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EPF में ‘खेल’ कर रहे थे करोड़पति, सरकार बोली- ब्याज पर यूं ही नहीं लगाया टैक्स

राहुल श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली,
  • 04 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 6:07 PM IST
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में ऐलान किया कि साल भर में 2.5 लाख रुपये ज्यादा PF में निवेश पर करने पर उसका ब्याज टैक्स के दायरे में आएगा. यानी एक वित्त वर्ष में केवल 2.5 लाख रुपये तक के निवेश पर ही टैक्स छूट का लाभ मिलेगा. 
 

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सरकार के इस फैसले को लेकर कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं कि इससे निवेशकों को झटका लगा है. लेकिन अब वित्त मंत्रालय ने इस पर अपना तर्क दिया है. राजस्व विभाग के एक सूत्र ने बताया कि टैक्ट छूट को युक्तिसंगत बनाने के लिए ऐसा कदम उठाया गया है. उन्होंने बताया कि कुछ लोग इस छूट का गलत तरीके से फायदा उठा रहे हैं. (Photo: File)

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दरअसल, पीएफ पर अधिक ब्याज मिलने की वजह से कुछ मोटी सैलरी वाले उच्च नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNI) इसकी आड़ में करोड़ों रुपये ब्याज में कमा रहे थे. जबकि ईमानदार करदाताओं को सही से लाभ नहीं मिल पा रहा था. सूत्रों की मानें तो पीएफ में योगदानकर्ताओं के बीच काफी असमानता है, जो अब इस बदलाव से दूर हो जाएगा.  (Photo: File)
 

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आंकड़ों के मुताबिक देश में 4.5 करोड़ से अधिक ईपीएफ योगदानकर्ता हैं. इनमें से 1.23 लाख से अधिक HNI खाताधारक हैं, यानी जो हर महीने अपने PF खातों में बहुत बड़ी रकम का योगदान करते हैं. उनका कुल योगदान फिलहाल 62,500 करोड़ रुपये है. जिसपर ये बिना टैक्स दिए 8 फीसदी की दर से ब्याज पा रहे हैं. जो कि एक तरह से ईमानदार वेतनभोगी वर्ग और अन्य करदाताओं के पैसे हैं. (Photo: File)
 

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हालांकि उन लोगों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, जो बड़ी रकम पीएफ में डालकर ब्याज का लाभ ले रहे थे. वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक एक पीएफ खाता ऐसा है, जिसमें 103 करोड़ रुपये जमा हैं. उसके बाद दो HNI के खातों में 86-86 करोड़ रुपये जमा हैं. यही नहीं, टॉप-20 एचएनआई पीएफ खातों में करीब 825 करोड़ रुपये डिपॉजिट हैं. वहीं टॉप-100 एचएनआई के खातों में 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम है. (Photo: File)
 

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सूत्रों ने बताया कि कुल ईपीएफ खाताधारकों में HNI योगनदानकर्ता महज 0.27% हैं. लेकिन जो भी HNI हैं, वो औसतन प्रति व्यक्ति 5.92 करोड़ रुपये पीएफ में जमा करते हैं, और योजनाबद्ध तरीके बिना टैक्स के सालाना औसतन प्रति व्यक्ति 50.3 लाख रुपये ब्याज उठाते हैं.  (Photo: File)

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दरअसल, पीएफ पर टैक्स छूट के साथ-साथ अच्छे रिटर्न मिलते हैं. इसलिए लोग पीएफ में निवेश को पहले विकल्प के तौर पर देखते हैं. लेकिन अगर अब आप साल भर में 2.5 लाख रुपये ज्यादा पीएफ में निवेश करते हैं, तो ब्याज से कमाई टैक्स के दायरे में आएगी. यह नियम 1 अप्रैल 2021 से लागू होगा. (Photo: File)
 

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आइए एक उदाहरण से समझते हैं कि कितने ब्याज पर टैक्स लगेगा. अगर कर्मचारी का पीएफ में सालाना योगदान 3 लाख रुपये है तो 2.5 लाख रुपये के पीएफ योगदान पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. बाकी 50000 रुपये के योगदान पर टैक्स लगेगा. (Photo: File)

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मान लीजिए कि पीएफ पर ब्याज दर 8 फीसदी है, इस हिसाब से अतिरिक्त 50 हजार के योगदान पर कर्मचारी को 4000 रुपये ब्याज मिलेंगे. अब अगर कर्मचारी 30 फीसदी वाले टैक्स स्लैब में आता है तो कर्मचारी को 1200 रुपये टैक्स के तौर पर देने पड़ेंगे. इस पर 4 फीसदी का स्वास्थ्य और शिक्षा सेस जोड़ दिया जाए, तो ये टैक्स बढ़कर करीब 1248 रुपये हो जाएगा. यानी अगर सालाना कर्मचारी 3 लाख रुपये पीएफ में जमा करता है, तो उसे टैक्स के रूप में अब 1248 रुपये देने होंगे. (Photo: File)
 

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टैक्स कितना कटेगा?
ये टैक्स उतना ही कटेगा, जिस टैक्स स्लैब में कर्मचारी की सैलरी है. यानी कर्मचारी की सैलरी अगर 30 फीसदी वाले टैक्स स्लैब में है, तो पीएफ योगदान 2.50 लाख से ऊपर के ब्याज पर 30 फीसदी ही टैक्स लगेगा. (Photo: File)

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कौन होगा प्रभावित? 
जिन लोगों की सैलरी ज्यादा है, उन पर इसका असर पड़ने वाला है. कम सैलरी वालों को कोई दिक्कत नहीं होनी वाली है. जिन कर्मचारियों का पीएफ हर महीने 20 हजार 833 रुपये तक कटता है, उनपर कोई असर नहीं होगा. इससे ऊपर वाले इसके दायरे में आएंगे. (Photo: File)
 

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