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एक सीक्रेट डायरी, सोशल मीडिया ग्रुप और 7 किरदार... ऐसे जुड़े हैं कोलकाता-मैसूर से दिल्ली तक संसद कांड की साजिश के तार

सागर शर्मा, मनोरंजन डी, नीलम आजाद, अमोल शिंदे, ललित झा और विक्की. ये वो नाम हैं जिन्होंने संसद को धुआं-धुआं करके रख दिया, संसद की तमाम चाक चौबंद सुरक्षा को हवा में गुब्बारे की तरह उड़ाकर रख दिया.

संसद में स्मोक अटैक करने वाले आरोपी अलग-अलग राज्यों से हैं संसद में स्मोक अटैक करने वाले आरोपी अलग-अलग राज्यों से हैं
हिमांशु मिश्रा/संतोष शर्मा/अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 15 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 2:42 PM IST

Parliament Color Smoke Attack: संसद के स्प्रे कांड ने समूचे देश को झकझोर दिया. बिल्कुल आतंकी हमले जैसी इस वारदात ने देश की तमाम खुफिया एजेंसियों समेत सुरक्षा एजेंसियों की पेशानी पर बल डाल दिए. चार लोगों ने देश के तमाम काबिल अफसरों को मिलाकर बनाई गई सुरक्षा एजेंसियों को जैसे सीधी सीधी चुनौती दे दी है. हालांकि अब इस मामले में पुलिस के हाथ खाली नहीं हैं. सभी आरोपी तो पुलिस के कब्जे में आ चुके हैं. लेकिन सबसे बड़ी कामयाबी यूपी एटीएस को मिली है, क्योंकि लखनऊ में सागर शर्मा के घर से एक डायरी मिली है. जो इस पूरी साजिश के बारे में कई खुलासे कर सकती है.

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सागर शर्मा, मनोरंजन डी, नीलम आजाद, अमोल शिंदे, ललित झा और विक्की. ये वो नाम हैं जिन्होंने संसद को धुआं-धुआं करके रख दिया, संसद की तमाम चाक चौबंद सुरक्षा को हवा में गुब्बारे की तरह उड़ाकर रख दिया. नीचे से लेकर ऊपर तक सभी को हिलाकर रख दिया. अब ये तमाम आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है, पूछताछ चल रही है. बड़ी बात ये है जो नाम संसद कांड में सामने आए हैं, वो सभी अलग अलग राज्यों के हैं.

आरोपी नंबर- 1 
- सागर शर्मा लखनऊ का रहने वाला है.
- परिवार के मुताबिक बैटरी रिक्शा चलाता है.
- 12वीं पास है, पिता कारपेंटर हैं.
-  पुलिस को इसके घर से डायरी मिली है.

आरोपी नंबर- 2
- मनोरंजन पेशे से इंजीनियर है.
- कर्नाटक के मैसूर का रहने वाला है.
- फेसबुक पर सागर से दोस्ती हुई थी.

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आरोपी नंबर- 3
- नीलम, हरियाणा के जींद की रहने वाली है.
- हिसार में सिविल सर्विसेज़ की तैयारी कर रही थी.
- नीलम ने 6 डिग्रियां ले रखी हैं.

आरोपी नंबर- 4
- अमोल शिंदे महाराष्ट्र के लातूर का है.
- ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है.
- पुलिस और सेना की भरर्ती के लिए तैयारी कर चुका है.

आरोपी नंबर- 5
- विक्की, गुरुग्राम का रहने वाला है.
- सागर, मनोरंजन, अमोल, नीलम विक्की के घर रुके थे.

आरोपी नंबर- 6
- ललित झा, पूरे कांड का 'मास्टरमाइंड' बताया जा रहा है.
- फरार था, पुलिस के सामने सरेंडर किया.

आरोपी नंबर- 7
- महेश नाम के इस आरोपी ने ललित झा के साथ सरेंडर किया है.
- वो फरारी के दौरान ललित के साथ था.

सामने आएगा साजिश का हरेक पन्ना
इसी बीच सबसे चौंकानें वाली कामयाबी पुलिस के हाथ लगी, जब लखनऊ में घर की तलाशी लेते समय पुलिस को सागर की एक डायरी मिल गई. संसद की सुरक्षा में सेंधमारी करने के मामले में गिरफ्तार लखनऊ के सागर शर्मा के घर से मिली डायरी से उसके बेंगलुरु और मैसूर के कनेक्शन सुरक्षा एजेंसियां और ATS खंगाल रही है.

सागर की 'डायरी' में साजिश के पन्ने
लोकसभा की सुरक्षा में सेंध लगाने लगाने वाले सागर की डायरी में क्या लिखा था? इसे पढ़ना और उसके मुताबिक साजिश के बिखरे हुई कड़ियों को समेटना अब पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों का काम है ताकि जल्द से जल्द इस पूरी साजिश को बेपर्दा किया जा सके. यूपी एटीएस ने आरोपी सागर शर्मा के घर से जो डायरी बरामद की है, उसके पन्नों में बहुत कुछ ऐसा लिखा है जिसे अभी डी कोड किया जाना बाकी है. जाहिर है उस सीक्रेट डायरी के पन्नों में मुमकिन है कि साजिश के तमाम बिखरी हुई कड़ियों को जोड़ने का सिरा मिल जाए.

