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कैशलेस इकोनॉमी बनाने के लिए अमेरिका को लेना होगा भारत से सबक

अमेरिका को भारत द्वारा कैशलेस इकोनॉमी की दिशा में बढ़ाए गए कदम से कई अहम बाते सीखने की जरूरत है. ऐसा मानना है सिलिकन वैली एक्सपर्ट विवेक वाधवा का जिन्होंने वॉशिंग्टन पोस्ट में लिखे ओपन-संपादकीय में ये बात कही है.

कैशलेस इकोनॉमी की दिशा में बड़ा कदम कैशलेस इकोनॉमी की दिशा में बड़ा कदम
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली/ न्यूयार्क,
  • 24 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 3:01 PM IST

अमेरिका को भारत द्वारा कैशलेस इकोनॉमी की दिशा में बढ़ाए गए कदम से कई अहम बाते सीखने की जरूरत है. ऐसा मानना है सिलिकन वैली एक्सपर्ट विवेक वाधवा का जिन्होंने वॉशिंग्टन पोस्ट में लिखे ओपन-संपादकीय में ये बात कही है.

वाधवा के मुताबिक भारत ने अपने लिए एक मजबूत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है. वह दिन ज्यादा दूर नहीं कि वह महज कुछ सेकेंड में इंटरनेट करेंसी बिटकॉयन से कई गुना अधिक डिजिटल ट्रांजैक्शन करने में सक्षम हो जाएगा.

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वाधवा के मुताबिक भारत ने फाइनेंनशियल टेक्नोलॉजी की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने डिजिटल ट्रांजैक्शन का वह खांका तैयार किया है जैसे चीन ने अपने लिए दि ग्रेट वॉल या अमेरिका ने इंटरस्टेट हाइवे का खांका तैयार किया था.

टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट वाधवा का मानना है कि भारत द्वारा लांच किया गया यूपीआई (यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस) जिससे बिलिंग और ट्रांजैक्शन कॉस्ट शून्य हो गई है. यह कदम कार्ड पेमेंट सिस्टेम के ऊपर एक बड़ी जीत है. वाधवा के मुताबिक अमेरिका में भी यूपीआई के जरिए पेमेंट करने में यह टेक्नोलॉजी पूरी तरह से सक्षम है और यह ट्रांसफर महज कुछ सेकेंडों में किया जा सकता है, जबकि बिटकॉयन से ट्रांजैक्शन में भी कम से कम 10 मिनट का समय लगता है.

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