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मौत के बाद भी राजस्थान पुलिस के लिए सिरदर्द बना आनंदपाल सिंह

राजस्थान के गैंगस्टर आनंदपाल की मौत के बाद भी वो एक बवाल बना हुआ है. बेगुनाहों, पुलिस और आम लोगों के कत्ल के आरोपी आनंदपाल की मौत के बाद पूरा राजस्थान सुलग उठा है. आनंदपाल की मौत राजस्थान में जातीय अस्मिता का सवाल बन गई है और आनंदपाल की मौत वर्तमान सरकार के लिए आफत बन गई है. आखिरकार पुलिस को जबरन आनंदपाल का अंतिम संस्कार कराना पड़ा. लेकिन हंगामा अभी थमा नहीं है.

पुलिस ने जबरन आनंदपाल सिंह का अंतिम संस्कार कराया पुलिस ने जबरन आनंदपाल सिंह का अंतिम संस्कार कराया
परवेज़ सागर/शम्स ताहिर खान
  • नई दिल्ली,
  • 14 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 6:29 PM IST

राजस्थान के गैंगस्टर आनंदपाल की मौत के बाद भी वो एक बवाल बना हुआ है. बेगुनाहों, पुलिस और आम लोगों के कत्ल के आरोपी आनंदपाल की मौत के बाद पूरा राजस्थान सुलग उठा है. आनंदपाल की मौत राजस्थान में जातीय अस्मिता का सवाल बन गई है और आनंदपाल की मौत वर्तमान सरकार के लिए आफत बन गई है. आखिरकार पुलिस को जबरन आनंदपाल का अंतिम संस्कार कराना पड़ा. लेकिन हंगामा अभी थमा नहीं है.

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बीस दिन तक पड़ी रही लाश

एक शख्स, जिसका नाम जीते जी क़ानून के बही-खातों में सबसे बड़े मुल्ज़िम के तौर पर शुमार होता रहा, मरने के बाद अब वो अचानक ग़रीबों का सबसे बड़ा मसीहा यानी रॉबिनहुड बन चुका है. जी हां, एक ऐसा रॉबिनहुड, एनकाउंटर में हुई जिसकी मौत के बाद उसके चाहने वाले अब उसकी लाश का तब तक अंतिम संस्कार नहीं करना चाहते थे, जब तक सरकार एनकाउंटर की सीबीआई जांच करने का वादा ना करे. और बस इसी एक मांग को लेकर पिछले 20 दिनों से राजस्थान सुलगता रहा और इस गैंगस्टर की लाश डीप फ्रीज़र में पड़ी रही.

पुलिस के लिए सिरदर्द था आनंदपाल सिंह

एक शख्स जो जीते जी क़रीब दो सालों से पूरे पांच सूबों की पुलिस के लिए छलावा बना रहा. बार-बार चकमा देकर भागने के बाद पुलिस ना तो उसे दोबारा गिरफ्तार कर सकी और ना ही अब एनकाउंटर में मौत के बाद अब पुलिस उसकी लाश को हाथ लगा पा रही थी. हालत ये है कि कभी क़ानून का मुल्ज़िम रहा ये शख्स अपनी मौत के बाद सिर्फ़ अपने गांव ही नहीं, बल्कि सूबे के हज़ारों लोगों के बीच एक ऐसा रॉबिनहुड बन चुका है, जिसके एनकाउंटर की तह तक जाने की मांग को लेकर लोग उसकी लाश का अंतिम संस्कार तक करने देने को राज़ी नहीं थे.

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कई पुलिसवालों बनाया निशाना

जीते जी आनंदपाल कायदे कानून के लिए जितनी बड़ी परेशानी का सबब बना था, अब मौत के बाद भी उतना ही बड़ा सिरदर्द बना हुआ है. अपने जीते जी आनंदपाल ने कई पुलिसवालों को अपनी गोली का निशाना बनाया और अब मौत के बाद भी उसकी वजह से पुलिसवालों की ज़िंदगी पर आन पड़ी है. नागौर के प्रदर्शन में पुलिसवालों समेत बहुत से लोग ज़ख्मी हैं, जबकि एक शख्स की जान भी जा चुकी है.

सरकार भी हलकान

उधर, नागौर में मचे कोहराम के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने सरकारी आवास पर इमरजेंसी मीटिंग बुलाई थी. जिसमें कई कैबिनेट मंत्री भी शामिल हुए थे. लेकिन सरकार के सामने सबसे बड़ा सवाल वही राजपूत समाज का ही रहा, जो अब आनंदपाल के हक में सरकार के खिलाफ उठ खड़ा हुआ है. जाहिर है, मामला वोट बैंक का भी है. ऐसे में एक गैंगस्टर की मौत के बाद विपक्ष भी सरकार के खिलाफ़ मुखर होने लगा है.

