
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जनपद के टप्पल स्थित मानपुर गांव से 22 साल पहले अगवा हुए पांच साल के बच्चे अशोक की गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी और शव को पास के ही जंगल में सूखे कुएं में फेंक दिया गया था. मगर सालों तक न तो अगवा करने वालों का कोई सुराग लगा और न ही हत्या किए जाने का कोई साक्ष्य मिला. अब 22 साल बाद पुलिस ने 5 वर्षीय बच्चे के अपहरण और हत्या के आरोपी सौतेले ताऊ-ताई और उनके बेटे को गिरफ्तार किया है.
पकड़े गए अभियुक्तों की निशानदेही पर कुंए से शव की हड्डियों का चूरा बरामद किया गया है. बीते 22 सालों से अपहरण और हत्या के आरोपी का परिवार बल्लभगढ़ में अज्ञातवास काटता रहा. किसी रिश्तेदार या परिवार से रिश्ते न रखने के कारण आरोपियों का कोई सुराग नहीं लग सका.
यूपीः लेडी कांस्टेबल से प्रेम में युवक को जिंदा जलाया, ग्रामीणों ने पुलिस पर बोला हमला
जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक अतुल शर्मा ने बताया कि इनामी अपराधियों की धरपकड़ के लिए चले अभियान के दौरान इंस्पेक्टर टप्पल आशीष कुमार सिंह ने थाने के दस-दस हजार रुपये के इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया है. जिसमें दीपचंद्र, उसका बेटा मलुआ उर्फ तेजवीर, उसकी पत्नी हरद्वारी देवी को गिरफ्तार किया है. इनके खिलाफ थाना टप्पल में साल 1998 में राजपाल के सौतेले भाई रवि कुमार के 5 साल के बेटे अशोक के अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ था.
घटना वाले दिन से ही बच्चे के साथ ये तीनों गायब थे. छानबीन के बाद भी इनका कहीं कोई सुराग नहीं लगा. इस मुकदमे में राजपाल के दूसरे भाई चंद्रपाल और उसकी पत्नी कृपाली देवी भी नामजद थे. चंद्रपाल की मौत हो गई, जबकि पुलिस ने कृपाली देवी को वर्ष 1999 में अपहरण के आरोप में ही जेल भेज दिया गया. बाकी फरार आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी गई. इन फरार आरोपियों के खिलाफ कुर्की, भगोड़ा और इनाम तक की कार्रवाई हुई. मगर आरोपियों का कोई सुराग नहीं लगा.
पति पर पत्नी को सांप से डसवाकर मारने का आरोप, सांप का होगा DNA टेस्ट
जब इंस्पेक्टर आशीष कुमार सिंह ने इनामी अपराधियों को पकड़ने का काम शुरू किया तो 20 दिन के प्रयास में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में तीनों आरोपियों ने संपत्ति विवाद को स्वीकारते हुए कहा कि उन्होंने 5 साल के अशोक के अपहरण के बाद उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी.
साथ ही उन्होंने बताया कि उसकी लाश को गांव बाजौता के जंगलों में झाड़ियों के बीच एक सूखे कुएं में फेंक दी थी. उसके बाद से वह लोग बल्लभगढ़ में भैंस पालकर रहने लगे. पुलिस ने उनकी निशानदेही से कुएं में मजदूर लगाकर और फॉरेंसिक टीम बुलाकर सबूत इकट्ठे किए तो वहां मिट्टी में दबी हड्डियां बरामद हुईं. हड्डियों को डीएनए मिलान के लिए भेज दिया गया है.