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सेक्स और सियासत के कॉकटेल में हुआ प्रेम त्रिकोण का खूनी अंत

16 अगस्त, 2011. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मशहूर आरटीआई कार्यकर्ता 38 वर्षीया शहला मसूद की उसके घर के बाहर कार में हत्या कर दी गई. स्थानीय पुलिस को शुरू में लगा कि यह खुदकुशी का केस है. लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी इस केस की कड़ियां उलझती चली गईं. 19 अगस्त, 2011 को यह मामला सीबीआई को सुपुर्द कर दिया गया.

आरटीआई कार्यकर्ता शहला मसूद की दर्दनाक कहानी आरटीआई कार्यकर्ता शहला मसूद की दर्दनाक कहानी
मुकेश कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 22 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 11:06 AM IST

सेक्स, सियासत और सेलिब्रिटी का जब-जब कॉकटेल हुआ है, तब-तब हंगामा बरपा है. इस हंगामें के बीच किसी न किसी महिला को अपनी जान गंवानी पड़ी है. दोस्ती, महत्वाकांक्षा, मोहब्बत और जुनून के दरमियान जब शक पैदा होता, तो साजिश होती है. यही साजिश कत्ल को जन्म देती है. भारत में सियासी हस्तियों से लेकर बॉलीवुड के सितारों तक, हर कोई सेक्स स्कैंडल की गिरफ्त में आया है. aajtak.in सेक्स स्कैंडल की ऐसी ही घटनाओं पर एक सीरीज पेश कर रहा है. इस कड़ी में आज पेश है मध्य प्रदेश की आरटीआई कार्यकर्ता शहला मसूद की दर्दनाक कहानी.

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16 अगस्त, 2011. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मशहूर आरटीआई कार्यकर्ता 38 वर्षीया शहला मसूद की उसके घर के बाहर कार में हत्या कर दी गई. स्थानीय पुलिस को शुरू में लगा कि यह खुदकुशी का केस है. लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी इस केस की कड़ियां उलझती चली गईं. इस बीच मीडिया और लोगों के दबाव में आकर राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी. 19 अगस्त, 2011 को यह मामला सीबीआई को सुपुर्द कर दिया गया.

सीबीआई की जांच में एक अप्रत्याशित प्रेम त्रिकोण का खुलासा हुआ. जिसने जांच की पूरी दिशा बदल दी. इस प्रेम त्रिकोण में शामिल पात्र थेः प्रेम दीवानी जाहिदा परवेज, जिसकी शादी भोपाल के सबसे रईस बोहरा खानदानों में से एक में हुई थी. आशिक मिजाज ध्रुव नारायण सिंह, जो मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बिहार के पूर्व राज्यपाल गोविंद नारायण सिंह के बेटे हैं. और तेजतर्रार शहला मसूद, जो इवेंट मैनेजमेंट प्रोफेशनल होने के साथ आरटीआइ कार्यकर्ता थीं.

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जाहिदा की डायरी से हुआ था सनसनीखेज खुलासा
सीबीआई के तत्कालीन संयुक्त निदेशक केशव कुमार के नेतृत्व में एक टीम ने 29 फरवरी, 2012 को जाहिदा परवेज के दफ्तर पर दबिश दी थी. पॉश मार्केट एमपी नगर में आर्किटेक्चर कंपनी चलाने वाली 35 वर्षीया जाहिदा को शहला की हत्या की प्रमुख संदिग्ध के रूप में गिरफ्तार किया गया था. इस दबिश में जो अहम चीज मिली, वह जाहिदा की डायरी थी. इस डायरी ने पूरे केस के राज से पर्दाफाश कर दिया. इससे कई सनसनीखेज खुलासे हुए.

शहला की हत्या के दिन जाहिदा ने ये लिखा था
जाहिदा की डायरी में शहला की हत्या वाले दिन यानी 16 अगस्त, 2011 की प्रविष्टि में लिखा था, 'उसे उसके घर के सामने गोली मार दी गई. मैं सुबह से ही परेशान थी. अली (साकिब अली 'डैंजर', जिसने भाड़े के हत्यारों को हत्या का काम सौंपा था) ने 11:15 बजे फोन किया कि मुबारक हो साहिब, हमने उसके घर के सामने काम कर दिया. हत्या की पुष्टि के लिए मैंने अपने एक कर्मचारी को शहला के घर भेजा. उसके बाद मुझे सुकून मिला.'

ऐसे हुआ था प्रेम त्रिकोण के रहस्य का पर्दाफाश
जाहिदा के दफ्तर में चले करीब दो घंटे तक तलाशी अभियान के दौरान नाटकीय और घातक प्रेम त्रिकोण के रहस्य का पर्दाफाश करने वाले कई सबूत हाथ लग गए. बीजेपी के ताकतवर नेता ध्रुव नारायण सिंह के साथ जाहिदा के प्रेम संबंध थे. उनकी दूसरी प्रेमिका शहला थी. जाहिदा किसी भी कीमत पर शहला को खत्म करना चाहती थी. इसके लिए उसने भाड़े के शूटरों की मदद ली थी, जिन्हें यूपी से पुलिस ने गिरफ्तार किया था.

