
Killer Mother Soochna Seth: साल 2023 के आखिरी महीने में बेंगलुरु की एक अदालत ने एक ऑर्डर पास किया था. जिसमें लिखा था कि सूचना सेठ अपने बेटे को महीने में 4 बार यानी हर संडे उसके पिता वेंकट रमन से मिलने देगी. कोर्ट के इस आदेश के बाद अगले चार संडे तक वेंकट रमन अपने बेटे से मिलने के लिए सूचना सेठ के घर गया. मगर सूचना ने अपने बेटे को उसके पिता से मिलने नहीं दिया. हालांकि सूचना जानती थी कि अदालत के फरमान को वो ज्यादा दिनों तक टाल नहीं सकती. बस इसी के बाद पांचवां संडे से आने पहले ही उसने एक खौफनाक साजिश रच डाली.
पोस्टमॉर्टम से लगभग 36 घंटे पहले हुआ था बच्चे का कत्ल
मंगलवार को चित्रदुर्ग के सरकारी अस्पताल के मुर्दाघर में सूचना सेठ के चार साल के बेटे का पोस्टमॉर्टम हुआ. पोस्टमॉर्टम डॉक्टरों की एक टीम ने किया. शुरुआती पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक बच्चे की मौत स्ट्रैंगुलेशन यानी गला घोंटे जाने या फिर स्मोदरिंग यानी सांस रोके जाने की वजह से हुई. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक बच्चे का कत्ल पोस्टमॉर्टम शुरू होने से लगभग 36 घंटे पहले किया गया था. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि बच्चे के जिस्म पर कहीं भी किसी तरह के चोट का कोई भी निशान नहीं है. पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर कुमार नायक का कहना है कि बच्चे के कत्ल के लिए तकिया, तौलिया या किसी तार का इस्तेमाल हो सकता है.
रूम नंबर 404 में मिले थे खून के निशान
अब इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया. सवाल ये कि जब बच्चे के जिस्म पर चोट या ज़ख़्म के कोई निशान ही नहीं, तो फिर होटल सोल बनयान ग्रैंडे होटल के रूम नंबर 404 जिसमें सूचना ठहरी थी, उसमें खून के धब्बे कहां से आए? कमरे के खून के धब्बे यानी ब्लड स्टेन का जिक्र खुद गोवा पुलिस ने भी किया था. तो रूम नंबर 404 में मिले खून के बूंदों की पहेली अब सुलझ चुकी है. इस पहेली को सुलझाने का काम सूचना सेठ के बांये हाथ की इस पट्टी ने किया है. एक तस्वीर उस वक्त की है, जब सूचना सेठ को गोवा पुलिस अदालत में पेश करने ले जा रही थी. तस्वीर में साफ है कि सूचना के बायें हाथ पर पट्टी बंधी है.
होटल के स्टाफ ने दी थी पुलिस को खबर
गोवा के डीजीपी जसपाल सिंह ने आज तक से बातचीत में कहा कि बेटे का क़त्ल करने के बाद सूचना ने कैंची से अपने बांये हाथ की कलाई काटने की कोशिश की थी. उसी कोशिश के दौरान खून रिसने लगा. कमरे में बरामद खून के वो बूंदें सूचना की ही थी. दरअसल, कमरे में पाई गई खून की वो बूंदें ही थीं, जिसने सबसे पहले होटल स्टाफ का ध्यान खींचा था. इसी के बाद होटल के स्टाफ ने पुलिस को इसकी खबर दी थी.
बेटे को मारकर सुसाइड करना चाहती थी सूचना
गोवा से बेंगलुरु जाते वक्त कैब ड्राइवर के जरिए जब गोवा पुलिस ने सूचना से उसके कमरे में पाये गए खून की बूंदों के बारे में पूछा था, तब सूचना ने कुछ और ही कहानी सुनाई थी. गोवा पुलिस के मुताबिक तब उसने कहा था कि कमरे में मौजूद खून उसके पीरिएडस के चलते हैं. वो उसे साफ करने के लिए होटल स्टाफ को पैसे देने को भी तैयार है. लेकिन खून की सच्चाई तब सामने आई, जब सूचना को चित्रदुर्ग से गोवा लाया गया. बांये हाथ पर बंधी पट्टी के बारे में जब उससे पूछा गया, तब उसने पहली बार ये खुलासा किया कि बेटे की मौत के बाद कलाई की नसें काट कर वो भी मरना चाहती थी. लेकिन फिर हिम्मत नहीं हुई.
