Advertisement

किसानों को नहीं, काले धन की खेती करने वालों को घबराने की जरूरतः कृषि मंत्री

कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि जो लोग कालेधन की खेती करते हैं, सिर्फ और सिर्फ उनको बड़े नोट बंद करने के फैसले से परेशानी हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले में जो फैसला लिया है, वह काफी निर्णायक और साहसिक कदम है.

कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह
मोनिका शर्मा/सिद्धार्थ तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 10 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 2:30 AM IST

कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि जो लोग कालेधन की खेती करते हैं, सिर्फ और सिर्फ उनको बड़े नोट बंद करने के फैसले से परेशानी हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले में जो फैसला लिया है, वह काफी निर्णायक और साहसिक कदम है.

बड़े फैसलों से होती है थोड़ी तकलीफ
उनके मुताबिक देशभर में पिछले कुछ सालों से जिस तरह का माहौल बना हुआ था, उसके पीछे सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार था. भ्रष्टाचारियों से निपटने के लिए 500 और 1000 के नोटों को वापस लिया जाना एक बड़ा कदम है. जब बड़े फैसले लिए जाते हैं तो थोड़ी बहुत तकलीफ तो होती ही है.

Advertisement

किसानों की परेशानियां जल्द होंगी खत्म
कृषि मंत्री ने मंडियों में किसानों को हो रही तकलीफ के बारे में कहा कि इस तरह की परेशानियां जल्द ही दूर हो जाएंगी. बड़े नोट बंद करने का फैसला देश हित में लिया गया है. इससे गलत कामों में लग रहे पैसे पर लगाम लगेगी और साथ ही आतंकवादियों को मिल रही फंडिंग को रोका जा सकेगा. इससे आम आदमी को घबराने की जरूरत नहीं है. मोदी सरकार के इस कदम का अंततः सबसे बड़ा फायदा हमारे देश के किसान को ही होगा.

किसानों को नहीं, काले धन की खेती करने वालों को डर
खेती के जरिए काले धन के मामले में किए जा रहे खेल के बारे में कृषि मंत्री राधामोहन ने कहा कि किसान को डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि सिर्फ उन लोगों को डरने की जरूरत है जो काले धन की खेती करते हैं. गांव देहात में रहने वाले लोगों के पास बड़े नोट नहीं बल्कि अपनी जरूरत के मुताबिक छोटे नोट होते हैं. ऐसे में किसानों को थोड़ी बहुत दिक्कत तो होगी लेकिन यह दिक्कत फौरी तौर पर होगी.

Advertisement

सरकार ने किए हैं जरूरी इंतजाम
सरकार ने तमाम जरूरी इंतजाम किए हुए हैं इसलिए स्थिति सामान्य हो जाएगी और इस फैसले का देश की किसानों पर कोई भी विपरीत असर नहीं पड़ेगा. अगर थोड़ी बहुत दिक्कत हुई थी तो बड़े-बड़े कामों में हल्की फुल्की परेशानी तो होती ही है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement