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सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) को सुपरटेक बिल्डर के एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट की जांच के आदेश दिए हैं. बुधवार को कोर्ट ने कहा कि एनबीसीसी चार हफ्तों में नोएडा सेक्टर-93 स्थित इस प्रोजेक्ट की जांच रिपोर्ट अदालत में सौंपे.
एनबीसीसी को जांच करनी है कि एमराल्ड प्रोजेक्ट में अवैध टावर 16 और 17 बनाने में सुपरटेक ने बिल्डिंग प्लान का उल्लंघन किया है या नहीं. प्रोजेक्ट की स्टडी के दौरान सुपरटेक, नोएडा अथॉरिटी और पीड़ित ग्राहक भी मौजूद रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने दो ग्राहकों की अर्जी पर सुपरटेक को नोटिस भी जारी किया है.
दोनों याचिकाकर्ताओं की मांग है कि सुपरटेक उनका पूरा पैसा इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के मुताबिक वापस करे.
हाई कोर्ट ने दिए टावर गिराने के आदेश
बता दें कि सुपरटेक ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. हाई कोर्ट ने नोएडा सेक्टर-93 में सुपरटेक के एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में अवैध तौर पर बनाए गए दो टावर गिराने के निर्देश दिए थे. इससे पहले 19 जुलाई को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक को सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में 5 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो इस मामले की सुनवाई तभी करेगा, जब सुपरटेक 5 करोड़ जमा करेगी. अदालत ने कहा था कि उसकी अंतरात्मा इस बात की इजाजत नहीं देती कि वो पैसा जमा हुए बगैर सुपरटेक की अपील पर सुनवाई करे.