
नौसेना में फर्जी बिलों के भुगतान के 6.33 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल आरोपी को पुलिस ने गुजरात के सूरत से गिरफ्तार किया है. उसके कब्जे से इस घपले के 4.82 लाख रुपये बरामद किए गए हैं. आरोपी अम्बाराम चौधरी करीब ढाई महीने से फरार था. इससे पहले इस मामले में 11 लोग पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
एएसपी विनय प्रकाश पॉल ने बताया कि अम्बाराम चौधरी नौसेना के सेवानिवृत्त स्टोर कीपर राजकुमार चौधरी का साला है. राजकुमार समेत मामले के 11 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें नौसेना के लेखा विभाग के कर्नाटक के कारवार में पदस्थ चार अधिकारी और इंदौर का एक चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट शामिल है.
उन्होंने बताया कि राजकुमार ने नौसेना में फर्जी बिलों के भुगतान के घोटाले के 4.82 लाख रुपये अम्बाराम के बैंक खाते में अक्टूबर 2014 में पहुंचाए थे. यह रकम पुलिस ने अम्बाराम के कब्जे से बरामद कर ली है. घोटाले में शामिल लेखा अधिकारियों ने इलेक्ट्रिकल सामान के फर्जी बिलों के भुगतान की बात पहले ही मंजूर किया था.
इस स्वीकृति के बूते नौसेना के खाते से इंदौर में अलग-अलग बैंकों के दो खातों में 6.33 करोड़ रुपये की रकम पहुंचाई गई. इनमें से एक बैंक खाते में पांच करोड़ 36 लाख रुपये की रकम अंतरित की गई, जबकि दूसरे में 97 लाख रुपये पहुंचाए गए. यह फर्जीवाड़ा जुलाई 2014 से अक्तूबर 2014 के बीच हुआ और बाद में संबंधित बैंक खाते बंद कर दिए गए थे.