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बिहार बोर्ड टॉपर गणेश कुमार को लेकर चौंकने वाले खुलासे, जांच में जुटी पुलिस

साल 1975 में जन्मे गणेश की 2013 में उम्र 38 हो चुकी थी और वह जानता था कि उम्र के इस पड़ाव पर उसे सरकारी नौकरी मिलने में कठिनाई होगी इसीलिए उसने अपने उम्र को कम करने के लिए फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाने और फिर से मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा देने का सोचा.

गणेश कुमार गणेश कुमार
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 04 जून 2017,
  • अपडेटेड 11:58 AM IST

बिहार बोर्ड के आर्ट्स टॉपर गणेश कुमार की गिरफ्तारी के बाद ऐसे कई सारे खुलासे हो रहे हैं जो काफी चौकाने वाले हैं. यह बात अब सामने आ चुकी है के गणेश कुमार ने 1990 में मैट्रिक की परीक्षा पास की और उसके बाद 1992 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की. यह दोनों परीक्षाएं गणेश ने गिरिडीह में रहते हुए पास की जो कि अब झारखंड में है.

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साल 1992 में इंटरमीडिएट पास करने के बाद अगले 20 साल गणेश ने क्या किया, यह राज बना हुआ है और इसको जानने के लिए पुलिस उनसे लगातार पूछताछ कर रही है. हालांकि यह बात गणेश ने खुद स्वीकार किया है कि इस दौरान उसने शादी की और उसके दो बच्चे भी हैं. अब तक की पूछताछ में जो बात सामने आई है वह है कि गणेश गिरीडीह के फाइनेंस कंपनी के लाखों रुपये लेकर 2013 में गायब हो गया और एक छोटी मोटी सरकारी नौकरी पाने के इरादे से वह बिहार के समस्तीपुर आया.

साल 1975 में जन्मे गणेश की 2013 में उम्र 38 हो चुकी थी और वह जानता था कि उम्र के इस पड़ाव पर उसे सरकारी नौकरी मिलने में कठिनाई होगी इसीलिए उसने अपने उम्र को कम करने के लिए फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाने और फिर से मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा देने का सोचा.

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गणेश इस दौरान समस्तीपुर के लक्ष्मीनिया गांव के संजय कुमार के संपर्क में आया जो कि शिक्षा दलाल है और फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए मशहूर था. संजय की मदद से गणेश कुमार ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाया जिसमें उसने अपनी जन्म तिथि 2 जून 1993 दिखाई. इसी फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के सहारे गणेश ने लक्ष्मीनिया गांव के संजय गांधी हाई स्कूल में दाखिला ले लिया और फिर वहीं से 2015 में मैट्रिक की परीक्षा पास की.

गणेश की गिरफ्तारी के बाद बिहार बोर्ड ने संजय गांधी हाई स्कूल की मान्यता रद्द कर दी है. फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर गणेश को दाखिला देने के आरोप में पुलिस इस स्कूल के संचालक राम कुमार चौधरी और उनकी प्रिंसिपल पत्नी देवकुमारी की तलाश कर रही है ताकि उन्हें गिरफ्तार किया जा सके. वहीं पुलिस संजय की भी तलाश कर रही है जिसने गणेश का फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाया था. 2013 से 2017 के बीच गणेश ने जब तक मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा दी इस दौरान संजय उसका लोकल गार्जियन था. फिलहाल यह तीनों लोग अंडर ग्राउंड हो चुके है और इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस सघन खोजबीन कर रही है.

संजय गांधी हाई स्कूल से मैट्रिक पास करने के बाद गणेश ने समस्तीपुर के चकहबीब में राम नंदन सिंह जगदीश नारायण इंटर कॉलेज में 2015 में दाखिला लिया और फिर 2017 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की और आर्ट्स का टॉपर बना. फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर इंटर कॉलेज में दाखिला देने के लिए बिहार बोर्ड ने इस कॉलेज की भी मान्यता रद्द कर है.

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पुलिस इस मामले में कॉलेज के संचालक और बीजेपी नेता जवाहर प्रसाद सिंह और उनके प्रिंसिपल बेटे अभितेंद्र कुमार की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है. फिलहाल यह दोनों भी फरार हो गए हैं.

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