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EXCLUSIVE: स्टि‍ंग में वकीलों ने कबूला- हम कन्हैया को पीटते रहे, पुलिस देखती रही

कोर्ट के भीतर काले कोट वाले विक्रम सिंह चौहान, यशपाल सिंह और ओम शर्मा ने भरी अदालत में देशद्रोह के आरोपी कन्हैया के खिलाफ कानून हाथ में ले लिया

पटियाला हाउस कोर्ट मामले में आरोपी तीनों वकील पटियाला हाउस कोर्ट मामले में आरोपी तीनों वकील
केशव कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 22 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 9:30 AM IST

पटियाला हाउस कोर्ट में देशद्रोह के आरोपी जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पेशी के दौरान हमले के पीछे गहरी साजिश थी. ऑपरेशन पटियाला हाउस कोर्ट के तहत खुफिया कैमरे से पड़ताल में आरोपी वकीलों ने ही सारा सच सामने उगल दिया. वकीलों ने कबूल किया कि कैसे पुलिस के दावे के उलट न सिर्फ कोर्ट परिसर में कन्हैया को पीटा गया, बल्कि इस दौरान पुलिस भी चुपचाप तमाशबीन बनी रही.

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तीन वकीलों ने रची थी साजिश
कोर्ट के भीतर काले कोट वाले विक्रम सिंह चौहान, यशपाल सिंह और ओम शर्मा ने भरी अदालत में देशद्रोह के आरोपी कन्हैया के खिलाफ कानून हाथ में ले लिया. 'आज तक' की स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम ने अदालत में कानून के खिलाफ खुली बगावत करने वाले इन तीनों आरोपियों को खोज निकाला. इन तीनों ने खुद ही स्टिंग ऑपरेशन में 15 फरवरी को दिनदहाड़े हमले की साजिश की परत दर परत उधेड़नी शुरू कर दी.

कन्हैया की हुई थी जमकर पिटाई
हरियाणा के रेवाड़ी के रहने वाले विक्रम सिंह चौहान के चेहरे से पर्दा उतरा तो उसने पुलिस सुरक्षा की सारी कलई खोलकर रख दी. चौहान ने कैमरे के सामने कहा, 'हमने तीन घंटे तक कन्हैया को पीटा. उसको भारत माता की जय बोलने कहा. उसने नारे लगाए. तब जाकर उसे छोड़ा.' चौहान ने कहा कि उन्होंने कन्हैया को इतना पीटा कि उसकी पैंट गीली हो गई.

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पुलिस की थी मिलीभगत
चौहान का सनसनीखेज खुलासा पुलिस पर बड़े सवाल खड़े करती है. क्या पुलिस भी हमले की साजिश में मिली हुई थी और उसका दावा झूठा है कि कन्हैया के साथ मारपीट नहीं हुई. उसे लगी चोटें बहुत मामूली हैं. विक्रम सिंह चौहान का खुलासा बताता है कि अदालत में कन्हैया पिटता रहा और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही. चौहान के मुताबिक, 'भारत होगा तो समर्थन मिलेगा. वहां सीआरपीएफ के जवान भी मौजूद थे. बुलाए जाने पर उन्होंने यूनिफॉर्म का हवाला दिया.'

बाहर से बुलाए थे लड़के
अदालत में जब वकीलों की गुस्साई भीड़ कन्हैया पर हमला कर रही थी तो इस भीड़ में बाहर से काले कोट में बुलाए गए लोग भी शामिल थे. उन लोगों का इरादा ही था कि देशद्रोह के आरोपी को नहीं छोड़ेंगे. चौहान ने बताया कि द्वारका, रोहिणी जैसी जगहों से कई लड़के हमने बुलाए थे. मैंने फेसबुक पर लिखकर उन्हें बुलाया था. पटियाला हाउस कोर्ट में तो सौ-पचास वकील ही थे. उनमें से आधे तो चालानों में बिजी थे.

खतरनाक हैे वकीलों की साजिशें
पुलिस ने वकीलों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें जमानत दे दी, लेकिन वकीलों के इरादे अब भी खतरनाक हैं. विक्रम सिंह चौहान ने स्टिंग में अगली पेशी पर खतरनाक साजिश का खुलासा भी कर दिया. चौहान ने कहा कि हम कुछ अलग करना चाहते हैं, कुछ बड़ा.

