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हर वारदात से पहले कुलदेवी की पूजा करता है बावरिया गैंग

बुलंदशहर गैंगरेप की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया. इस मामले के सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस घटना का मुख्य आरोपी था सलीम बावरिया. खास बात ये है कि इस वारदात के सभी आरोपी एक विशेष गैंग से ताल्लुक रखते हैं. कुख्यात घटनाओं के लिए चर्चित उस गैंग का नाम है 'बावरिया गिरोह'.

इस गिरोह के लोग एक तय समय पर ही वारदात करते हैं इस गिरोह के लोग एक तय समय पर ही वारदात करते हैं
परवेज़ सागर/नितिन जैन
  • नई दिल्ली,
  • 10 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 2:11 PM IST

बुलंदशहर गैंगरेप की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया. इस मामले के सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस घटना का मुख्य आरोपी था सलीम बावरिया. खास बात ये है कि इस वारदात के सभी आरोपी एक विशेष गैंग से ताल्लुक रखते हैं. कुख्यात घटनाओं के लिए चर्चित उस गैंग का नाम है 'बावरिया गिरोह'.

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आखिर क्या है बावरिया. कौन होते हैं यह बावरिया लोग. क्या करते हैं, कहां रहते है और कहां से आएं है. इस तरह के सैकड़ों सवाल हैं जिनका जवाब हर कोई जानना चाहता है. जब हमने इस गैंग के बारे में जानने की कोशिश की तो कई हैरतअंगेज खुलासे हुए. आइए आपको बतातें हैं बावरिया गैंग की कुछ खास बातें.

- बावरिया एक विशेष जनजाति का नाम है. इस समुदाय के लोग खानाबदोश जीवन जीते हैं. यह जनजाति तकरीबन साढ़े तीन सौ साल पहले चित्तौड़गढ़ से विस्थापित हो गई थी. इस समुदाय का मूल मुख्य रूप से भरतपुर (राजस्थान) के पास है. इसके बाद ये लोग देशभर में फैल गए.

- इस जनजाति के लोगों का मुख्य काम ही लूटपाट की वारदात को अंजाम देना हैं. बावरिया जनजाति ब्रिटिशकाल से ही लूटपाट में संलिप्त थी, इसीलिए इन्हें अपराध संलिप्त जातियों की श्रेणी में रखा गया था. ये जनजाति लूटपाट, चोरी, अवैध शराब की बिक्री जैसे काम करती थी लेकिन हाल ही में इन्होंने गैंगरेप जैसी वारदातों को भी अंजाम दिया है.

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- इस जानजाति के लोग धर्म-आस्था में काफी विश्वास करते हैं. हर वारदात से पहले वे अपनी कुलदेवी की पूजा करतें हैं. इनके वारदात को अंजाम देने का दिन भी काफी धार्मिक और अंधविश्वासी रुप से चुना जाता है. इन्हें एक बकरा बताता है कि लूट करनी है या नहीं.

- इस गिरोह के लोग एक बकरे को अपनी कुलदेवी की मूर्ती के सामने खड़ा कर देते हैं. अगर वह मूर्ती के करीब जाता है तो गिरोह उस दिन वारदात करता है और अगर वह बकरा मूर्ती की तरफ नहीं जाता तो उस दिन को अपशकुन मानते हुए ये किसी भी वारदात को अंजाम नहीं देते.

- वारदात को अंजाम देने से इस गिरोह के सदस्य अपने पूरे शरीर पर तेल मलते हैं. ताकि पकड़े जाने पर फिसलन की वजह से आसानी से बच निकलें. यह गिरोह जब भी लूट को अंजाम देता है तो सिर्फ नगदी और गहने ही लूटता है बाकी किसी भी चीज को हाथ नहीं लगाता.

- लूटपाट और चोरी की वारदात को अंजाम देने वाली यह जनजाति धीरे-धीरे अपराध की दुनिया में आगे बढ़ गई है. यही वजह है कि ये अब रेप जैसी घिनौनी वारदात को भी अंजाम देने लगे हैं. पुलिस इस जनजाति के लोगों पर विशेष नजर रखने लगी है.

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