
अगर आप कोई नौकरी या फिर बिजनेस नहीं कर रहे हैं, तो भी आपको इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना चाहिए. यही नहीं घर जॉब न करने वाली महिलाओं (Housewives) के लिए भी ये काम करना फायदे का सौदा साबित हो सकता है. इस काम को करने के लिए आपको अपना थोड़ा सा समय देना होता है और इससे मिलने वाले फायदे जानकर आप चौंक जाएंगे. आइए जानते हैं कि बेरोजगार और हाउस वाइफ को आखिर क्यों रिटर्न भरना चाहिए?
31 जुलाई है रिटर्न भरने की डेडलाइन
असेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की तारीख नजदीक आ रही है. आयकर विभाग की ओर से इसके लिए 31 जुलाई 2023 की तारीख तय की है. इस डेडलाइन के आगे बढ़ने की संभावना नहीं दिख रही है और राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि वित्त मंत्रालय आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा को 31 जुलाई से आगे बढ़ाने पर कोई भी विचार नहीं कर रहा है.
आमतौर पर हाउस वाइफ ये सोचकर इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं करती है, कि उनकी कोई नियमित आय नहीं है. लेकिन ऐसा सोचना कहीं न कहीं उन्हें परेशान कर सकता है. दरअसल, आज के समय में लोन लेने से लेकर वीजा पाने तक के लिए इस दस्तावेज को अहम माना जाता है और इसकी जरूरत पड़ती है.
हाउस वाइफ भर सकती हैं निल में ITR
कोई जॉब या कारोबार न करने वाले या फिर गृहणियों को निल आईटीआर या शून्य आईटीआर (Nil ITR) फाइल करना चाहिए. दरअसल, यह ऐसा इनकम टैक्स रिटर्न होता है, जिसमें कोई टैक्स लायबिलिटी नहीं होती है. यानी आप पर कोई टैक्स नहीं बन रहा है, फिर भी आप आईटीआर भर रहे हैं, तो वह निल आईटीआर कहलाता है. इसके जरिए आपको कई कामों में सहूलियतें मिल जाती हैं, जैसे अगर आकस्मिक जरूरत पड़ने पर लोन लेना हो, तो इसकी आवश्यकता पड़ती है. निल में आईटीआर भरने के फायदों की लिस्ट काफी लंबी है.
पहला फायदा : Loan लेना आसान
ऐसे लोगों के लिए टैक्स रिटर्न दाखिल करना भले ही अनिवार्य न हो, लेकिन अगर कोई हाउस वाइफ ITR भर रही है, तो इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है कि उसे किसी तरह का कोई टैक्स भी भरना होगा. दोनों में काफी अंतर है. पहले फायदे की बात करें तो जिन गृहिणियों की आय शून्य है और वो अपना खुद का बिजनेस शुरू करने का प्लान बना रही हैं और लोन लेने की जरूरत पड़ती है. तो ऐसी स्थिति में टैक्स रिटर्न भरने वाली महिलाओं के लिए ये आसानी से अप्रूव हो जाता है. लोन रिलीज करने के लिए ज्यादातर बैंकों में एक से तीन साल के रिटर्न का रिकॉर्ड पेश करना होता है.
दूसरा फायदा : Visa पाने में मददगार
अगर आप बिना किसी आय के हर साल Nill ITR फाइल करते हैं, तो फिर वीजा (Visa) प्राप्त करने में आपको आसानी हो सकती है. वीजा के लिए अप्लाई करते वक्त 3 वर्षों तक आईटीआर फाइल करने के डॉक्यूमेंट्स की मांग की जाती है. दरअसल, इसके जरिए विभाग को यह पता चलता है कि अप्लाई करने वाला आवेदक हर कानून का पालन करता है और यात्रा के दौरान और वापसी तक के लिए उसके पास पर्याप्त आर्थिक साधन मौजूद हैं. आईटीआर पेश करना यहां भले ही वैकल्पिक है, लेकिन इससे वीजा पाने में आसानी जरूर होती है.
तीसरा फायदा : संपत्ति बिक्री या निवेश
हाउस वाइफ्स के लिए शून्य आईटीआर दाखिल करने का एक और बड़ा फायदा उस समय मिलता है, जब वो अपने नाम पर रजिस्टर्ड संपत्ति यानी जमीन या मकान की बिक्री करती है. या फिर स्टॉक मार्केट या म्यूचुअल फंड्स में इन्वेस्टमेंट करते हैं. संपत्ति बेचने या फिर शेयर बाजार में निवेश पर होने वाली आय के दौरान कैपिटल गेन पर जो टैक्स की देनदारी बनती है. ऐसे में ITR भरना आपके लिए जरूरी होता है.
सेविंग स्कीम्स, शेयर मार्केट इन्वेस्टमेंट में किए गए निवेश के बढ़ने पर आप आईटीआर के जरिए आयकर विभाग द्वारा तय नियमों के तहत टैक्स लाभ पा सकते हैं. इसके अलावा आयकर के दायरे में न आने के बावजूद आपके बैंक जमा पर मिलने वाले Interest या अन्य किसी तरह की इनकम पर कटने वाले TDS को वापस दिलाने में मददगार होता है.