
देश की टॉप आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को शेयर बाजार रेग्युलेट करने वाली संस्था सेबी की ओर से सख्त सलाह दी गई है. बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा है कि टीसीएस निवेशकों के समक्ष महत्वपूर्ण जानकारियां रखने के प्रति सावधान रहे.
क्या है मामला?
दरअसल, सेबी ने पाया है कि टीसीएस ने अमेरिका में एक मामले में हुए नुकसान को लेकर जानकारियों को प्रमुखता से प्रदर्शित नहीं किया है. यही वजह है कि सेबी ने सलाह दी है. बता दें कि टीसीएस ने 16 अप्रैल 2016 को शेयर बाजारों को एपिक सिस्टम्स के साथ बौद्धिक संपदा अधिकार के एक मामले से संबंधित अमेरिकी अदालत के फैसले के बारे में बताया था.
जुर्माने का उल्लेख नहीं
टीसीएस के द्वारा दी गयी जानकारी से संकेत मिलता है कि उसे इस मामले में विस्कॉन्सिन की एक अदालत में दायर मुकदमे में निर्णायक मंडल का फैसला मिला है. लेकिन इसमें टीसीएस के खिलाफ लगाये गये 94 करोड़ डॉलर के जुर्माने का उल्लेख नहीं किया गया.
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कंपनी ने 18 अप्रैल 2016 को अपने वित्तीय परिणामों की घोषणा करते समय इसे आकस्मिक देनदारियों के हिस्से के रूप में दिखाया था. सेबी ने कहा कि कंपनी को शेयर बाजारों को जानकारी देते समय जुर्माने का प्रमुखता से उल्लेख करना चाहिये था.
सेबी ने कंपनियों को दिया है ये आदेश
बता दें कि सेबी ने हाल ही में निवेशकों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है. दरअसल, सेबी ने लिस्टेड कंपनियों से कहा है कि वे कोरोना का उनके व्यवसाय पर पड़े प्रभाव के बारे में निवेशकों और हितधारकों को सही समय पर जानकारी उपलब्ध कराएं. सेबी ने लिस्टेड कंपनियों से यह भी कहा है कि वह कोविड-19 के प्रभाव के बारे में जानकारी देते वक्त चयनात्मक नहीं हों. इन जानकारियों के सार्वजनिक होने के बाद निवेशक अपनी सूझबूझ का इस्तेमाल कर निवेश करेंगे.