Advertisement

जेएनयू विवाद: सवालों के घेरे में खालिद-कन्हैया के वीडियो

पिछले कुछ दिनों में जेएनयू से सामने आए एक प्रोग्राम के कुछ वीडियो क्लिप्स के बहाने देश में बवाल हो गया, लेकिन हकीकत यही है कि अब ये वीडियो क्लिप्स ही सवालों के घेरे में हैं.

जेएनयू विवाद जेएनयू विवाद
सुरभि गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 23 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 7:24 PM IST

जिस जेएनयू से उठे विवाद ने पिछले दस दिनों से भी ज्यादा वक्त से पूरे देश को हिला रखा है, उस जेएनयू का सच आखिर क्या है? क्या वाकई में जेएनयू के कुछ छात्र सत्ता विरोध की सियासत करते-करते तमाम हदों से आगे निकल चुके हैं? क्या वाकई जेएनयू गद्दार ताकतों का पनाहगाह बनने लगा है?

ये सवाल इसलिए क्योंकि पिछले कुछ दिनों में जेएनयू से सामने आए एक प्रोग्राम के कुछ वीडियो क्लिप्स के बहाने देश में बवाल हो गया, लेकिन हकीकत यही है कि अब ये वीडियो क्लिप्स ही सवालों के घेरे में हैं.

Advertisement

ऑडियो-वीडियो के साथ छेड़छाड़
सवाल यह है कि क्या दो अलग-अलग दिनों के ऑडियो-वीडियो के साथ किसी ने छेड़छाड़ की है? क्या दोनों दिन के ऑडियो-वीडियो को मिला दिया गया है? क्या मीडिया के एक तबके ने जानबूझ कर उसी फर्जी ऑडियो-वीडियो को चला दिया? अगर हां, तो इन सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर ये फर्जी ऑडियो-वीडियो आया कहां से, इसे बनाया किसने और फिर इसे मीडिया तक पहुंचाया किसने?

गिरफ्तारी में पुलिस कर रही देरी
कल तक जो दिल्ली पुलिस देशद्रोह के आरोप से घिरे छात्रों की गिरफ्तारी के लिए जर्रा-जर्रा छान रही थी. रविवार रात उनमें से पांच छात्रों के जेएनयू में आने और आकर खुलेआम अपनी मौजूदगी का सबूत देने के बावजूद पुलिस अब उन्हें गिरफ्तार करने में हीला-हवाली करती नजर आ रही है. ऐसे में सवाल है कि क्या पुलिस के पास मौजूद सबूतों की कड़ी कमजोर पड़ने लगी है? या फिर कन्हैया की जल्दबाजी में की गई गिरफ्तारी से हुई किरकिरी वर्दी वालों के कदम रोक रही है.

Advertisement

जेएनयू में 21 फरवरी की देर रात से लेकर पुलिस की आवाजाही बनी हुई है. कैंपस में उमर खालिद समेत देशविरोधी प्रदर्शन करने वाले 5 आरोपियों के लौटने की खबर मिलते ही पुलिस ने जेएनयू में डेरा डाल दिया. दरअसल पुलिस उमर खालिद और उसके साथियों को गिरफ्तार करने पहुंची थी, लेकिन बिना यूनिवर्सिटी प्रशासन की इजाजत के कैंपस में दाखिल होने से बचती रही.

कैंपस में न आए पुलिस
पुलिस नहीं चाहती कि उमर खालिद के केस में कोई जल्दबाजी हो और मामला बिगड़े. उधर 22 फरवरी की सुबह से ही जेएनयू प्रशासन ने छात्रों के मामले में अपना रुख तैयार करने की कवायद शुरू कर दी. जेएनयू टीचर्स एसोसिशएन ने साफ कहा वो नहीं चाहते कि पुलिस कैंपस में दाखिल हो.

फोरेंसिक टेस्ट के लिए भेजा गया वीडियो
इस सिलसिले में टीचर्स एसोसिएशन ने वाइस चांसलर से मुलाकात किया और वीसी ने टीचर्स एसोसिएशन को आश्वासन दिया है कि पुलिस को कैंपस में नहीं आने दिया जाएगा. इसके अलावा जेएनयू सिक्योरिटी का शूट किया गया वीडियो जेएनयू एडमिन ने फोरेंसिक टेस्ट के लिए भेज दिया है, टीचर्स एसोसिएशन ने वीसी को गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए रजिस्ट्रार को हटाने की मांग रखी है.

छात्रों को मंजूर जेएनयू प्रशासन का फैसला
दिल्ली पुलिस ने एफआईआर में 5 छात्रों पर देश विरोधी काम करने का आरोप लगाया है. ये छात्र हैं- उमर खालिद, अनिर्बन, आशुतोष, अनंत और रामा नागा. इन पांचों के कैंपस में लौट आने के बाद से पुलिस ने एक एसीपी को वीसी से मिलने भेजा, लेकिन आरोपियों की गिरफ्तार पर कोई हल नहीं निकला. वहीं आरोपी छात्रों ने कहा है कि वो जेएनयू प्रशासन का कोई भी फैसला मानने के लिए तैयार हैं.

Advertisement

उमर खालिद पर आरोप लगा है कि उसने सिर्फ जेएनयू में ही नहीं बल्कि 18 अलग-अलग यूनिवर्सिटी में देशविरोधी गतिविधियों का प्लान किया था. दस दिन की लुका-छुपी के बाद सामने आए उमर खालिद ने खालिद इसका मजाक बना दिया. उमर खालिद देशद्रोही है या नहीं, इसकी पड़ताल अदालत की चौखट पर होगी. लेकिन अदालत और जेएनयू के रास्ते में दांव-पेंच के कई पत्थर अटके हुए हैं.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement