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7वें वेतन आयोग से यूं बदलेगी आपकी जिंदगी और देश की अर्थव्यवस्था

केन्द्रीय बजट से पहले सरकारी विभाग पिछले बजट में मिले पैसे को खर्च करने में जुट जाते है. इस बार ऐसा नहीं होगा. केन्द्र सरकार ने सभी विभागों से कहा है कि वह वित्त वर्ष खत्म होने से पहले अपने खजाने को खाली न करें. सरकार की तरफ से यह निर्देश सातवें वेतन आयोग के लिए फंड जुटाने की कवायद के चलते दिया गया है.

सातवें वेतन आयोग से से आएगी कारोबारी तेजी सातवें वेतन आयोग से से आएगी कारोबारी तेजी
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 23 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 8:56 AM IST

केन्द्रीय बजट से पहले सरकारी विभाग पिछले बजट में मिले पैसे को खर्च करने में जुट जाते है. इस बार ऐसा नहीं होगा. केन्द्र सरकार ने सभी विभागों से कहा है कि वह वित्त वर्ष खत्म होने से पहले अपने खजाने को खाली न करें. सरकार की तरफ से यह निर्देश सातवें वेतन आयोग के लिए फंड जुटाने की कवायद के चलते दिया गया है.

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वित्त मंत्रालय के मुताबिक केन्द्र सरकार अगले वित्त वर्ष के लिए विभागों को अतिरिक्त ग्रांट नहीं देगी क्योंकि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए फंड एकत्रित करने का दबाव उसके ऊपर है. हालांकि वित्त मंत्रालय ने मनरेगा पर होने वाले खर्च को इस निर्देश से बाहर रखा है.

7वें वेतन आयोग से क्या बदलेगा
1. सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से लगभग 1 करोड़ केन्द्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगियों की कमाई में औसतन 23.5 फीसदी का इजाफा होगा.

2. वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से सैलरी पाने वाले कर्मचारियों के पास कैश- दोनों वास्तविक और डिजिटल में बढ़ोत्तरी होगी. इसका सीधा फायदा देश में खपत में इजाफे के तौर पर देखने को मिलेगा.

3. परिवार के पास बढ़े हुए पैसे से देश में घर और गाड़ियों की मांग बढ़ने के पूरे आसार हैं. बैंकों को उम्मीद है कि इस बढ़ती मांग से देश में बैंकों की लेंडिंग बढ़ेगी जिससे बैंक अधिक कारोबार और मुनाफा दर्ज कर सकेंगे.

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4. नौकरीशुदा लोगों की जेब में अधिक पैसा होने की स्थिति में ड्यूरेबल गुड्स में कंज्यूमर डिमांड में इजाफा देखने को मिलेगा जिससे इंडस्ट्रियल सेक्टर में कारोबारी तेजी के साथ-साथ अधिक नौकरी पैदा करने में मदद मिलेगी.

5. बीते वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद प्रत्यक्ष तौर पर देखने को मिला है कि ऑटोमोबाइल सेक्टर और कंज्यूमर ड्यूरेबल समेत एफएमसीजी कंपनियों को सबसे ज्यादा फायदा मिला है.

6. वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद सैलरी पा रहे लोगों का खर्च बढ़ने से सरकार के रेवेन्यू में भी इजाफा दर्ज होगा. अधिक पैसे का साफ मतलब है कि लोगों की सेविंग्स में भी इजाफा दर्ज होगा और यही अर्थव्यवस्था में मिडिल क्लास की सबसे बड़ी ताकत है.

7. कंज्यूमर गुड्स की अधिक मांग से देश में इंफ्लेशन बढ़ने का भी खतरा है. हालांकि बीते दो वर्षों के दौरान सरकार ने महंगाई पर लगाम लगा रखा है. इससे डिमांड के जरिए बढ़ने वाली महंगाई आम आदमी और सरकार के लिए ज्यादा बड़ी परेशानी नहीं होगी.

8. सातवें वेतन आयोग के पॉजिटिव इंपैक्ट की उम्मीद पर रिजर्व बैंक सभी बैंकों से ब्याज दर कम करने की अपील कर रही है. लिहाजा एक बार जैसे ही केन्द्र सरकार अपने 47 लाख कर्मचारी और 53 लाख पेंशनभोगी को वेतन आयोग से हुए इजाफे की रकम पहुंचा देगी देश में गाड़ी, कार और होम लोन सस्ते हो जाएंगे.

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9. सातवें वेतन आयोग से बढ़ी इनकम और देश में कम दरों पर कर्ज की उपलब्धता देश में सुस्त पड़े रियल एस्टेट सेक्टर को उबारने के पर्याप्त है.

10. अधिक खपत और अधिक मांग का सीधा असर देश में नई नौकरियों में इजाफे के तौर पर देखने को मिलेगा. नौकरियों में यह इजाफा खासतौर पर मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में दिखेगा.

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