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बिहार: गिरफ्तार टॉपर गणेश का परिवार आया सामने, बताया उसने ऐसा क्यूं किया

गणेश की पत्नी का भी रो-रो कर बुरा हाल है. गणेश के दो बच्चे हैं, एक छठी क्लास में पढ़ता है जबकि गणेश की बेटी ने अभी पढ़ाई की शुरुआत की है. पत्नी के मुताबिक उसके पास पैसे नहीं हैं. अब कैसे बेल होगा, घर में और कोई नहीं जो परिवार को संभाल सके.

गणेश कुमार गणेश कुमार
धरमबीर सिन्हा/सुरभि गुप्ता
  • पटना,
  • 03 जून 2017,
  • अपडेटेड 9:24 PM IST

बिहार इंटरमीडिएट आर्ट्स टॉपर गणेश के परिवार की खुशी काफूर हो चुकी है. झारखंड में गिरिडीह के सरिया गांव में गणेश का परिवार सदमे में है. गिरिडीह जिले के सरिया गांव में उसके एक छोटे से मकान में बूढ़ी मां, बहन, उसकी पत्नी और दो बच्चे रहते हैं. कल तक परिवार वाले खुशी से फुले नहीं समां रहे थे, लेकिन आज घर में मायूसी छाई हुई है.

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गणेश की छोटी बहन मुक्ता घर में ही एक मामूली किराने की दुकान चलाती है. मुक्ता का कहना है कि उसका भाई निर्दोष है, उसने जो भी किया सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए किया ताकि लोगों का पैसा चुका सके. मुक्ता के मुताबिक आज उसके परिवार की फजीहत के पीछे एक चिट फंड कंपनी है, जिसमें पांच साल पहले उसका भाई काम करता था और एक दिन ये चिट फंड कंपनी लोगों के पैसे लेकर भाग गई. चूंकि गणेश एजेंट था तो सारे लोग गणेश को ढूंढने लगे. ऐसे में पूरे परिवार को ना सिर्फ पैसे-पैसे का मोहताज होना पड़ा बल्कि जलालत भरी जिंदगी भी झेलनी पड़ी. यही वजह रही कि गणेश यहां से भाग कर समस्तीपुर पहुंचा, मजदूरी की और पढ़ाई भी की लेकिन एक गलती ने आज फिर गणेश को कहीं का नहीं छोड़ा.

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गणेश की पत्नी का भी रो-रो कर बुरा हाल है. गणेश के दो बच्चे हैं, एक छठी क्लास में पढ़ता है जबकि गणेश की बेटी ने अभी पढ़ाई की शुरुआत की है. पत्नी के मुताबिक उसके पास पैसे नहीं हैं. अब कैसे बेल होगा, घर में और कोई नहीं जो परिवार को संभाल सके.

गणेश पर क्या है इल्जाम?
दरअसल गणेश की उम्र 42 साल है और उसने खुद को 24 वर्ष का बताकर एग्जाम दिया था. गणेश का रिजल्ट निलंबित कर दिया गया है. साथ ही उसे कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया. बताया जा रहा है कि तीन दिन में संतोषजनक जवाब नहीं देने पर गणेश का रिजल्ट रद्द कर दिया जाएगा.

1990 में दी थी मैट्रिक की परीक्षा
गौरतलब है कि पिछली बार की आर्ट्स टॉपर रूबी राय की भी फर्जीवाड़े के कारण गिरफ्तारी हुई थी और उसका रिजल्ट रद्द कर दिया गया था. गणेश ने भी 1990 में उसने सीआरएसआर हाई स्कूल गिरीडीह से मैट्रिक पास किया था. तब उसने फॉर्म में जन्मतिथि 7 नवंबर 1975 दर्ज की थी. उस वक्त अपना नाम गणेश राम और पिता का नाम शंकर नाथ राम लिखा था. उस समय उसके 491 अंक आए थे. उसके बाद उम्र को कम करने के लिए उसने 2015 में समस्तीपुर के संजय गांधी हाई स्कूल से मैट्रिक की फिर से परीक्षा दी. मैट्रिक की परीक्षा में इस बार उसने अपना नाम गणेश कुमार रखा और जन्म तिथि 2 जून 1993 कर लिया. पिता का नाम शंकर नाथ राम ही रखा. इसी जन्म तिथि पर उसने 2017 में आरएनएसजेएन उत्क्रमित मध्य विद्यालय गंगापुर समस्तीपुर से इंटर आर्ट्स में परीक्षा दी.

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टॉपर बनकर फंसा गणेश
बिहार के इंटर आर्ट्स टॉपर गणेश कुमार झारखंड के गिरीडीह का रहने वाला है. गणेश इंटर की पढ़ाई करने के लिए अपने घर से 250 किलोमीटर दूर बिहार के समस्तीपुर पहुंचा. वो रामनंदन सिंह जगदीश नारायण कॉलेज में 2015 में अपना दाखिला लिया. गणेश इस साल 12वीं के रिजल्‍ट में म्‍यूजिक (प्रेक्टिकल) में 70 में से 65 अंक हासिल करने के बाद से चर्चा में है. गणेश को म्‍यूजिक (थ्‍योरी) में 30 में से 18 अंक मिले हैं. इस प्रकार उसे कुल 83 अंक मिले हैं और उसने राज्‍य में म्‍यूजिक में टॉप किया है.

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