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चेन से बांधा, मरे हुए जानवरों संग सुलाया, 30 साल तक मां-बाप ने 13 बच्चों को किया टॉर्चर

क्या कोई भी माता-पिता अपने बच्चों को भूखा रख सकता है? उन्हें मोटी-मोटी जंजीरों से बांधकर जानवरों जैसा बर्ताव कर सकता है? इस बात पर यकीन कर पाना बेशक मुश्किल है. लेकिन अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक ऐसा दंपति जोड़ा रहता था जिसने 30 सालों तक अपने 13 बच्चों के साथ ऐसा सलूक किया. इससे बच्चों की हालत ऐसी हो गई थी कि वे मरने की कगार तक पहुंच चुके थे. लेकिन कैसे इन बच्चों को पुलिस ने रेस्क्यू करके नरक से छुटकारा दिलवाया चलिए जानते हैं विस्तार से...

डेविड और लुईस टर्पिन को हुई 25 साल कैद की सजा. डेविड और लुईस टर्पिन को हुई 25 साल कैद की सजा.
तन्वी गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 21 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:27 AM IST

कहानी है कैलिफोर्निया में रहने वाले टर्पिन परिवार (Turpin Family) की. यहां डेविड और लुईस टर्पिन (David and Louise Turpin) नामक जोड़े रहता था. साल 1985 में इस जोड़े की शादी हुई थी. उस समय डेविड की उम्र 23 साल और लुईस की उम्र 16 साल थी. शादी से पहले दोनों वर्जिनिया में रहते थे. शादी के बाद डेविड और लुईस टेक्सास में रहने लगे. 1999 में यह परिवार रियो विस्ता शिफ्ट हुआ फिर साल 2010 में ये लोग कैलिफोर्निया आकर रहने लगे.

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साल 2018 तक दोनों की शादी को 30 साल हो चुके थे. इन 30 सालों में इस जोड़े को 13 बच्चे पैदा हुए. जिसमें 10 लड़के और 3 लड़कियां थीं. सभी बच्चों की उम्र 3 से 30 साल के बीच थी. फिर दिन आया जनवरी 2018 का. यहां की लोकल पुलिस को एक 17 साल की लड़की का फोन आया, जिसने अपना नाम जॉर्डन टुर्पिन बताया. जॉर्डन उन्हीं बच्चों में से एक थी. उसने पुलिस से कहा कि हमें बचा लो, हम यहां कैद हैं. पुलिस को पहले यह कॉल मजाक लगी. लेकिन फिर उन्होंने बच्ची से पूरा मामला जानना चाहा. बच्ची ने बताया कि उसके माता-पिता ने अपने सभी 13 बच्चों को कैद कर रखा है.

सजा के तौर पर कई दिन तक स्टोर में कैद रखा
Mirror के मुताबिक, जॉर्डन ने बताया कि उसके पिता डेविड और माता लुईस उन लोगों को बाहर नहीं जाने देते. उनके साथ जानवरों जैसा व्यवहार करते हैं. उन्हें मोटी-मोटी चेन से बांधकर रखते हैं. खाना भी कभी-कभी ही उन्हें दिया जाता है. जॉर्डन ने बताया, ''मैं अक्सर अपने पिता का पुराना मोबाइल गाना सुनने के लिए इस्तेमाल करती थी. जब मेरी मां को इस बारे में पता लगा तो उसने मुझे सजा के तौर पर एक स्टोर में बंद कर दिया. बड़ी मुश्किल से मौका पाकर मैंने एक दिन वो मोबाइल चोरी कर लिया. लेकिन ऐसा करते हुए मेरी एक बहन जो कि 13 साल की है, उसने मुझे देख लिया. मैंने उसे अपने पास बुलाया और कहा कि हम लोग ऐसे मर जाएंगे. हमें इस नरक से मुक्ति चाहिए तो पुलिस को सब कुछ बताना पड़ेगा.''

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घर से भागे, लेकिन लौटना पड़ा वापस
पुलिस को जॉर्डन ने आगे बताया, ''फिर मैं और मेरी छोटी बहन किसी तरह मौका पाकर वहां से देर रात को भाग निकले. लेकिन हम कभी बाहर गए ही नहीं थे इसलिए हमें पुलिस स्टेशन का रास्ता तक नहीं पता था. इसलिए हमने तय किया कि हम वापस घर लौट जाते हैं. हम वापस आ गए. लेकिन मैं खुद को और अपने भाई बहनों को मरता हुआ नहीं देख सकती. इसलिए मैंने आपको फोन किया है. प्लीज हमारी मदद करो.'''

पुलिस ने घर की तलाशी की शुरू
इसी के साथ जॉर्डन ने पुलिस को घर की उन जगहों के बारे में बताया जहां डेविड और लुईस ने बच्चों को कैद कर रखा था. यह फोन कॉल सुनकर पुलिस भी दंग रह गई. पुलिस ने सोचा कि इस मामले को बड़ी ही सावधानी से सोल्व करना होगा. इसलिए जॉर्डन द्वारा बताए गए पते पर पुलिस पहुंची. उन्होंने घर का दरवाजा खटखटाया तो डेविड बाहर निकला. पुलिस ने डेविड से कहा कि हम रूटीन चेकिंग पर निकले हैं. इसलिए सभी घरों की चेकिंग की जा रही है. फिर पुलिस ने जॉर्डन द्वारा बताए कमरों को तलाशा तो उनके होश उड़ गए.

