
फरीदाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो भोले भाले और अमीर लोगों को हनीट्रैप में फंसाकर लाखों रुपये की वसूली करता था. पुलिस ने महिला समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपी अब तक एक दर्जन वारदातों को अंजाम देकर 80 लाख रूपये की ठगी कर चुके हैं.
यह गिरोह उत्तर प्रदेश पुलिस के सब इंस्पेक्टर रामधन की मदद से चल रहा था. फरीदाबाद पुलिस के अनुसार इस गिरोह में यूपी पुलिस के एसआई समेत चार युवतियां और पांच युवक शामिल हैं. पुलिस ने अभी इस ममाले में एक युवती और युवक को गिरफ्तार किया है. अन्य आरोपी फरार हैं. पुलिस उनकी तलाश कर रही है.
पकड़े गए आरोपी युवक की पहचान पलवल निवासी रामबीर के रूप में हुई है. जांच अधिकारी एसआई ब्रह्मसिंह की मानें तो गिरोह के सदस्यों ने नोएडा के सेक्टर-92 में एक फ्लैट किराए पर लिया हुआ है. गिरोह में काम करने वाली युवतियां मालदार पार्टियों को प्लॉट दिलाने या अन्य किसी बहाने से फ्लैट पर बुलाती थीं. और वहां उस शख्स पर रेप का आरोप लगा कर मोटी रकम की डिमांड करती थी.
अगर वो शख्स मान गया तो ठीक और नहीं तो आरोपी युवतियां उस शख्स की झूठी शिकायत नोएडा सेक्टर-82 की मोड़ चौकी में करते थे. वहां तैनात चौकी प्रभारी एसआई रामधन इनके साथ पहले से मिला हुआ था. लिहाजा वो तुरंत मुकदमा दर्ज करने का ड्रामा शुरू कर देता था.
गिरोह का मास्टरमाइंड पलवल निवासी सलीम बताया जा रहा है. वह स्थानीय प्रधान बनकर चौकी में पहुंच जाता था और शिकार बनाए गए शख्स को जेल का डर दिखाकर मामला सेटल कराने की बात कहता था. नवंबर 2017 में इस गिरोह ने होडल के एक व्यापारी को फांसकर उससे एक करोड़ रुपये मांगे थे.
बाद में व्यापारी ने 16 लाख रुपये देकर इनसे पीछा छुड़ाया था. उसी व्यापारी ने इस गिरोह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इसकी जांच दो महीने बाद क्राइम ब्रांच डीएलएफ पुलिस के पास आई. तब पुलिस ने इस गिरोह पर शिकंजा कसा. जांच में पता चला कि इस गिरोह के खिलाफ पलवल के ही दो और लोगों ने मुकदमा दर्ज कराया हुआ है.
पुलिस के अनुसार गिरोह के सदस्य दिनेश, गोपाल, असफाक, रामधन और सलीम समेत तीन युवतियां फरार हैं. सभी आरोपी पलवल के रहने वाले हैं. पुलिस उन्हें जल्द गिरफ्तार करने का दावा कर रही है. वहीं आरोपियों की मानें तो वे अमीर लोगों को जाल में फांसते थे. फिर उनसे करोडों की मांग करते थे. समझौता 15 से 20 लाख रुपये तक हो जाता था.