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ग्राहकों को राहत देने वाला रियल्टी कानून आज से लागू, जानिए क्या हैं फायदे

कानून लागू होने से प्रमोटर और बिल्डर प्रोजेक्ट पूरा करने में देरी नहीं कर पाएंगे. इसमें नियमों का उल्लंघन करने वाले बिल्डरों पर भारी जुर्माने के साथ ही तीन साल तक की सजा का भी प्रावधान है.

प्रभावी हुआ रियल एस्टेट कानून प्रभावी हुआ रियल एस्टेट कानून
स्‍वपनल सोनल
  • नई दिल्ली,
  • 01 मई 2016,
  • अपडेटेड 2:56 PM IST

उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने और बिल्डरों की जवाबदेही तय करने के लिए बनाया गया रियल एस्टेट कानून रविवार से लागू हो जाएगा. इस कानून को लागू होने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि बिल्डरों को तय समय के भीतर ग्राहकों को उनके फ्लैट उपलब्ध कराने होंगे.

कानून लागू होने से प्रमोटर और बिल्डर प्रोजेक्ट पूरा करने में देरी नहीं कर पाएंगे. इसमें नियमों का उल्लंघन करने वाले बिल्डरों पर भारी जुर्माने के साथ ही तीन साल तक की सजा का भी प्रावधान है. कानून में सभी आवासीय और कमर्शियल प्रोजेक्टों के लिए रियल एस्टेट रेगुलेटर के पास पंजीकरण कराना अनिवार्य बनाया गया है. यह नियम नई और चालू परियोजनाओं दोनों पर ही लागू होगा.

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छह महीने के भीतर राज्य सरकार बनाएंगे नियम
इस संबंध में सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक, कानून के प्रावधानों के अंतर्गत केंद्र और राज्य सरकारों को छह महीने के भीतर नियम बनाने होंगे. इसके साथ ही प्रोजेक्ट के तहत फ्लैटों की समय से डिलीवरी सुनिश्चित कराने के लिए प्रस्तावित रियल एस्टेट रेगुलेटर और अपीलीय ट्रिब्यूनल भी एक साल में बन जाएंगे. कानून के लागू हो जाने के साथ ही से जरूरी कामकाज के नियमों और संस्थागत इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने की प्रक्रिया की तैयारी भी शुरू हो जाएगी.

2009 में पहली बार रखा था प्रस्ताव
आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने रियल एस्टेट कानून की 92 में से 69 धाराओं को बुधवार को ही अधिसूचित कर दिया था. मंत्रालय जल्द ही नियामक प्राधिकरणों के लिए मॉडल रेगुलेशन भी तैयार करके उपलब्ध करवा देगा. रियल एस्टेट के लिए रेगुलेटर बनाने का प्रस्ताव पहली बार 2009 में राज्यों के आवास मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान रखा गया था.

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