राजपूत और सरकार आमने-सामने

हालत ये है कि आनंदपाल को लेकर सरकार और राजपूत समाज के बीच शुरू हुआ टकराव अब रुकने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में राजस्थान सरकार के साथ केंद्र की पेशानियों पर भी अब बल पड़ने लगे हैं. सवाल ये है कि राजपूत समाज की मांग माने बगैर आखिर आनंदपाल को लेकर हुए बवाल को शांत कैसे किया जाए. जिससे सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे. इसी पर चिंतन मनन चल रहा है.

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गर्लफ्रेंड ने आनंदपाल को ख्याती दिलाई

अब बात उस लड़की की, जिसने आनंदपाल को आनंदपाल बनाया. वो लड़की है उसकी गर्लफ्रेंड अनुराधा. जिसने आनंदपाल को ना सिर्फ़ एक गांव के छोरे से इंग्लिश बोलनेवाला तेज़ तर्रार नौजवान बना दिया, बल्कि जुर्म की दुनिया की बारीकियां भी सिखाईं. तभी तो अनुराधा के बगैर आनंदपाल का ज़िक्र मुकम्मल नहीं होता. असल में अनुराधा ही वो थी जिसने आनंदपाल को जुर्म की दुनिया में नई पहचान दी. ठेठ आनंदपाल को अनुराधा का साथ मिला था. एक ऐसी लड़की जिसने इंग्लिश स्कूल से पढ़ाई की और दिल्ली से ग्रेजुएशन और बीसीए किया. ज़ाहिर है वो एक अच्छे परिवार से है, लेकिन उसके ख्यालात ज़रा जुदा थे.

दौलत और शोहरत ने बनाया लेडी डॉन

वो दौलत और शोहरत की इस कदर दीवानी थी कि उसका दिमाग इन्हीं चीज़ों के इर्द गिर्द घूमता था. कुछ इसी इरादे से उसने शेयर का काम शुरू किया. लेकिन कामयाब होने के बजाए वो कर्ज़ में डूब गई. और करोड़ों की देनदारी में फंस गई. बकाया चुकाना मुश्किल था इसलिए उसने दबंगई का रास्ता चुनकर छोटी मोटी वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया. और फिर कुछ दिनों में वो बन गई राजस्थान की लेडी डॉन. अब तो खुद देनदार भी उससे घबराने लगे.

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अनुराधा ने बदला था आनंदपाल को

अब अनुराधा के पास दौलत भी थी और शोहरत भी. इसी बीच वो आनंदपाल के क़रीब आई और दोनों पहली ही नज़र में एक दूसरे के बेहद क़रीब आ गए. अब अनुराधा ने खुद ही आनंदपाल के गैंग की कमान संभाल ली. जुर्म की प्लानिंग करने लगी. अनुराधा के साथ ने आनंद पाल का वजूद ही बदल कर रख दिया. आनंदपाल ने मुहब्बत में ही बॉडी बना ली. सादे लिबास की जगह सूटबूट और हैट पहनना शुरू कर दिया. ये अनुराधा की सोहबत का ही असर था कि अब आनंदपाल भी फर्राटेदार अंग्रेज़ी बोलने लगा.

प्रेमिका से दूर होकर कमजोर हो गया था आनंदपाल

अप्रैल 2015 में अनुराधा को गिरफ्तार कर लिया गया. उससे पहले से वो आनंदपाल सिंह के दिमाग के तौर पर जानी जाती थी. दोनों ने मिलकर पूरे शेखावट इलाके में खौफ भर दिया था, उन्होंने आधा दर्जन से ज्यादा अपहरण किए और बड़ी फिरौती वसूली. खबरों के मुताबिक पुलिस और प्रशासन में आनंदपाल की बड़ी पैठ थी साथ ही अमीरों से लूटकर गरीबों में बांटने का रॉबिनहुड स्टाइल भी आनंदपाल को बचने में उसकी मदद करता रहा. उसने गांव-गांव ब्रिगेड के नाम से आर्मी बना डाली. साथ ही पुलिस-प्रशासन को खुद को पकड़ने का खुला चैलेंज भी देने लगा. इसी बीच अनुराधा के दूर जाने से आनंदपाल कमज़ोर हो चुका था. जिसका फायदा राजस्थान पुलिस को मिला.

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