प्रद्युम्न मर्डर केस: कोर्ट में पेश हुआ बस कंडक्टर अशोक कुमार

रेयान इंटरनेशनल स्कूल में हुए प्रद्युम्न मर्डर केस में जमानत पर रिहा हुआ बस कंडक्टर अशोक कुमार ने आज गुरुग्राम कोर्ट में पेश होकर अपनी हाजिरी दी. एडिशनल सेशन जज रजनी यादव की अदालत में पेश होकर उसने अपनी हाजिरी दी है. आगामी 23 जनवरी को उसे फिर कोर्ट में पेश होना होगा. सीबीआई ने उसे अभी क्लीनचिट नहीं दिया है.

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 बस कंडक्टर अशोक कुमार बस कंडक्टर अशोक कुमार

मुकेश कुमार / तनसीम हैदर

  • गुरुग्राम,
  • 30 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:28 PM IST

रेयान इंटरनेशनल स्कूल में हुए प्रद्युम्न मर्डर केस में जमानत पर रिहा हुआ बस कंडक्टर अशोक कुमार ने आज गुरुग्राम कोर्ट में पेश होकर अपनी हाजिरी दी. एडिशनल सेशन जज रजनी यादव की अदालत में पेश होकर उसने अपनी हाजिरी दी है. आगामी 23 जनवरी को उसे फिर कोर्ट में पेश होना होगा. सीबीआई ने उसे अभी क्लीनचिट नहीं दिया है.

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22 नवंबर को 76 दिनों तक हिरासत में रहने के बाद बस कंडक्टर अशोक कुमार कोर्ट ने जमानत दे दी थी. रिहाई के बाद उसने कहा था, 'मैं भगवान का शुक्रगुजार हूं कि उसने मुझे न्याय दिया. हमें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है. मुझे हिरासत में टॉर्चर किया गया. करंट के झटके दिए गए. थर्ड डिग्री देकर जुर्म कबूल करने के लिए मजबूर किया गया था.'

अशोक की घर वापसी की खुशी पत्नी के मायूस चेहरे पर साफ झलक रही थी. उसने कहा था, 'मुझे पहले से ही पता था वो निर्दोष हैं. उसने कभी अपने बच्चों पर हाथ तक नही उठाया. वो किसी मासूम की हत्या कैसे कर पाएगा. आज मेरे लिए होली और दीवाली का दिन है. मैं ही जानती हूं कैसे ये 76 दिन बीते है. मेरी हर रात रो के गुजरी है.'

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बेटे के लिए मां ने बनाया रोटी-दाल

मां ने अपनी हैसियत के हिसाब से सबसे अच्छा खाना रोटी और दाल बनाया था. चूल्हे पर रोटियां सेंकती मां और बीवी दोनों ही खुश थीं. अशोक के आने से परिवार के सदस्यों की उम्मीदे बढ़ गई. वो आगे भी कानूनी लड़ाई के लिए तैयार हैं, क्योंकि उनके साथ गांव का सपोर्ट है. पूरा गांव उनके दुख-सुख में साथ खड़ा रहा. उनकी मदद करता रहा है.

मदद के लिए गांव ने लगाया चंदा

बताते चलें कि अशोक कुमार को 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत मिली है. अशोक पड़ोसी महेश राघव ने अपनी जमीन की रजिस्ट्री के पेपर बतौर जमानत दिया था. महेश ने कहा था, 'हमारे घर की दीवार एक है. मैंने अपनी जमीन की रजिस्ट्री के पेपर बतौर जमानत दिया है. गांववालों ने भी 50-100 रुपये तक का चंदा लगाकर अशोक की मदद की है.'

अशोक के खिलाफ कोई सबूत नहीं

आरोपी के वकील मोहित वर्मा ने कहा कि उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं था. अदालत ने अनुच्छेद 21 के तहत उन्हें जमानत दे दी. अनुच्छेद 21 हर नागरिक को जिंदगी और स्वतंत्रता का अधिकार देता है. सीबीआई और हरियाणा पुलिस के सिद्धांतों के बीच बड़ा संघर्ष था. संदेह के लाभ के आधार पर उन्हें जमानत दी गई है. अशोक को फंसाया गया था.

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गला रेतकर प्रद्युम्न की हत्या

8 सितंबर की रेयान स्कूल के बाथरूम में 7 वर्षीय प्रद्युम्न ठाकुर का शव मिला था. उसकी गला रेतकर हत्या की गई थी. इस मामले की जांच कर रही गुरुग्राम पुलिस ने 42 वर्षीय बस कंडक्टर अशोक कुमार को प्रद्युम्न की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था. दावा किया था कि बच्चे के साथ गलत काम करने में नाकाम रहने के बाद उसने हत्या कर दी.

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