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स्प्रे कांड की साजिश वाली 'डायरी' 
दिल्ली में हुए इस सनसनीखेज कांड की बिखरी कड़ियों के सिरों को पकड़कर लखनऊ तक पहुंची. पुलिस को सागर शर्मा के घर से एक सीक्रेट डायरी मिली. पुलिस को यकीन है कि वो डायरी कई रहस्यों को खोल सकती है और साजिश के उलझे हुए तारों को सुलझा भी सकती है. सागर की डायरी के पन्नों को गौर से देखने पर पुलिस को पता चला कि सागर के दिल की गहराई में कैसे कैसे अरमान करवटें ले रहे थे. एक पन्ने पर लिखा था ''घर से विदा लेने का समय नजदीक आ गया है. एक तरफ डर भी है और दूसरी तरफ कुछ भी कर गुजरने की आग भी दहक रही है.'

सागर ने जो बात डायरी में बड़ी ही इमानदारी से लिखी वो अपने डर की बात है. वो लिखता है "काश मैं अपनी स्थिति माता पिता को समझा सकता. मगर ऐसा नहीं है कि मेरे लिए संघर्ष की राह चुनना आसान रहा. हर पल उम्मीद लगाई है.''

सागर की डायरी उगलेगी राज
पुलिस के लिए उस डायरी में लिखी इबारत का एक एक हिस्सा साजिश की बिखरी हुई कड़ियों को जोड़ने में मददगार हो सकता है. एक जगह लिखा है "5 साल मैंने प्रतीक्षा की है कि एक दिन ऐसा आएगा, जब मैं अपने कर्तव्य की ओर बढ़ूंगा. दुनिया में ताकतवर व्यक्ति वह नहीं जो छीनना जानते हैं, ताकतवर व्यक्ति वह है, जो सुख त्यागने की क्षमता रखता है.''

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डेढ़ साल पहले मैसूर में मिले थे सभी आरोपी 
दरअसल, 13 दिसंबर को संसद भवन पर हुए हमले की 22वीं बरसी थी. इसी दिन दोपहर करीब एक बजे दो युवकों ने संसद में घुसपैठ की थी और दो ने संसद के बाहर हंगामा किया था. उसके बाद चार आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गए थे. पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने पहले ही संसद के बाहर की रेकी कर ली थी. सभी आरोपी एक सोशल मीडिया पेज 'भगत सिंह फैन क्लब' से जुड़े थे. लगभग डेढ़ साल पहले सभी आरोपी मैसूर में मिले थे.

आरोपियों के पास था प्लान B
इसी बीच एक खुलासा और सामने आया है कि संसद में घुसपैठ के लिए इन तमाम आरोपियों ने प्लान B भी तैयार किया था, ये खुलासा उस वक़्त हुआ जब पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों को रिमांड में लेने के बाद उनसे पूछताछ का सिलसिला शुरू किया. जाहिर है अब पुलिस ये भी समझना चाहती है कि अगर इनका प्लान A फेल हो जाता तो इन लोगों ने वो प्लान B कौन सा तैयार किया था.

संसद में घुसपैठ की प्लानिंग 
संसद कांड के सारे आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं. आरोपियों से पूछताछ हुई तो सीने में दफ्न राज बाहर निकलने लगे. अब तक की पूछताछ में सामने आया है कि सभी आरोपी एक फेसबुक पेज के जरिए संपर्क में आए. सोशल मीडिया पर सभी एक दूसरे से जुड़े रहे और करीब डेढ़ साल पहले मैसूर में मुलाकात हुई. मैसूर में मुलाकात के कुछ महीने बाद एक बार फिर सभी मिले और संसद में घुसपैठ की प्लानिंग शुरू हुई.

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बजट सेशन के दौरान मनोरंजन ने की थी रेकी
चौंकाने वाली बात ये है कि संसद के बजट सेशन के दौरान मनोरंजन बैगलुरू से दिल्ली आया, संसद की पूरी रेकी की. जबकि जुलाई महीने में लखनऊ के सागर ने संसद भवन की बाहर से रेकी की. रेकी का मकसद था ये पता लगाना कि सुरक्षा के चक्रव्यूह कैसे भेदना है. कैसे चाक चौबंद सुरक्षा घेरे को तोड़कर कलर स्मोक को संसद के अंदर लेकर ना है.

साजिश को लेकर कई दौर की मीटिंग
कई राउंड की मीटिंग हुई और संसद में घुसपैठ की रणनीति तैयार की गई. मतलब जूते में कलर स्मोक लेकर जाना है. सांसद से विजिटर पास बनवाना है और अंदर जाने के बाद लोकसभा में कलर स्मोक का इस्तेमाल विजिटर गैलरी से नीचे कूदकर करना है. अब तक की तफ्तीश में ये भी सामने आया है कि इन लोगों का एक प्लान बी भी था.

हंगामें के वक्त संसद के बाहर था ललित
प्लान के तहत सभी आरोपी 6 से 10 दिसंबर के बीच अलग-अलग राज्य से दिल्ली आए. मनोरंजन फ्लाइट से दिल्ली आया. अमोल कलर स्मोक अपने साथ महाराष्ट्र से लेकर आया था. 13 दिसंबर की सुबह 9 बजे सांसद के घर से पास उठाया. फिर सभी आरोपी इंडिया गेट पर मिले. सभी को कलर स्मोक दिया गया और फिर दो आरोपी संसद के बाहर मौजूद रहे. दो विजिटर पास लेकर संसद के अंदर दाखिल हो गये जबकि ललित झा सभी आरोपियों के मोबाइल लेकर बाहर ही रहा.

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नाकाम सुरक्षा एजेंसियां
सोचिए संसद में घुसपैठ की प्लानिंग इतनी फुल प्रूफ थी कि सुरक्षा एजेंसियों को कानों कान इसकी खबर तक नहीं लगी. अब आरोपियों के पकड़ में आने के बाद सारे घटनाक्रम का रीक्रिएशन करने की तैयारी चल रही है ताकि पूरी साजिश को बेनकाब किया जा सके.

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