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अगली पेशी और तिहाड़ में भी कन्हैया पर मंडरा रहा खतरा
साफ है कि पटियाला हाउस कोर्ट में कन्हैया की अगली पेशी पर भी हंगामा हो सकता है. अगर ऐसा हुआ तो फिर अदालत में देशद्रोह के आरोपियों को सुरक्षा की गारंटी कौन देगा? विक्रम सिंह चौहान के खतरनाक इरादों से ज्यादा बड़ी साजिश तो यह है कि तिहाड़ की सलाखों के पीछे भी कन्हैया की जान पर खतरा मंडरा रहा है. एसआईटी पड़ताल में साफ हो गया कि पटियाला हाउस कोर्ट में हमले की साजिश वकीलों ने बेहद संगीन तरीके से रची. वकीलों की साजिश के सूत्र अभी थमे नहीं है. देशद्रोह के आरोपियों को मारने के लिए पेट्रोल बमों से हमले और तिहाड़ जेल में घुसने का दावा सामने आया है.

शामिल थे बार काउंसिल के पूर्व अधिकारी
विक्रम सिंह चौहान के स्टिंग ऑपरेशन के बाद पटियाला हाउस कोर्ट में कन्हैया पर हमला करने वाले दूसरे वकीलों की ओर रुख किया. गाजियाबाद के शालीमार गार्डन में रहने वाले ओम शर्मा मूल रुप से बुलंदशहर से हैं. शर्मा 17 साल से पटियाला हाउस कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे हैं. उसी के साथ यशपाल सिंह भी मिले जो तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं और बार काउंसिल का एडिशनल सेक्रेट्री रह चुका है. दोनों ने कन्हैया पर हमले की साजिश में खाकी वर्दी से मिलीभगत पर सनसनीखेज खुलासा किया.

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मर्डर का चार्ज मंजूर पर कन्हैया को मारेंगे
इन लोगों ने बताया, 'कन्हैया क्या है. वहां सुरक्षा बलों के एक हजार से ज्यादा जवान थे. पुलिस, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ वगैरह के जवानों ने कहा कि अगर हम वर्दी में नहीं होते तो हम भी पीटते, लेकिन कमाने-खाने के चक्कर में लगे हैं.' यशपाल सिंह ने दावा किया कि अगली बार देशद्रोह के आरोपियों पर पेट्रोल बम से वार होगा. यशपाल ने कहा, 'हम उसे छोड़ेंगे नहीं. हम पेट्रोल बम चलाएंगे. मेरे खिलाफ क्या केस होगा मुझे इसकी परवाह नहीं है. मुझ पर मर्डर का चार्ज भी लगे तो भी मैं उसे छोड़ूंगा नहीं.'

काले कोट में आ सकती है मीडिया
स्टिंग ऑपरेशन में वकीलों ने यहां तक दावा किया कि वो जमानत तुड़वाकर जेल जाने की भी तैयारी कर रहे हैं, ताकि कन्हैया को उसकी सेल में घुसकर मार सकें. यशपाल सिंह ने कहा कि हम अपनी जमानत का बॉन्ड नहीं भरकर एक-दो दिन के लिए जेल जा सकते हैं. वकीलों ने फिर से कानून को तोड़ने की तैयारी कर रखी है. उन्होंने दावा किया है कि मीडिया चाहे तो काले कोट में पिटाई के दौरान मौजूद रह सकता है.

किसके भरोसे होगी आरोपियों की सुरक्षा
दोनों वकीलों ने छुपे कैमरे के सामने बताया कि कौन से चेहरे थे जिन्होंने पत्रकारों को पीटा, जेएनयू के प्रोफेसरों को पीटा और जो भी देश के खिलाफ बोलेगा, उन सबको भी बख्शने वाले नहीं है. पटियाला हाउस कोर्ट में कानून हाथ में लेने वाले वकीलों का सारा कच्चा चिट्ठा बेनकाब हो चुका है. सवाल है कि अदालत में हमलावर वकीलों के अगर यही तेवर हैं और पुलिस का हाल बेहाल है तो फिर देशद्रोह के आरोपियों की सुरक्षा आखिर किसके भरोसे होगी? सुप्रीम कोर्ट की जांच टीम पर भी पत्थर और बोतलें फेंकने में वकील पीछे नहीं थे.

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