बेटे के कत्ल से किया इनकार
हालांकि एहतियात के तौर पर गोवा पुलिस ने कमरे से बरामद खून को डीएनए जांच के लिए भेज दिया है. ताकि ये पता चल सके कि खून सचमुच सूचना का ही है. हालांकि, दूसरी तरफ गोवा पुलिस के सूत्रों के मुताबिक सूचना इस बात से साफ इनकार कर रही है कि उसने अपने बच्चे का कत्ल किया है. उसका कहना है कि कब और कैसे उसके बच्चे का मुंह दब गया और उसकी सांस रुक गई, उसे नहीं मालूम.
लाश की वजह से भारी हो गया था बैग
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के हिसाब से सूचना के बेटे की मौत 7 जनवरी की रात 8 से 10 बजे के दरम्यान हुई. इस हिसाब से सूचना ने अपनी कलाई की नसें काटने की कोशिश भी लगभग उसी वक्त की थी. लेकिन फिर उसने खुदकुशी का इरादा छोड़ दिया. और उसी के बाद होटल से ही कैब बुक करा कर रात करीब डेढ़ बजे बेंगलुरु के लिए निकल पड़ी. कैब ड्राइवर के मुताबिक होटल पहुंचने के बाद जब उसने सूचना का बैग उठा कर इनोवा कार की डिग्गी में रखा, तभी उसे अहसास हो गया था कि बैग उसके अंदाज़े से कहीं ज्यादा वजनी है. उसने सूचना से पूछा भी तब सूचना ने कहा था कि बैग में एकस्ट्रा कपड़े और दूसरे सामान हैं. इसलिए भारी लग रहा है.
बेंगलुरु जाते वक्त पकड़ी गई सूचना
कैब ड्राइवर के मुताबिक उसे अहसास ही नहीं था कि जिस बैग को उठा कर उसने डिग्गी में रखा है, उसमें किसी बच्चे की लाश भी हो सकती है. बैग रखवाने के बाद सूचना पीछे वाली सीट पर बायीं तरफ बैठ गई. शुरुआत मं कुछ बातों के अलावा पूरे सफर में सूचना खामोश थी. अपने ही बैग में अपने ही बच्चे की लाश रख कर सूचना गोवा से बेंगलुरु जाते हुए रास्ते में ही पकड़ी गई. कायदे से कहें तो रंगे हाथों पकड़ी गई.
पति से नफरत की खातिर किया बेटे का कत्ल
मगर इसके बावजूद अब भी बहुत से लोगों को ये यकीन नहीं हो रहा है कि एक मां अपने बच्चे को इस तरह मार कर उसकी लाश के साथ यूं सफर कर सकती है. उससे भी ज्यादा इस बात पर लोगों को यकीन नहीं आ रहा है कि एक पत्नी महज अपने पति से नफरत करने की खातिर अपने ही हाथों अपने बच्चे को मार सकती है. लेकिन अब तक की तफ्तीश में गोवा पुलिस ने जो कुछ पाया है उससे लगभग ये साफ हो जाता है कि सूचना ने सचमुच सिर्फ और सिर्फ पति से नफरत की खातिर ही अपने बच्चे को मार डाला.
पति के खिलाफ दर्ज कराई थी शिकायत
दरअसल, सूचना और उसके पति वेंकटरमन के बीच अनबन की शुरुआत 2019 में उनके बच्चे के पैदा होने के साथ ही शुरू हो गई थी. लेकिन तब तक ये लड़ाई झगड़ा आम पति-पत्नी जैसा ही था. दोनों झगड़ते, फिर सुलह हो जाती. लेकिन 8 अगस्त 2022 को सूचना ने पहली बार घर के झगड़े को तब आम कर दिया, जब उसने अपने पति वेंकटरमन पर घरेलू हिंसा का इल्जाम लगाते हुए पुलिस में रिपोर्ट लिखा दी. रिश्ते यहीं से पूरी तरह से खराब हो गए थे.
बेंगलुरु की फैमिली कोर्ट ने पास किया था ऑर्डर
हालांकि वेंकटरमन ने इस इल्जाम को झूठा बताया, लेकिन तब तक बात इतनी बढ़ चुकी थी कि दोनों कोर्ट पहुंच गए. दोनों ही तरफ से तलाक की अर्जी दे दी गई. अब कोर्ट में एक तरफ तलाक का मामला चल रहा था और दूसरी तरफ वेंकटरमन के खिलाफ डोमेस्टिक वायलेंस का. 18 अगस्त 2022 को डोमेस्टिक वायलेंस के केस पर सुनवाई करते हुए बेंगलुरु के फैमिली कोर्ट ने एक ऑर्डर पास किया. ऑर्डर ये था कि वेंकटरमन ना तो अब सूचना के घर जाएगा और ना ही अपने बच्चे से मिलेगा. यहां तक कि उन दोनों से वो कोई कम्युनिकेशन भी नहीं रखेगा. जाहिर है तब तक दोनों मियां बीवी अलग-अलग ही रह रहे थे. कोर्ट के इस फैसले के बाद सूचना अब खुश थी. क्योंकि वो नहीं चाहती थी कि वेंकटरमन कभी अपने बेटे से मिले.