घर से आ रही थी मरे हुए जानवरों की बदबू
कमरों के अंदर जमीन पर हर जगह रस्सियां और लोहे की चेन पड़ी हुईं थीं. साथ ही घर से काफी गंदी बदबू भी आ रही थी. यह बदबू थी मरे हुए जानवरों की. घर के अंदर 13 बच्चे भी पुलिस को मिले, जिनकी हालत बहुत ही खराब हो रखी थी. देखने से ऐसा लग रहा था जैसे कि इन्हें काफी सालों से ढंग से खाना ही न दिया गया हो.

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एक की सजा सभी बच्चों को
पुलिस ने जब इन 13 बच्चों से पूछताछ की तो पता चला कि पिछले 30 सालों से यहां बच्चे कैद हैं. उन्हें बाहर की दुनिया का कुछ भी पता नहीं था कि बाहर की दुनिया कैसी होती है. उन्होंने बताया कि हमें दिन में सिर्फ एक ही बार खाना दिया जाता है. हमेशा मोटी-मोटी रस्सियों और लोहे की चेन से बांधकर रखा जाता है. इससे भी ज्यादा हैरानी वाली बात तो ये सामने आई कि इन्हें साल में सिर्फ एक ही बार नहाने की परमिशन थी. उन्होंने ये भी बताया कि अगर उनकी तबीयत खराब हो जाए और उनसे उल्टी हो जाए तो माता-पिता जबरदस्ती उसे भी खाने के लिए कहते. अगर कोई भी बच्चा भूख लगने के कारण फ्रिज से खाना निकालता हुआ पकड़ा जाता तो सजा सभी बच्चों को दी जाती.

पुलिस के बारे में भी नहीं जानते थे 10 बच्चे
इन 13 बच्चों से इतनी बदबू आ रही थी कि पुलिस वाले उनके पास भी खड़ा नहीं हो पा रहे थे. इन सभी में सबसे बड़ा लड़का 30 साल का था. लेकिन देखने में वही लड़का सभी भाई-बहनों में सबसे छोटा लग रहा था. उसका वजन नापा गया तो सिर्फ 35 किलोग्राम निकला. ऐसा इसलिए क्योंकि उसे सारी जिंदगी खाना और पानी सही से नहीं मिला था. जब इनसे पूछा गया कि उन्हें पुलिस के बारे में कुछ पता है तो 10 बच्चों ने 'न' में सिर हिलाया. इनसे और कुछ भी पूछा गया तो पुलिस को और ज्यादा होश उड़ गए. इन्हें डॉक्टर, दवाई और अस्पताल के बारे में भी कुछ नहीं पता था.

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घर के अंदर सड़ रहे थे जानवरों के शव
ये बच्चे देखने से ही काफी डिस्टर्ब लग रहे थे. दरअसल, वे दीमागी रूप से बेहद कमजोर हो चुके थे. पुलिस ने घर को और खंगाला तो पाया कि हर जगह इंसानी मल-मूत्र पड़ा हुआ है. बच्चों ने बताया कि कुछ जानवर भी उनके साथ इसी घर में रहते थे लेकिन सभी की मौत हो गई. फिर भी किसी ने भी उन जानवरों को घर से बाहर नहीं फेंका. जिससे उनके शव भी घर के ही अंदर पड़े-पड़े सड़ चुके थे.

6 महीने तक चला बच्चों का इलाज
पुलिस ने बच्चों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया, जहां पता चला कि सभी बच्चों में विटामिन-डी की कमी है क्योंकि इन्हें कभी धूप में बाहर निकाला ही नहीं गया था. इनकी आंखें भी काफी हद तक खराब हो चुकी थीं. इन्ही में से एक लड़का 18 साल का भी था जो कि कमजोरी के कारण खड़ा तक नहीं हो पा रहा था. जब इन बच्चों का X-Ray करवाया गया तो पाया कि सभी बच्चों की रीढ़ की हड्डी भी एक तरफ मुड़ गई थी. इन सभी बच्चों का रेस्क्यू कर अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां इनका 6 महीने तक इलाज चला. यह केस जब दुनिया के सामने आया तो इन बच्चों के इलाज के लिए लोगों ने चंदा भी एकत्रित किया ताकि बच्चों का सही से इलाज हो सके. फिलहाल सभी बच्चे अभी भी नॉर्मल लाइफ में आने की कोशिश कर रहे हैं.

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आरोपियों को 25 साल कैद की सजा
वहीं, जब आरोपी पैरेंट्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट के सामने पेश किया, तो डेविड के चेहरे पर तो किसी भी तरह का पछतावा नहीं दिखा. जबकि, लुईस कोर्ट के सामने रो पड़ी और बस यही कहती रही कि वह अपने बच्चों से बहुत प्यार करती है. Daily Mail के मुताबिक, कोर्ट में केस चला और फरवरी 2019 में दोनों को बच्चों के साथ इस तरह की प्रताड़ना करने का दोषी पाया गया. उन्हें पूरे 25 साल जेल की सजा सुनाई गई.

 

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