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LOVE ट्रायंगल: मां के प्रेमी को चाहने लगी बेटी तो गंवानी पड़ी जान

एक घर में मां और बेटी के बीच मुहब्बत की बिसात पर शह-मात की बाजी सजी थी. इस लव ट्रायंगल में एक तरफ मां थी, तो दूसरी तरफ बेटी और तीसरी तरफ था वो आशिक, जिसे दोनों चाहते थे. और फिर इस लव स्टोरी का अंत इतना खौफनाक हुआ कि जिसने भी सुना हैरान रह गया.

वारदात वारदात
लव रघुवंशी/सुप्रतिम बनर्जी
  • नई दिल्ली,
  • 03 जून 2016,
  • अपडेटेड 2:46 PM IST

एक घर में मां और बेटी के बीच मुहब्बत की बिसात पर शह-मात की बाजी सजी थी. इस लव ट्रायंगल में एक तरफ मां थी, तो दूसरी तरफ बेटी और तीसरी तरफ था वो आशिक, जिसे दोनों चाहते थे. और फिर इस लव स्टोरी का अंत इतना खौफनाक हुआ कि जिसने भी सुना हैरान रह गया. क्योंकि शह-मात के इस खेल में एक मां ने अपनी मुहब्बत के लिए खुद अपने हाथों से अपनी जवान बेटी का कत्ल कर दिया.

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फेसबुक पर करीब आए मंजू-विजय
दुनिया के लाखों लोगों की तरह पंजाब की एक हाउसवाइफ मंजू ने भी बड़े शौक से अपना एक फेसबुक अकाउंट बनाया था. जल्द ही इस एकाउंट में दोस्तों की फेहरिस्त लंबी होने लगी. लेकिन इसी फेहरिस्त में एक नाम ऐसा भी था, जिससे मंजू की दोस्ती कुछ अलग थी. ये एक खास दोस्त था. नाम था विजय. जो हिंदुस्तान की सरहद से मीलों दूर सऊदी अरब में रहता था. पहले बातों ही बातों में मुलाकात हुई, और फिर कब इंटरनेट के रास्ते ने दोनों एक-दूसरे के करीब आ गए, ये खुद उन्हें भी पता नहीं चला. लेकिन इधर, इन दोनों का प्यार परवान चढ़ रहा था और उधर तकदीर इस लव स्टोरी के लिए कुछ और ही प्लान किए बैठी थी.

अचानक हुई दीक्षा की मौत
देखते ही देखते आठ महीने गुजर गए और अब मंजू का आशिक विजय हिंदुस्तान लौटनेवाला था. विजय हरियाणा के रेवाड़ी का रहनेवाला था. लेकिन महीनों से फेसबुक की चैटिंग के बाद अब दोनों एक-दूसरे से मिलने को बेकरार थे. मंजू ने विजय को अपने घर अबोहर आने की दावत दी और विजय ने ये न्यौता कुबूल भी कर लिया. मंजू के पति की पहले ही मौत हो चुकी थी. और वो अबोहर में अपनी 17 साल की बेटी दीक्षा के साथ अकेली रहती थी. ऐसे में दोनों के रिश्तों से किसी को ज्यादा ऐतराज भी नहीं हो सकता था. अब मंजू और विजय करीब पांच महीनों से साथ ही रह रहे थे. लेकिन इसी बीच एक रोज मंजू की जवान बेटी दीक्षा की अचानक रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई. वो अपने कमरे में फंदे से लटकती हुई मिली और उसके पास ही एक सुसाइड नोट भी मिला. पहली नजर में मामला सुसाइड का ही था.

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टैटू से खड़े हुए सवाल
लेकिन जैसे ही तफ्तीश आगे बढ़ी पुलिस की नजर एक ऐसी चीज पर पड़ी कि वो चौंक उठी. दीक्षा की लाश की बांह पर एक ऐसा लफ्ज लिखा हुआ देखा कि उनका माथा ठनक गया. 17 साल की दीक्षा ने किसी धारदार चीज से अपनी बांह पर विजय लिख रखा था. लेकिन विजय तो दीक्षा की मां मंजू का आशिक था. फिर सवाल ये था कि आखिर दीक्षा ने अपनी बांह पर विजय का नाम क्यों लिखा? क्या दीक्षा भी अपनी मां के आशिक विजय से ही प्यार करती थी? या फिर दीक्षा की मौत का सच कुछ और था?

