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कहीं आपके बच्चे ऑनलाइन यौन उत्पीड़न का शिकार तो नहीं?

इंटरनेट पर अक्सर बच्चे यौन उत्पीड़न का शिकार हो जाते हैं. लेकिन इस बारे में उनके अभिभावकों को पता नहीं चल पाता.

ऑनलाइन रहने वाले बच्चे जाने अनजाने यौन उत्पीड़न का शिकार हो जाते हैं ऑनलाइन रहने वाले बच्चे जाने अनजाने यौन उत्पीड़न का शिकार हो जाते हैं
परवेज़ सागर/IANS
  • न्यूयॉर्क,
  • 17 मई 2016,
  • अपडेटेड 4:40 PM IST

इंटरनेट पर सपंर्क कर बच्चों का यौन उत्पीड़न करने वालों में केवल अजनबी व्यक्ति ही शामिल नहीं होते हैं. एक नए शोध के मुताबिक, प्रत्येक चार में एक बच्चे का ऑनलाइन यौन उत्पीड़िन उसका कोई करीबी या रिश्तेदार करता है.

इस बात खुलासा मिशिगन स्टेट युनिवर्सिटी (एमएसयू) के एक साइबर क्राइम विशेषज्ञ ने एक शोध के जरिए किया है. उन्होंने ऑनलाइन बाल यौन उत्पीड़न के कारकों की जांच की है. जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं.

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कम आत्म नियंत्रण वाले लड़के-लड़कियां और बच्चों में ऑनलाइन यौन उत्पीड़ित होने की संभावना ज्यादा पाई गई, लेकिन सबसे हैरत की बात यह थी कि अध्ययन में शामिल प्रतिभागियों में 24 प्रतिशत प्रतिभागी इंटरनेट पर यौन उत्पीड़न के शिकार हुए थे.

एमएसयू के एसोसिएट प्रोफेसर थॉमस जे. होल्ट कहते हैं कि इस अपराध में केवल वही व्यक्ति ही सम्मलित नहीं होते हैं, जो बच्चों की तरफ यौन आकर्षित होते हैं. इसके साथ ही वे लोग भी बच्चों का यौन उत्पीड़न करते हैं, जिनसे हमारे बच्चे करीबी रूप से जुड़े होते हैं.

इस शोध में 12-16 वर्ष के 439 बच्चों ने स्वीकारा है कि उनके ऑनलाइन मित्र उन पर सेक्स संबंधी बातें करने का दबाव डालते हैं और न चाहते हुए भी उन्हें यह सब करना पड़ता है.

इसके अलावा यह भी देखा गया है कि माता-पिता के नियंत्रण वाले उपकरण और कंप्यूटर को सार्वजनिक स्थान पर रखने के बाद भी यह समस्या खत्म नहीं होती है.

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होल्ट ने बताया कि अभिभावकों को बच्चों से खुलकर पूछना चाहिए कि वे इंटरनेट पर क्या करते हैं और लोग उन्हें क्या करने के लिए बाध्य करते हैं. बच्चों से खुलकर बात करना ही बच्चों की सुरक्षा का सबसे अच्छा उपाय है.

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