Advertisement

ONGC में असिस्टेंट इंजीनियर की नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी, रैकेट का भंडाफोड़

बता दें कि पुलिस ने अंकित गुप्ता नाम के एक युवक को भी पकड़ा है. अंकित गुप्ता इंटरव्यू बोर्ड का मेंबर बनता था.

फेक जॉब रैकेट का भंडाफोड़ फेक जॉब रैकेट का भंडाफोड़
मोनिका गुप्ता/हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 18 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 11:56 PM IST

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ओएनजीसी के नाम पर भर्तियां करने वाले एक बड़े गैंग का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने अब तक गिरोह के 7 बदमाशों को गिरफ्तार किया है. जबकि अभी भी कई बदमाशों की तलाश जारी है. पकड़ में आए लोगों में 2 ग्रामीण विकास मंत्रालय के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भी हैं, जो कृषि मंत्रालय में ही इंटरव्यू के लिए रूम दिलाते थे.

Advertisement

इस गैंग का मुखिया था कुणाल किशोर. कुणाल किशोर इस पूरी साजिश का कर्ताधर्ता था. इसने अपने गैंग में ग्रामीण विकास मंत्रालय के कर्मचारी जगदीश राज और संदीप रॉय को शामिल किया. ये लोग जब किसी को ओएनजीसी में असिस्टेंट इंजिनियर की नौकरी दिलाने की बात करते थे. उसे बकायदा कृषी मंत्रालय में ले जाया जाता था, वहां एक रूम होता जिस पर बाहर लिखा होता ओएनजीसी. वहां कमरे में पूरा इंटरव्यू कराया जाता. कमरे में ओएनजीसी का बैकड्रॉप और बोर्ड लगाया जाता था. मंत्रालय में रूम दिलाने और एंट्री कराने का काम जगदीश राज और संदीप रॉय करते थे.

क्राइम ब्रांच के डीसीपी भीष्म सिंह के मुताबिक, कुणाल किशोर हैदराबाद में रवि चंद्रा नाम के एक शख्स के संपर्क में था जो, नौकरी की तलाश में जुटे नौजवान युवकों को तलाशता था. ये लोग एक शख्स से करीब 11 लाख रुपये वसूलते थे. पिछले 3 सालों में इन लोगों ने सैकड़ों लोगों से नौकरी के नाम पर ठगी की है.

Advertisement

पुलिस के मुताबिक, गिरोह में कुणाल किशोर मास्टरमाइंड हैं. जबकि वसीम नाम का युवक कम्प्यूटर एक्सपर्ट है, जो फर्ज़ी पहचान पत्र और ऑफर लेटर तैयार करता था.

बता दें कि पुलिस ने अंकित गुप्ता नाम के एक युवक को भी पकड़ा है. ये इंटरव्यू बोर्ड का मेंबर बनता था. विशाल गुप्ता लोगों को ओएनजीसी के फर्ज़ी ईमेल भेजता था और फ़ोन करता था. पुलिस ने इनके पास से 27 मोबाइल, दो लैपटॉप और दस चेक बुक बरामद किए हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement