
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का कोरोना टेस्ट रिपोर्ट तो निगेटिव है लेकिन रिम्स के प्राइवेट वार्ड में उनकी मदद के लिए तैनात 3 सेवादारों के पॉजिटिव पाए जाने से उनके समर्थकों और पार्टी में चिंता बढ़ गई है.
पार्टी के प्रवक्ता का मानना है कि जो हालात हैं उससे साफ है कि राजद अध्यक्ष अभी संक्रमण के दायरे से बाहर नहीं हैं और उनके संक्रमण का खतरा बना हुआ है. लिहाजा पार्टी की मांग है कि विशेष परिस्थितियों में उन्हें बेल दे देना चाहिए.
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जबकि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का कहना है कि उनके स्वास्थ्य पर सरकार की पैनी नजर है और तमाम जरूरी कदम उठाए जाएंगे. रिम्स के प्राइवेट वार्ड में राजद सुप्रीमो लालू यादव फर्स्ट फ्लोर पर रहते हैं.
दिसंबर 2017 में चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता होने के बाद अलग-अलग स्वास्थ्य संबंधी शिकायत को लेकर लालू को यहीं रखा गया है. हालांकि संयोग है कि इससे बिल्कुल सटे भवन में स्टेट कोविड-19 सेंटर है, जहां लालू भर्ती हैं. उसके ग्राउंड फ्लोर स्थित कैंटीन में कोरोना पॉजिटिव केस पाया गया है. उनके सेवादार पॉजिटिव निकले हैं.
कई बीमारियों से ग्रसित हैं लालू
पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की उम्र 60 साल से अधिक है. इसके अलावा वो क्रोनिक डायबिटिक हैं, हाइपर टेंशन के पुराने मरीज हैं. बायपास सर्जरी हो चुकी है. हर्ट के भी मरीज हैं और उनकी किडनी सिर्फ 50 फीसदी के बेसलाइन के आसपास काम करती है.
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साथ ही उन्हें कुछ अन्य बीमारियां भी हैं. ऐसे में उनके पुत्र कई बार अपने पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जता चुके हैं. राजद और लालू समर्थक बेहद चिंतित हैं. वे चाहते हैं कि लालू को बेल दे दिया जाए.
रिम्स का परिसर भी जो उनके समर्थकों से भरा रहता था अब खाली नजर आता है. कोरोना का खौफ हर तरफ साफ दिखता है. राजद की झारखंड ईकाई की प्रवक्ता अनीता यादव ने पार्टी सुप्रीमो के लिए बेल की मांग की है.
राज्य में हालात चिंताजनक
इस मुद्दे पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का कहना है कि सरकार लालू यादव के स्वास्थ्य पर पैनी नजर रख रही है. चूंकि वो एक बार अपने सेवादार के संपर्क में आए हैं, उनकी और जांच की जाएगा. उसके बाद समीक्षा की जाएगी कि उनके स्वास्थ्य के सुरक्षा को लेकर क्या कदम उठाया जाएं.
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हालांकि पूरे प्राइवेट वार्ड को सैनिटाइज कर दिया गया है और उसे बाहरी लोगों के लिए सील भी कर दिया गया है. जरूरत के हिसाब से शिफ्ट करने से लेकर कोई भी जरूरी कदम उठाया जाएगा.
कोरोना को लेकर झारखंड में हालात वाकई चिंताजनक है. लिहाजा राजद की चिंता फिलहाल अपने सुप्रीमो को लेकर गलत नहीं है. प्रदेश में रिकवरी रेट 26 जुलाई के आंकड़े के मुताबिक महज 44 फीसदी है जबकि राष्ट्रीय औसत 63 फीसदी है. डेथ ग्रोथ रेट यहां पर 5.56% है जबकि राष्ट्रीय औसत 3.53% है.