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बिहार में फिर RTI कार्यकर्ता की हत्या, 6 माह में तीसरी वारदात

बिहार के मोतिहारी में एक आरटीआई कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पिछले 6 माह में RTI कार्यकर्ता की हत्या का यह तीसरा मामला है.

पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है
परवेज़ सागर/सुजीत झा
  • मोतिहारी,
  • 20 जून 2018,
  • अपडेटेड 2:31 PM IST

बिहार के मोतिहारी में एक आरटीआई कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पिछले 6 माह में RTI कार्यकर्ता की हत्या का यह तीसरा मामला है. मृतक नागरिक अधिकार मंच के साथ जुड़े थे. उन्होंने पुलिस, प्रशासन और मनरेगा से जुड़े भ्रष्टाचार के कई मामलों का खुलासा किया था.

मंगलवार की दोपहर RTI कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह मोटरसाइकिल पर सवार होकर मोतिहारी से अपने गांव संग्रामपुर लौट रहे थे. तभी उनको ओवरटेक कर एक बाइक आगे निकली. और फिर उस बाइक पर सवार दो अपराधियों ने राजेंद्र सिंह पर अंधाधुंध फायरिंग की. इस हमले में राजेंद्र सिंह को तीन गोलियां लगी. जिससे उनकी मौत हो गई. जहां हमला किया गया, वह बिल्कुल सुनसान जगह थी.

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नागरिक अधिकार मंच के शिवप्रकाश राय ने बताया कि राजेन्द्र सिंह की हत्या आरटीआई कार्यकर्ता होने की वजह से उनकी हत्या की गई. राय के मुताबिक हाल ही में राजेंद्र पर झूठा केस कराने के मामले में कोर्ट ने संज्ञान लिया था. और संग्रामपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की गई थी.

इससे पहले राजेंद्र सिंह शिक्षक नियुक्ति घोटाला, मनरेगा और इंदिरा आवास योजना से जुडे मामले भी उजागर कर चुके थे. शिवप्रकाश राय का कहना है कि 12 जून को उनकी राजेंद्र सिंह से मुलाकात हुई थी, तब उन्होंने अपनी हत्या की आशंका जाहिर की थी. इससे पहले भी तीन बार उन पर जानलेवा हमला हो चुका था.

उधर, मोतिहारी के एसपी उपेन्द्र शर्मा का कहना है कि पुलिस मामले की जांच कर रही है. मामाल परिवारिक रंजिश का भी लगता है क्योंकि उनकी पत्नी ने पुलिस को दी गई शिकायत में संपत्ति विवाद का भी उल्लेख किया है. पुलिस हर एंगल से इस मामले की जांच कर रही है.

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बता दें कि बिहार में इस साल आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या का यह तीसरा मामला है. इससे पहले वैशाली और सहरसा में एक-एक आरटीआई कार्यकार्ता की हत्या की जा चुकी है. सूचना का अधिकार कानून के 13 वर्षों में बिहार में 13 ही आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है. लेकिन एक भी मामले में पुलिस ने नहीं बताया कि उनकी हत्या आरटीआई कानून की वजह से की गई है.

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