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एक दाग की वजह से खत्म हो गया अफसर का पूरा परिवार

भारत सरकार के कॉर्पोरेट मंत्रालय में डायरेक्टर जनरल (महानिदेशक) के पद पर नियुक्त बीके बंसल के घर 17 जुलाई 2016 को सीबीआई ने अचानक छापा मारा और बंसल को गिरफ्तार कर लिया. उन पर रिश्तखोरी के साथ आय से अधिक संपत्ति रखने का इलजाम था. बंसल के गिरफ्तार होने के दो दिन बाद ही उनकी पत्नी और बेटी ने घर में पंखे से झूल कर खुदकुशी कर ली. और अब दो महीने आठ दिन बाद बीके बंसल और उनके बेटे ने भी खुदकुशी कर ली है.

बीके बंसल बीके बंसल
सबा नाज़/शम्स ताहिर खान
  • नई दिल्ली,
  • 28 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 8:49 AM IST

भारत सरकार के कॉर्पोरेट मंत्रालय में डायरेक्टर जनरल (महानिदेशक) के पद पर नियुक्त बीके बंसल के साथ दो महीने पहले तक सब कुछ ठीक था. मगर 17 जुलाई 2016 को सीबीआई ने अचानक इनके घर पर छापा मारा और बंसल को गिरफ्तार कर लिया. उन पर रिश्तखोरी के साथ आय से अधिक संपत्ति रखने का इलजाम था. इधर बंसल गिरफ्तार हुए उधर दो दिन बाद ही उनकी पत्नी और बेटी ने घर में पंखे से झूल कर खुदकुशी कर ली. और अब दो महीने आठ दिन बाद बीके बंसल और उनके बेटे ने भी खुदकुशी कर ली है. अब बाप बेटे ने भी मरने से पहले अलग-अलग सुसाइड नोट छोड़ा है.

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जब मां बेटी ने खुदकुशी की थी तब दोनों ने अलग-अलग सुसाइड नोट लिखे थे, अब बाप-बेटे ने भी अलग-अलग सुसाइड नोट लिखा है. घर से पुलिस को सुसाइड नोट की कुल चार कॉपी मिली है. डीसीपी ईस्ट-टू ऋषिपाल के मुताबिक बीके बंसल ने 5 पेज का सुसाइड नोट लिखा है जबकि उनके बेटे योगेश बंसल ने 2 पन्ने का. दोनों ने सुसाइड नोट की एक-एक कॉपी हर कमरे में और यहां तक कि एक कॉपी ड्राइंग रूम में भी रख दी थी.

उधर डसीपी ऋषिपाल के मुताबिक बीके बंसल ने अपनी सुसाइड नोट में सीबीआई के कुछ अफसरों पर उन्हें प्रताड़ित और परेशान करने का इल्ज़ाम लगाया है. बंसल ने अपने सुसाइड नोट में अपनी बीवी और बेटी के भी सुसाइड नोट का जिक्र किया है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक बंसल के सुसाइड नोट की कॉपी सीबीआई को भी भेजी जाएगी ताकि उनके अफसरों पर लगे आरोपों की जांच की जा सके. हालांकि बीके बंसल और उनके बेटे की खुदकुशी की खबर मिलते ही सीबीआई ने एक बयान जारी कर उनकी मौत पर अफसोस जताया है.

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बयान में सीबीआई ने कहा है कि बीके बंसल रिश्वत के एक मामले में आरोपी थे और उन्हें 16 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था. पत्नी और बेटी की मौत के बाद 20 और 21 जुलाई को अंतरिम जमानत पर उन्हें रिहा कर दिया गया था. इसके बाद 30 जुलाई को बंसल रेगुलर बेल पर बाहर आ गए थे. इस केस की तफ्तीश अभी भी जारी है. बयान में आगे कहा गया है कि रिश्वत के इस मामले में बंसल का बेटा ना तो कभी आरोपी रहा है और ना ही पूछताछ के लिए उसे कभी सीबीआई ने समन दिया है.

आपको बता दें कि बीके बंसल पर भ्रष्टाचार का जो इलजाम लगा था वो नौ लाख रुपए का है. सीबीआई के मुताबिक बंसल ने मुंबई की एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए रिश्वत की ये रकम ली थी. बंसल और उनके बेटे की मौत के बाद मंगलवार को सीबीआई ने जो बयान जारी किया है उसमें भी बस रिश्वत के इसी एक मामले का जिक्र है. हालांकि सीबीआई का कहना है कि अभी मामले की जांच जारी है. जांच पूरी नहीं हुई है. जाहिर है इसके बाद मामला अदालत में जाता और तब फैसला होता कि बंसल बेगुनाह थे या गुनहगार. मगर उससे पहले ही बंसल का पूरा परिवार खत्म हो गया.

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