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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में 5 बैंकों का मर्जर, सुधरेगा 'कैश फ्लो'

पांच सहायक बैंकों के विलय से केन्द्र सरकार को उम्मीद है कि इससे देश की बैंकिंग व्यवस्था मजबूत होगी. इस विलय से जहां सहायक बैंकों के सभी ग्राहकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एसबीआई की सभी सुविधाओं का फायदा मिलेगा.

केन्द्र सरकार ने 5 सहायक बैंकों के मर्जर को दी मंजूरी केन्द्र सरकार ने 5 सहायक बैंकों के मर्जर को दी मंजूरी
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 15 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 9:28 PM IST

केन्द्र सरकार ने देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) में देशभर से 5 सहायक बैंकों का विलय करने का फैसला लिया है. इस फैसले से अब स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ ट्रैवेनकोर के अधीन हो जाएंगे.

पांच सहायक बैंकों के विलय से केन्द्र सरकार को उम्मीद है कि इससे देश की बैंकिंग व्यवस्था मजबूत होगी. इस विलय से जहां सहायक बैंकों के सभी ग्राहकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एसबीआई की सभी सुविधाओं का फायदा मिलेगा.

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केन्द्र सरकार ने यह फैसला अपने इंद्रधनुष एक्शन प्लान के तहत लिया है. सरकार को उम्मीद है कि इससे देश के बैंकिंग सेक्टर की कार्यक्षमता और मुनाफा दोनों में इजाफा होगा.

इन सहायक बैंकों के विलय से सरकार को उम्मीद है कि देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक मर्जर के पहले साल में ही 1000 करोड़ रुपये से अधिक सेविंग्स कर लेगी.

नोटबंदी के बाद सरकार के इस फैसले से इन सभी सहायक बैंकों में पड़ी प्रतिबंधित करेंसी के मैनेजमेंट के साथ-साथ नई करेंसी के संचार के काम को बेहतर किया जा सकेगा. सरकार की दलील है कि जहां 6 अलग बैंक इस काम को करते वहीं अब एक बैंक पूरे काम को करेगा.

 

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