हर संडे बेटे से मिल सकता था वेंकट
उधर, तलाक का मुकदमा अब भी बेंगलुरु की फैमिली कोर्ट में जारी था. कुछ वक्त बाद ही वेंकटरमन ने फैमिली कोर्ट में कम से कम तलाक का फैसला होने तक अपने बेटे से मिलने की अर्जी लगा दी. उसी अर्जी के बाद दिसंबर 2023 में फैमिली कोर्ट ने एक ऑर्डर पास किया. ऑर्डर ये था कि वेंकटरमन बाप होने के नाते अपने बेटे से महीने में चार बार हर संडे को मिल सकता है और सूचना उसे अपने बेटे से मिलने से नहीं रोकेगी.
सूचना ने बेटे को वेंकट से मिलने नहीं दिया
कोर्ट के इस आदेश के बाद वेंकटरमन खुश हो गया. ऑर्डर के मुताबिक दिसंबर में ही पहले संडे को वो सूचना के घर अपने बेटे से मिलने गया. लेकिन सूचना ने उसे बेटे से नहीं मिलवाया. इसके बाद अगले तीन संडे वो और गया, पर पूरा महीना बीत गया. सूचना ने वेंकट रमन को एक बार भी उसके बेटे से मिलने नहीं दिया. वेंकटरमन के वकील ने कोर्ट के आदेश के बावजूद उसे उसके बेटे से ना मिलने देने के लिए सूचना के खिलाफ फिर से फैमिली कोर्ट में एक अर्जी दे दी.
पांचवें संडे से पहले ही सूचना ने रची साजिश
फैमिली कोर्ट के आदेश के बाद अब पांचवां संडे 7 जनवरी 2024 को पड़ने वाला था. सूचना को पता ही नहीं था कि उसका पति वेंकटरमन बिजनेस ट्रिप के सिलसिले में इंडोनेशिया गया हुआ है. उसे लगा कि इस बार फिर संडे को वो अपने बेटे से मिलने आएगा. और बस यहीं उसने एक प्लानिंग की. संडे आने से एक दिन पहले ही 6 जनवरी यानी शनिवार को वो एक एप से गोवा का एक होटल बुक करती है और फ्लाइट की टिकट और चुपचाप 6 जनवरी को बेंगलुरु से गोवा पहंच जाती है. इसके बाद की कहानी आपको पता ही है.
गुजारा भत्ते के नाम पर ढाई लाख रुपये की मांग
बेटे के अलावा पति-पत्नी के बीच झगड़े की एक और वजह भी सामने आई है. बेंगलुरु की जिस फैमिली कोर्ट में सूचना और वेंकटरमन के तलाक का मुकदमा चल रहा है, उसी कोर्ट में सूचना ने एक अर्जी डाल कर अपने और अपने बच्चे के खर्चे के लिए हर महीने गुजारा भत्ता के तौर पर वेंकटरमन से ढाई लाख रुपये की मांग की थी. सूचना ने अदालत में तर्क दिया था कि वेंकटरमन की सालाना सैलरी 1 करोड़ से भी ज्यादा है. ऐसे में ढाई लाख रुपये महीना उसके लिए कुछ ज्यादा नहीं होगा.
वेंकट रमन की कामयाबी से परेशान थी सूचना
दरअसल, एक जमाने में सूचना और वेंकटरमन एक साथ अपनी स्टार्टअप कंपनी चला रहे थे. सूचना की तरह ही वेंकटरमन भी बेहद पढ़ा-लिखा है. फिजिक्स में पीएचडी वेंकटरमन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई डेवलपर है. सूचना के साथ उसकी कपंनी को शुरुआती दौर में स्टैबलिश करने के बाद वेंकटरमन ने अपना बिजनेस शुरू कर दिया था. वो एक जानी-मानी फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म के लिए भी काम करता है. सूचना की कंपनी से अलग होने के बाद सूचना की कंपनी माइंडफुल एआई लैब उतनी तरक्की नहीं कर पाई. ये कंपनी उसके एक कमरे के घर से ही चल रही थी. जबकि वेंकटरमन इसी फील्ड में तेजी से कामयाब होता जा रहा था.
(गोवा से रितेश देसाइ का इनपुट)