जमा कराने का नया आदेश दिया. आरबीआई ने कहा कि बैंक खाताधारकों को अपने पास पड़ी कुल पुरानी करेंसी को एक बार में जमा करानी होगी. लेकिन यह आदेश 24 घंटे से ज्यादा लागू नहीं रह पाया और बुधवार सुबह सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा.

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पुरानी करेंसी को जमा करने का नया नियम
सोमवार शाम आरबीआई ने नया नियम घोषित करते वक्त कहा था कि बार-बार बैंक में पुरानी करेंसी जमा कराने पर बैंक अधिकारी के सवालों का जवाब देना पड़ेगा. वहीं आरबीआई ने पुरानी नोटो को छोटे सेविंग अकाउंट में जमा करने पर भी पाबंदी लगा दी थी.

रिजर्व बैंक ने इस फैसले से बैंकों को 30 दिसंबर तक किसी भी ग्राहक से सिर्फ एक बार 5000 रुपये से अधिक जमा कराने को कहा गया था. हालांकि 5000 रुपये से अधिक रकम जमा करने पर बैंकों को यह भी कहा गया था कि वह ग्राहकों से रकम जमा कराने में देरी का कारण जरूर पूछें. यह पूछताछ भी बैंक के दो कर्मचारियों को एक साथ करनी थी.

5000 रुपये से कम जमा करने पर पूछताछ का कोई प्रावधान नहीं रखा गया था. हालांकि इस दौरान यदि किसी खाते में कई बार रकम जमा की जाती है और कुल जमा रकम 5000 रुपये से अधिक होते ही बैंक कर्मचारियों को ग्राहकों से देरी का कारण बताने के लिए कहा जाना था.

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नोटबंदी के 42 दिनों में बदलते और फैसले

नोट बदलवाने के लिए
नोटबंदी की शुरुआत में एक दिन में 4,500 रुपये की पुरानी करेंसी को बैंक में बदलकर नई करेंसी लेने का प्रावधान किया गया. इसके लिए आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया कि वह काउंटर से कैश बदलने वाले ग्राहकों की उंगली में स्याही का निशान लगाएं. लेकिन इसकी आलोचना होने के बाद स्याही लगाने के लिए मना कर दिया गया और बैंकों से करेंसी बदलने के काम को ही बंद कर दिया गया. आरबीआई ने नया फैसला सुनाते हुए कहा कि पुरानी करेंसी के बदले नई करेंसी देने का काम सिर्फ रिजर्व बैंक के ऑफिस पर किया जाएगा.

जरूरी सेवाओं के लिए छूट
नोटबंदी लागू होने के बाद सरकार ने पुरानी नोट को पेट्रोल पंप, दूध वेंडर जैसी जरूरी सेवाओं पर खर्च करने के लिए 72 घंटों की छूट दी. इसके बाद यह सीमा अगले 72 घंटों के लिए और बढ़ा दी गई और इसमें कई अन्य जरूरी सेवाओं को भी जोड़ दिया गया. इन 72 घंटों के बाद पुरानी नोट को खर्च करने के लिए 24 नवंबर तक का समय दे दिया गया. एक बार फिर इसे पेट्रोल पंप और टोल प्लाजा जैसी सेवाओं पर खर्च करने के लिए 15 दिसंबर तक का समय दे दिया गया.

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एटीएम से निकासी
नोटबंदी लागू करने के साथ आरबीआई ने सबसे पहले प्रति व्यक्ति प्रति कार्ड 2000 रुपये एटीएम से निकासी का नियम बनाया. लेकिन नोटबंदी प्रभावी होने के एक हफ्ते के अंदर आरबीआई ने इस सीमा को बढ़ाकर 4000 रुपये कर दिया जिसमें एक बार फिर संशोधन करते हुए 2,500 रुपये कर दिया जो फिलहाल लागू है.

बैंक काउंटर से विड्रॉवल के लिए
नोटबंदी घोषित करने के बाद आरबीआई ने सबसे पहले बैंक के काउंटर से एक दिन में 10,000 रुपये विड्रॉ करने की छूट दी. वहीं हफ्ते भर में बैंक ग्राहक अपने खातों से महज 24,000 रुपये निकाल सकते थे. लेकिन इस सीमा में संशोधन करते हुए आरबीआई ने प्रति दिन की सीमा को खत्म करते हुए सिर्फ हफ्ते में 24,000 रुपये के विड्रॉवल की शर्त को जारी रखा. वहीं आरबीआई ने करंट अकाउंट खाते से हफ्ते में महज 50,000 रुपये विड्रॉ करने की छूट दी. वहीं शादी के लिए रिजर्व बैंक ने 2.5 लाख रुपये निकालने की छूट देने की घोषणा की. इस घोषणा के बाद बैंकों को एक साथ इतनी बड़ी रकम देने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा जिसके बाद आरबीआई ने एक बार फिर निर्देश देते हुए कहा कि एक शादी के लिए 2.5 लाख रुपये की निकासी लड़का या लड़की के परिवारों और रिश्तेदारों में से सिर्फ एक आदमी कर सकता है.

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