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नोटबंदी की वजह से रबी सीजन की बुवाई पर कोई असर नहीं: कृषि मंत्री

कृषि मंत्री ने कहां कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद पिछले 2 सालों से देश के मेहनतकश किसान ने कृषि उत्पादन बढ़ा कर देश को बड़ा सहारा दिया है.

राधामोहन सिंह राधामोहन सिंह
सिद्धार्थ तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 25 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 11:51 PM IST

कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने नोटबंदी की वजह से रबी सीजन की बुआई पर बुरा असर पढ़ने की बात को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा है कि पिछले साल से अगर तुलना करें तो इस साल अभी तक फसल की बुवाई ज्यादा हुई है, जो लोग नोटबंदी की वजह से किसानों को नुकसान होने की बात कर रहे हैं वह दरअसल किसानों की आड़ में अपना उल्लू सीधा करना चाह रहे हैं. कृषि मंत्री ने कहां कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद पिछले 2 सालों से देश के मेहनतकश किसान ने कृषि उत्पादन बढ़ा कर देश को बड़ा सहारा दिया है.

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उन्होंने कहा कि नोटबंदी से किसान पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि खेती से होने वाली आय इनकम टैक्स से मुक्त है. कृषि मंत्री ने यह बात दिल्ली में ‘मेक इन इंडिया के लिए कृषि मशीनीकरण’ कॉफ़ी टेबल बुक का लोकार्पण करते हुए कही. कृषि मंत्री ने रबी सीजन की अब तक हुई बुवाई को सामने रखा, उनके मुताबिक कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों पर नजर डालें तो 25 नवंबर तक 327.62 लाख हेक्टेयर रकबे में बुवाई हो चुकी है. पिछले साल इस समय तक महज 313.17 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो पाई थी.

पंजाब हरियाणा और उत्तर प्रदेश में गेहूं की बुआई में तेजी पकड़ ली है 25 नवंबर तक देशभर में 127.1 5 लाख हेक्टेयर इलाके में गेहूं की बुआई हो चुकी है, पिछले साल समान अवधि में 117.32 लाख हेक्टेयर इलाके में बुवाई हुई थी. इसी तरह दलहन की बुवाई रकबे में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है. अब तक देशभर में 95.09 लाख हेक्टेयर इलाके में दलहनी फसलें बोई जा चुकी हैं जबकि पिछले साल इसी अवधि में 88.12 लाख हेक्टेयर इलाके में दलहन की बुआई हुई थी.

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25 नवंबर तक तिलहनी फसलों की बुआई देशभर में 64.21 लाख हेक्टेयर इलाके में की जा चुकी है जबकि पिछले साल इसी अवधि में 56.26 लाख हेक्टेयर इलाके में बुवाई हुई थी, तो कुल मिलाकर रबी सीजन की बुवाई पर नोट बंदी का कोई विपरीत असर नहीं दिखाई दे रहा है. कृषि मंत्री का कहना है कि जिन लोगों ने देश को 70 साल तक लूटा उनको मोदी जी के साहसिक कदम से बड़ा झटका लगा है. नोट बंदी की वजह से परेशान ऐसे लोग किसानों के नाम पर राजनीति करना चाह रहे हैं. लेकिन आम आदमी और किसान नरेंद्र मोदी सरकार के कालेधन के खिलाफ उठाए गए इस कदम के समर्थन में है लिहाजा विपक्षी पार्टियों को इस तरह की राजनीति से कुछ हासिल होने नहीं जा रहा है.

कृषि मंत्री ने जानकारी दी कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा देश मे कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ष 2014-15 से कृषि यंत्रीकरण उपमिशन प्रारम्भ किया गया, जिसका उदेश्य छोटे और सीमान्त किसानो तथा उन क्षेत्रो मे जहां कृषि यंत्रो की उपलब्धता कम है, वहां कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देना है.

उन्होंने आगे कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ने कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए दो वर्षों 2014 - 2016 में इस मद में रुपये 342 करोड़ दिए जबकि इसके पहले की सरकार ने 2012 से 2014 के बीच महज रुपये 62 करोड़ दिए थे. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने 2016-17 के लिए इस मद में रुपये 118 करोड़ जारी किए हैं.

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