
नोटबंदी को लेकर देशभर में लोगों को कैश के संकट से जूझना पड़ रहा है. वहीं ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि मोटी कमीशन लेकर 500-1000 रुपए के पुराने नोटों को नए वैध नोटों में बदलने का धंधा भी जोरों पर है. लेकिन कुछ शातिर ऐसे भी हैं जो नोट बदलने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी कर रहे हैं. जयपुर में पुलिस के दो सिपाहियों ने ही ग्रेनाइट के एक कारोबारी से 83 लाख रुपए ठगने का प्लान बनाया.
इस ठगी में दोनों सिपाहियों ने अपने पांच साथियों को पुलिस की वर्दी पहना कर शामिल कर लिया. धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड कांस्टेबल जितेंद्र समेत दोनों सिपाही फरार है. पुलिस ने इस धोखाधड़ी में शामिल दो एजेंटों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से 28 लाख रुपए के 2000-2000 के नए नोट बरामद हुए हैं.
जितेंद्र कुछ समय पहले तक जयपुर के वैशाली नगर थाने में तैनात था, फिलहाल वो एडीजी इंदू भूषण के यहां ड्यूटी पर है. जितेंद्र को कमीशन पर पूराने नोट बदलने वाले एक एजेंट से पता चला कि बीकानेर के ग्रेनाईट कारोबारी के पास 83 लाख रुपए के की काली कमाई पड़ी है. उसने कारोबारी को ठगने का प्लान बनाया. इसमें एक और सिपाही विनोद को भी शामिल कर लिया.
इन्होंने 30 फीसदी कमीशन पर नोटों को बदलने के नाम पर ग्रेनाईट कारोबारी राजेश गुप्ता को 83 लाख रुपए के साथ जयपुर बुलाया. मकान में कारोबारी जैसे हीं रुपयों से भरा बैग लेकर पहुंचा. दरवाजे पर पुलिस की वर्दी में 5 लोगों ने दस्तक दी. ये पांचों लोग दिनेश के ही तैयार किए गुर्गे थे और पुलिस की नकली वर्दी में पहुंचे थे.
इसके बाद कमरे में बैठे एजेंट ने कारोबारी से कहा कि पुलिस ने छापा मारा है. एजेंट ने कारोबारी को पकड़े जाने का डर दिखाते हुए कहा कि रुपयों का बैग मकान के पीछे सुनसान जगह पर फेंक दो. कारोबारी ने ऐसा ही किया. आधे घंटे तक पुलिस की नकली वर्दी में आए लोग तफ्तीश का नाटक करते रहे और फिर वहां से चले गए. पुलिस के जाने के बाद जब कारोबारी बैग लेने मकान के पीछे गया तो बैग खाली था.
ऐसे हालात में कारोबारी को समझ नहीं आ रहा था कि करे तो करे क्या? काली कमाई को लेकर वो थाने जाने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहा था. अपने अकाउंटेंट की सलाह पर कारोबारी ने साढ़े नौ लाख रुपए की चोरी का मामला दर्ज कर दिया. लेकिन पुलिस की तफ्तीश में सच सामने आ गया. मास्टमाइंड जितेंद्र ने इस धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए मकान भी अफने एक साथी का चुना था. जितेंद्र और विनोद, दोनों फरार हैं.
28 लाख के नए नोट कहां से आए?
पुलिस अब इस पूरे गोरखधंधे के तार जोड़ने में लगी है. 83 लाख के नोट कहां गए और एजेंट के पास 28 लाख के नए नोट कहां से आए? पुलिस को मास्टरमाइंड जितेंद्र समेत दोनों सिपाहियों की लोकेशन सुबह झुंझनू के सालासार में मिली थी लेकिन उसके बाद कुछ पता नहीं चला. कांस्टेबल जितेंद्र को हाल हीं में एक मसाज पार्लर के साथ मिलकर अवैध धंधा करने की शिकायत पर वैशाली नगर थाने से हटाया गया था, लेकिन इसकी फिर तैनाती एडीजी के यहां हो गई थी.
कारोबारी बार-बार बदल रहा है बयान