Advertisement

CBI को मिले सबूत, सारंग अकोलकर दाभोलकर के हत्यारों में से एक!

अंधविश्वास विरोधी सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामले में सीबीआई का मानना है कि दूसरा हत्या सारंग अकोलकर हो सकता है. वीरेंद्र तावड़े के रूप में पहली गिरफ्तारी होने के बाद सीबीआई को कुछ अहम सबूत मिले हैं.

अंधविश्वास विरोधी सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर अंधविश्वास विरोधी सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर
मुनीष पांडे
  • मुंबई,
  • 14 जून 2016,
  • अपडेटेड 7:34 AM IST

अंधविश्वास विरोधी सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामले में सीबीआई का मानना है कि सारंग अकोलकर हत्यारों में से एक हो सकता है. वीरेंद्र तावड़े के रूप में पहली गिरफ्तारी के बाद सीबीआई को इस मामले में कुछ अहम सबूत मिले हैं.

अकोलकर के खिलाफ इंटरपोल ने जारी किया ता नोटिस
हत्या के इस मामले में सीबीआई की गिरफ्त में आए हिंदू जनजागृति मंच के वीरेंद्र तावड़े के ईमेल की जांच से पता चला है कि संस्था के एक सीनियर मेंबर ने तावड़े को कहा था कि वह सिर्फ दाभोलकर पर फोकस करे. वहीं सारंग दो महीने पहले घर लौटा था. उसके खिलाफ 2009 में इंटरपोल ने भी नोटिस जारी किया हुआ था.

Advertisement

ठाणे, वासी और गोवा ब्लास्ट का आरोपी है अकोलकर
मुंबई के ठाणे और वासी सहित गोवा में हुए ब्लास्ट में भी वह आरोपी था. साल 2013 में तावड़े से उसके ईमेल संपर्क के बाद से वह जांच एजेंसी के रडार पर था. सीबीआई के मुताबिक तावड़े को गिरफ्तार करने के लिए केवल ये ही इकलौता ईमेल नहीं था बल्कि और भी कई ईमेल थे.

दाभोलकर की हत्या से पहले भेजे गए थे ईमेल
46 साल के ईएनटी सर्जन वीरेंद्र तावड़े ईमेल के जरिए अकोलकर से संपर्क में था. अकोलकर का भी सनातन संस्था से संबंध रहा है. ये सभी ईमेल्स दाभोलकर की हत्या करने से पहले भेजे गए थे. ईमेल से पता चलता है कि संस्था के 5 या 6 लोग इस हत्या में शामिल थे.

तावड़े-अकोलकर के 18 ईमेल में दाभोलकर का नाम
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि तावड़े और सनातन संस्था के एक वरिष्ठ सदस्य और अकोलर के बीच बातचीत वाली 18 ईमेल ऐसी थीं जिनमें दाभोलकर का जिक्र किया गया था. 2010 की तीन ईमेल तो और भी महत्वपूर्ण हैं. बातचीत में देसी बंदूक के लिए देसी साहित्य और विदेशी बंदूकों के लिए विदेशी साहित्य कोडवर्ड का इस्तेमाल किया गया था.

Advertisement

कोड वर्ड में बात करते थे तावड़े और अकोलकर
ये तीनों अपनी बातचीत को इनकोड करने के लिए संस्कृत में भी बातचीत करने की कोशिश करते थे. ईमेल की तारीख और समय से ऐसा लगता है कि ये हत्या की साजिश कर रहे थे. इस्तेमाल किए गए कोड कारखाना को डिकोड करने की भी कोशिश की जा रही है.

एक जैसी हुई दाभोलकर, पानसारे और कलबुर्गी की हत्या
बेंगलोर फोरेंसिक लैब की बैलिस्टिक रिपोर्ट के मुताबिक दाभोलकर की हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार से ही पनसारे की हत्या भी की गई थी. पनसारे की हत्या में इस्तेमाल किए गए दूसरे हथियार से कलबुर्गी की जान ली गई थी. तावड़े की गिरफ्तारी के बाद जांच एजेंसी इन दोनों हत्या कांड को जल्द ही सुलझा सकती है.

हिंदू विरोधियों को मिटाने के लिए थी सारी तैयारी
सीबीआई को ईमेल के जरिए यह भी पता चला है कि अकोलकर और तावड़े हिंदू विरोधी तत्वों के लिए 15 हजार की संख्या में लोगों की तैनाती करना चाहता था. दोनों ने साल 2008 में ही दाभोलकर की हत्या का प्लान बनाने की शुरुआत की थी.

सीबीआई ने सीज किया सनातन संस्था का सर्वर
सीबीआई ने सनातन संस्था का सर्वर भी सीज कर दिया है. इससे बरामद डाटा में दाभोलकर और पानसारे का नाम भी दर्ज है. टार्गेट लिस्ट में कुछ पुलिस अफसरों के भी नाम हैं. तावड़े 8 ईमेल का इस्तेमाल करता था. अकोलकर से भी उसने दो ईमेल आईडी के जरिए बातचीत की थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement