
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में पानी के अवैध कनेक्शन काटे जाने को लेकर दो समुदायों के बीच बीते सप्ताह भड़की हिंसा के मुख्य आरोपी लच्छू पहलवान को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने बताया कि लक्ष्मीनारायण बखारिया उर्फ लच्छू पहलवान को बुधवार की रात गिरफ्तार किया गया. लेकिन अगले ही दिन गुरुवार की रात औरंगाबाद पुलिस लच्छू पहलवान के प्रति अपने रवैये को लेकर कठघरे में खड़ी हो गई.
अब पुलिस पर आरोप लग रहे हैं कि वह दंगों के मुख्य आरोपी लच्छू पहलवान को VIP ट्रीटमेंट दे रही है. पुलिस को लच्छू पहलवान के कान में फुसफुसाकर बात करते देखा गया. इसके बाद पुलिस पर मुख्य आरोपी के साथ मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं.
पुलिस पर दंगाइयों को शह देने के भी आरोप
बता दें कि औरंगाबाद पुलिस पर हिंसा भड़काने में दंगाइयों को शह देने के आरोप भी लगे हैं. उपद्रव के दौरान के कुछ वीडियो सामने आए थे, जिनमें दंगाई पुलिस के साथ-साथ चलते देखे गए. पुलिस उन दंगाइयों से बात करती भी दिखी, लेकिन उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की. पुलिस से बातचीत करने के ठीक बाद दंगाई गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी करते देखे गए.
वीडियो के सामने आऩे के बाद सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या यह पूरा दंगा पुलिस की शह पर अंजाम दिया गया. यह वीडियो दंगे वाली रात का है. बताया जा रहा है कि वीडियो राजा बाज़ार इलाके का है. औरंगाबाद से MIM के विधायक ने वीडियो की जांच की मांग की. औरंगाबाद के कमिश्नर का प्रभार संभाल रहे स्पेशल IG मिलिंद भरांबे ने वीडियो क्लिप्स की जांच कर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा भी दिलाया.
'लच्छू पहलवान का दंगा भड़काने में है अहम रोल'
पुलिस ने बताया कि बुधवार को गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी लच्छू पहलवान के खिलाफ IPC की धाराओं 143, 144, 436 के अलावा आर्म्स ऐक्ट के तहत और और क्रिमिनल कॉस्पिरेसी के केस दर्ज किया गया है. लच्छू पहलवान को गुरुवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 21 मई तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
सरकारी वकील ने 'आजतक' से बातचीत में कहा कि शहर में हुए दंगों में आरोपी लच्छू पहलवान का बहुत बड़ा रोल है, लच्छू इस दंगल का मुख्य सूत्रधार है. सरकारी वकील के विशेष सहायक रवींद्र भास्कर राव तिर्मुख ने बताया के औरंगाबाद में जो दंगे हुए उसकी प्राथमिक जांच में लच्छू पहलवान की अहम भूमिका सामने आई है.
पुलिस हिरासत में अब लच्छू पहलवान से पूछताछ कर दंगे की साजिश के बारे में, साजिश के लिए किन लोगों के साथ बैठक हुई, और दंगा करवाने के पीछे क्या उद्देश्य है, यह जानने की कोशिश करेगी. उल्लेखनीय है कि लच्छू पहलवान के खिलाफ 1997 से अब तक 7 अलग-अलग मामले दर्ज हैं. लच्छू पहलवान के अलावा औरंगाबाद हिंसा मामले में 50 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है.
2 पार्षदों के खिलाफ भी केस दर्ज
औरंगाबाद हिंसा मामले में इससे पहले कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दोनों समुदायों के एक-एक पार्षद को भी गिरफ्तार किया है. शिवसेना के पार्षद राजेंद्र जंजाळ को पुलिस ने उनके घर से गिरफ्तार किया. क्रांति चौक पुलिस थाने में उनके खिलाफ IPC की धारा 436 के तहत आगजनी करने का मामला दर्ज किया गया है.
हिंसा से जुड़े एक वीडियो में आरोपी शिवसेना पार्षद दंगाइयों के बीच राजा बाजार इलाके में खड़े नजर आए. शिवसेना पार्षद राजेंद्र जंजाळ को 18 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. शिवसेना पार्षद के अलावा MIM के पार्षद और औरंगाबाद महानगरपालिका के विरोधी पक्ष नेता फिरोज खान ने खुद सिटी पुलिस थाने में सरेंडर कर दिया, जिसके बाद उनकी जज के सामने पेशी हुई और 3 दिन की पुलिस कस्टडी दी गई.
यह है पूरा मामला
औरंगाबाद के एक हिस्से में महानगर पालिका ने 11 मई को अवैध पानी के कनेक्शन काटने का अभियान चलाया, जिसके बाद एक समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया कि निशाना बनाकर उन्हीं के समुदाय के कनेक्शन काटे जा रहे हैं. इसके दोनों समुदायों में तनाव का माहौल बन गया.
अगले दिन 12 मई की रात दोनों समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी. हिंसा इतनी उग्र थी कि पुलिस को गोलीबारी तक करनी पड़ी और कुछ जगहों पर आंसू गैस के गोले दागने पड़े तथा लाठीचार्ज करना पड़ा. पुलिस की गोली से दो लोगों की मौत हो गई, वहीं 60 से 70 लोग घायल हो गए.
औरंगाबाद के गांधीनगर, राजा बाजार, शाहगंज पानदरीबा इलाकों में दंगाईयों ने कई दुकानें और गाड़ियों में आग लगा दी. अब तक 50 से 60 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस सीसीटीवी वीडियो और मोबाइल वीडियो के आधार पर हिंसा करने वालों के खिलाफ कानून का शिकंजा कसने मे कोई कसर नहीं छोड़ रही है.