पुलिस को दिया फर्जी सुसाइड नोट
उधर, दीक्षा की मां मंजू ने दीक्षा का जो सुसाइड नोट पुलिस को सौंपा, उसमें उसकी खुदकुशी की वजह पुश्तैनी जायदाद ना मिलने को बताई गई थी. और कहा गया था कि इस मौत के लिए उसकी दादा-दादी, ताऊ-ताई और बुआ जिम्मेदार है. लेकिन महज 17 साल की उम्र में प्रॉपर्टी के लिए जान देने की बात भी पुलिस को जरा अजीब लग रही थी. और जब पुलिस ने दीक्षा के हाथ पर गुदे विजय के नाम को लेकर तफ्तीश आगे बढ़ाई, तो उसे इस लड़की की मौत की जो कहानी पता चली, उसने कुछ देर के लिए पुलिस वालों का भी दिमाग घुमा दिया. जी हां, दीक्षा की मौत कोई खुदकुशी नहीं, बल्कि कत्ल थी. और कातिल भी कोई और नहीं बल्कि वो थी खुद उसकी मां मंजू.

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मंजू ने किए एक तीर से दो शिकार
मंजू एक तीर से दो शिकार करना चाहती थी. उसने अपने आशिक के साथ मिलकर अपनी बेटी का कत्ल तो किया ही. बचने के लिए कत्ल को खुदकुशी का रंग देकर झूठे सुसाइड नोट में तमाम ससुरालवालों के नाम भी लिख दिए. पुलिस इस तरफ तफ्तीश भी कर रही थी. लेकिन तभी अचानक लाश की बांह पर गुदे एक नाम ने पुलिसवालों को कत्ल सुराग दे दिया.

अब सवाल ये था कि आखिर दीक्षा ने ऐसा क्यों किया? और अपनी बांह पर विजय लिखने के चंद रोज बाद ही उसने खुदकुशी क्यों कर ली? एक उलझाने वाली बात ये भी थी कि अगर दीक्षा भी विजय से ही प्यार करती थी, तो उसने खुदकुशी क्यों की? फिर सुसाइड नोट में उसने प्यार मुहब्बत की बात नहीं लिख कर जायदाद की कहानी क्यों लिखी? ये तमाम सुराग कुछ और ही इशारा कर रहे थे.

अब पुलिस ने दीक्षा की मां मंजू और उसके आशिक विजय से अलग-अलग पूछताछ करने का फैसला किया. और दोनों से पूछताछ के बाद जो कहानी सामने आई, वो बेहद अजीब और चौंकानेवाली थी.

विजय को लेकर मां-बेटी में झड़प
मंजू के आशिक विजय के उसके घर आते ही मंजू की बेटी दीक्षा भी उसे चाहने लगी थी. लेकिन जब मंजू को ये बात पता चला कि तो वो दीक्षा पर आगबबूला हो गई. अब मंजू भी विजय से शादी करना चाहती थी और उसकी बेटी दीक्षा भी. इसी बीच दीक्षा ने अपनी मां मंजू और विजय को आपत्तिजनक हालत में देख लिया. इसे लेकर मां-बेटी के बीच पहले तो जोरदार लड़ाई हुई. और फिर मां मंजू ने अपने आशिक विजय के साथ मिलकर दीक्षा का गला घोंट दिया. फिर मामले को खुदकुशी का रंग देने के लिए लाश फंदे से टांग दी. और ससुरालवालों को फंसाने के लिए विजय से सुसाइड नोट में उनका नाम लिखवा दिया.

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पोस्टमार्टम से आई सच्चाई सामने
उधर, दीक्षा की मौत के बाद से ही उसकी मां मंजू और आशिक विजय लगातार पुलिस को उलझाने की कोशिश कर रहे थे. मंजू की अपने ससुरालवालों से रिश्ते अच्छे नहीं थे और दीक्षा की जान लेने के बाद वो एक तीर से दो शिकार करना चाहती थी. उसने पहले तो अपने ही आशिक विजय से दीक्षा के नाम से एक सुसाइड नोट लिखवाया और फिर उसमें अपने सास-ससुर समेत कई ससुरालियों के नाम लिखवा दिए.. जबकि उनका इस मामले से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं था. बाद में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी ये बात साफ हुई कि दीक्षा की मौत फंदे से लटकने की वजह से नहीं बल्कि गला घोंटे जाने की वजह से हुई थी.

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