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लोन डिफॉल्टर्स पर SC ने कहा- गरीब किसानों पर होती है कार्रवाई, अमीर हजम कर जाते हैं अरबों

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक से पूछा कि आप लोग लोन डिफॉल्टर्स से रकम वसूलने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं?

रोहित गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 12 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 4:37 PM IST

लोन डिफॉल्टर्स के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कुछ हजार का भी लोन न चुका पाने पर गरीब किसानों की संपत्त‍ि कुर्क हो जाती है, लेकिन अमीर लोग अरबों रुपये का लोन लेकर कंपनियां खड़ी करते हैं, खुद को दि‍वालिया घोषित कर देते हैं और केस चलता रहता है.

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RBI से पूछा- लोन डिफॉल्टर्स से पैसा वसूल करने के लिए क्या कदम उठाए?
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक से पूछा कि आप लोग लोन डिफॉल्टर्स से रकम वसूलने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं? सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई से पूछा कि अगर आपको लोन डिफॉल्टर्स के नामों का खुलासा करने में कोई दिक्कत है और आपको यह गोपनीय मामला लगता है तो एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स) के कुल रकम के खुलासे का क्या हुआ?

आरबीआई को जमकर फटकार लगाई
बोलचाल की भाषा में कहें तो एनपीए यानी ऐसा कर्ज, जो वसूल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने रिजर्व बैंक से कहा कि आप ही के मुताबिक एनपीए की रकम कई लाख करोड़ों में हैं. आपने ही था कि अगर इस रकम का खुलासा हुआ तो देश की अर्थव्यवस्था पर भी असर होगा.

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मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को
रिजर्व बैंक ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जो बैंक हमारी गाइडलाइंस का पालन नहीं कर रहे, हमें उनके खिलाफ कार्रवाई की है. हम कुछ मामलो में कार्रवाई कर चुके हैं. आरबीआई ने इससे पहले डिफॉल्टर्स के नामों को सार्वजनिक करने पर असहमति जताई थी. इस मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होनी है.

प्रशांत भूषण ने दायर कर रखी है याचिका
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने डिफॉल्टर्स पर कार्रवाई को लेकर करीब एक दशक पहले याचिका दायर की थी. उन्होंने हुडको में हुए घोटाले को लेकर अर्जी दाखिल की थी, जिसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने यह टिप्पणी की.

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