
सुप्रीम कोर्ट से यूनिटेक बिल्डर्स को तगड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने यूनिटेक को अपने ग्राहकों को 15 करोड़ रुपये लौटाने का निर्देश दिया है. ये ग्राहक यूनिटेक के गुड़गांव में चल रहे विस्टास प्रोजेक्ट के हैं.
NCDRC के फैसले को दी गई थी चुनौती
सुप्रीम कोर्ट में यूनिटेक ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग(NCDRC) के 2015 के फैसले के खिलाफ याचिका लगाई है. आयोग ने गुड़गांव के सेक्टर-70 में चल रहे प्रोजेक्ट विस्टास के 38 ग्राहकों को पूरा पैसा ब्याज समेत लौटाने का निर्देश दिया था. आयोग में ग्राहकों ने अपनी अर्जी में कहा था कि 2008 में प्रोजेक्ट लांच हुआ था और 2012 में उन्हें फ्लैट मिलने थे लेकिन यूनिटेक ने उन्हें मकान डिलीवर नहीं किये.
शीर्ष अदालत की सख्ती
अब सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में यूनिटेक को ये निर्देश दिया है कि वो 2 हफ्ते में 5 करोड़ रुपये और बाकी की रकम 30 सितम्बर तक सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करे. मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा 'इस तरह जब हम ग्राहकों को बिल्डर्स द्वारा परेशान होते देखते हैं तो बहुत तकलीफ होती है.'
यूनिटेक ने दी ये दलील
मामले की सुनवाई के दौरान यूनिटेक के वकील कपिल सिब्बल ने जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस यू यू ललित की बेंच से कहा की अगर इस तरह से ग्राहकों को पैसा लौटाने के लिए कहा जाएगा तो और भी ग्राहक अर्जी लगायेंगे और इस तरह प्रोजेक्ट नॉन परफार्मिंग एसेट यानी NPA हो जाएगा.
30 सितंबर तक जमा कराना होगा पैसा
अदालत के आदेश के मुताबिक 30 सितम्बर तक यूनिटेक को पूरी रकम सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करनी होगी. सुप्रीम कोर्ट खुद ग्राहकों को रकम वापस करने का इंतजाम करेगी. मामले की अगली सुनवाई अब 4 अक्टूबर को होगी.