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प्लास्टिकों की थैलियों में रखे हुए थे यूज्ड कंडोम
सीबीआई को मिली जाहिदा की डायरी में ध्रुव के साथ उसके यौन संबंधों, एक सीडी रिकॉर्डिंग, इस्तेमाल हो चुके कंडोम, जो प्लास्टिक की थैलियों में संभालकर रखे हुए थे. उन पर उनके इस्तेमाल की तारीख भी लिखी थी. इसके साथ ही प्लास्टिक की ही थैली में रखे बालों का एक गुच्छा मिला. सीबीआई दफ्तर में की गई पूछताछ में अपराध स्वीकार कर लिया गया. ध्रुव नारायण सिंह को भी बीजेपी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

ध्रुव-जाहिदा के बीच सीबीआई ने यूं खेला खेल
जाहिदा के मन में शहला के प्रति जहर भर गया, जिसे उसने अपनी डायरी में बखूबी जाहिर भी किया था. उसने लिखा था कि वह शहला पर नजर रखने के लिए उसके घरेलू नौकर इरशाद को पैसे देती थी. सीबीआई ने ध्रुव-जाहिदा संबंधों में आई दरार का फायदा उठाने का फैसला किया. उसने ध्रुव को जाहिदा के दफ्तर से मिली सीडी दिखाते हुए उनसे पूछताछ की. वह सीडी देखकर अवाक रह गए. उन्हें जरा भी अंदाज नहीं था ऐसा हो सकता है.

ध्रुव पर लगाया हत्या में शामिल होने का आरोप
ध्रुव ने सीडी का राज न खोलने के लिए सीबीआई से अनुरोध किया और जाहिदा के बारे में मुंह खोलने को राजी हो गए. सीबीआई ने गुप्त रूप से उनके जवाब को रिकॉर्ड कर लिया. उसे जाहिदा को दिखाया. जाहिदा तब तक जान चुकी थी कि सारा खेल खत्म हो गया. यह महसूस करते हुए कि वह लड़ाई में अकेली है, उसने कहा कि शहला की हत्या की साजिश में ध्रुव भी शामिल था. वे उसे शहला की हत्या के लिए उकसाते रहते थे.

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पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद ध्रुव को मिली क्लीन चिट
जाहिदा ने यह भी दावा किया कि उन्होंने ही उसे साकिब अली 'डैंजर' से मिलवाया था. साकिब स्थानीय गुंडा है. उसने कथित रूप से इरफान और ताबिश खान नामक भाड़े के हत्यारों के जरिए शहला को मरवाया. हालांकि, जाहिदा अपने दावों के समर्थन में सबूत नहीं दे सकी. लेकिन सीबीआई ने 15 अगस्त, 2011 को शहला को किए गए ध्रुव के कॉल की जांच किया था. उनका पॉलीग्राफ टेस्ट भी करवाया गया. बाद में क्लीन चिट दे दी गई.

2000 से ही थे ध्रुव और शहला के बीच संबंध
ध्रुव के साथ शहला के संबंध 2000 से थे, जब वह पहली इवेंट कंपनी मिरेकल्स खोलने के लिए दिल्ली से भोपाल लौटी थी. उसने जामिया मिल्लिया इस्लामिया से जनसंचार का पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद दिल्ली में अमिताभ बच्चन कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ काम करते हुए इवेंट मैनेजमेंट का अनुभव हासिल किया था. बताया जाता है कि 2003 और 2007 के बीच भोपाल विकास प्राधिकरण के चेयरमैन के रूप में ध्रुव ने शहला के बिजनेस में मदद की थी.

शहला से इश्क में ऐसे बदलते चले गए ध्रुव
शहला ने भोपाल में संयुक्त रूप से मड चैलेंज कार रैली आयोजित करने के लिए उदय कल्चरल सोसाइटी के साथ काम किया था. ध्रुव इस सोसाइटी के संरक्षक थे. दोनों के दोस्त बताते हैं कि ध्रुव ने शहला के कहने पर कायापलट ही कर लिया. उन्होंने अपना वजन घटाया और अपने वार्डरोब को सजने-संवरने की चीजों से भर दिया. जाहिर है. उन्हें शहला से इश्क हो गया था. बाद में ये बात उनकी पत्नी को भी पता चल गई थी.

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ध्रुव ने किया राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल
जाहिदा मध्य प्रदेश के जबलपुर की है. असद परवेज से 1997 में शादी से पहले उसने वहां से इंटीरियर डेकोरेशन का कोर्स किया था. अमेरिका से इंजीनियरिंग और एमबीए की पढ़ाई करने वाले 42 वर्षीय असद ने भोपाल में आर्किटेक्चर कंपनी शुरू करने में जाहिदा की मदद की थी. इस कंपनी को ध्रुव के जरिए हाइवे किऑस्क का ठेका मिला. यह ठेका दिलवाने में उन्होंने अपने राजनीतिक रसूख का जमकर इस्तेमाल किया था.

सबा फारूकी को सीबीआई ने किया गिरफ्तार
सीबीआई ने 2 मार्च, 2012 को जाहिदा की सहायिका 25 वर्षीया सबा फारूकी को गिरफ्तार किया है. सबा ने बताया था कि उसने 'अप्पी' को कई बार चेतावनी देने की कोशिश की कि वे जो कुछ कर रही हैं उसका नतीजा बुरा होगा, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया. जाहिदा ने सनक में आकर कोहे-फिजा में शहला के घर से बमुश्किल 100 मीटर दूर एक बंगला खरीदा था. यहीं से शूटरों ने शहला को मारने से पहले उसकी गतिविधियों पर नजर रखी थी.

इनपुट- इंडिया टुडे

 

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