
इस कारोबारी हफ्ते का आखिरी दिन बाजार के लिए काफी बुरा साबित हुआ. सुस्त शुरुआत के बाद शुक्रवार को बाजार गिरावट के साथ बंद हुए. निफ्टी जहां 10 हजार के नीचे पहंच गया. वहीं, सेंसेक्स 31922 के स्तर पर बंद हुआ. निफ्टी जहां 157 अंकों की गिरावट के साथ 9964 अंकों पर बंद हुआ. वहीं, सेंसेक्स में 447 अंकों की गिरावट दर्ज की गई.
उत्तर कोरिया की धमकी का असर
उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम परीक्षण करने की खबरों का एशियाई बाजार पर काफी बुरा असर पड़ा. इसकी वजह से घरेलू बाजार की भी कमजोर शुरुआत हुई. मार्केट में आई इस गिरावट के लिए जियो पॉलिटिकल टेंशन और वैश्विक दबाव जिम्मेदार रहा.
निफ्टी 50 में 4 रहे हरे निशान के ऊपर
निफ्टी 50 में सिर्फ 4 कंपनियों के शेयर हरे निशान के ऊपर रहे. इसमें एचसीएल, विप्रो, इंफ्राटेल और टाटा मोटर्स के शेयर शामिल रहे. शुक्रवार को मेटल, रियल्टी, बैंकिंग, ऑटो, एफएमसीजी शेयरों में जोरदार बिकवाली हुई है. सभी सेक्टरल इंडेक्स लाल निशान के साथ बंद हुए हैं.
बेहतर रहे थे शुरुआती तीन दिन
इस कारोबारी हफ्ते के शुरुआती तीन दिन शेयर बाजार के लिए बेहतर रहे, लेकिन फेडरल रिजर्व के फैसलों के बाद बाजार के सुस्त पड़ने की शुरुआत हुई है. शुक्रवार को उत्तर कोरिया की तरफ से हाइड्रोजन बम परीक्षण करने की आशंका ने बाजार को और भी सुस्त कर दिया.
फेडरल रिजर्व के फैसलों के बाद हुआ धीमा
फेडरल रिजर्व की दो दिन तक चली बैठक के बाद ही बाजार की चाल धीमी हुई है. यूएस फेडरल रिजर्व के ब्याज दरें घटाने की आशंका और बैलेंस शीट मेंटेंन करने की खबरों का बाजार पर असर पड़ा. इसके बाद उत्तर कोरिया की हाइड्रोजन बम परीक्षण की धमकी ने बाजार में बिकवाली बढ़ा दी.