
गुरुग्राम पुलिस ने अशोक राठी हत्याकांड का खुलासा कर दिया है. उसकी हत्या जमीन विवाद में हुई थी. वह समझौते का दबाव डाल रहा था. गैंगस्टर के दबाव बनाने और गाली-गलौज से आजिज आकर नरेंद्र उर्फ सोनू और रोहित उर्फ बॉबी ने सलीम और लीलू डागर के साथ मिलकर उसे मौत के घाट उतार दिया. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस की मानें तो वारदात में शामिल नरेंद्र और रोहित को दिल्ली के मितराऊं से गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि अशोक राठी पर पहला फायर करने वाले आरोपी की तलाश जारी है. गिरफ्तारी के बाद पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि राठी ने कई दफे समझौते का दबाव बनाते हुए सार्वजनिक रूप से जलील किया था. मां- बहन की गालियां भी दी थीं. आरोपियों ने बताया कि वे 15 नवंबर को भी हत्या की नीयत से उसके घर गए थे, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई थी.
पहले की समझौते की बात
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि पहले उन लोगों ने जमीन विवाद में समझौते की बात कर उसका ध्यान भटकाया और फिर मौका पाते ही ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर उसे मौत के घाट उतार दिया. पुलिस की मानें तो वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों आरोपी पहले जयपुर, उदयपुर फिर महाराष्ट्र तक भागते रहे. क्राइम ब्रांच की टीम ने मुखबिर की सूचना पर दो आरोपियों को दिल्ली के मितराऊं से गिरफ्तार किया. दो अन्य आरोपियों सलीम और लीलू डागर अभी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं.
16 नवंबर को हुई थी हत्या
गैंगस्टर अशोक राठी की हत्या का यह मामला 16 नवंबर का है. गुरुग्राम सोहना के अलीपुर गांव में सुबह तकरीबन 8 बजे गैंगस्टर अशोक की उससे मिलने पहुंचे तीन युवकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इनमें से दो गांव के ही थे. अशोक को 6 से 7 गोलियां लगी थीं. पूरी वारदात सीसीटीवी में कैद हो गई थी. परिजनों ने चार लोगों के खिलाफ नामजद तहरीर दी थी, जिनमें से दो नरेंद्र और रोहित उसी के गांव के थे. पुलिस ने सलीम और लीलू डागर के खिलाफ भी हत्या की धाराओं में मामला दर्ज किया था.
अशोक के खिलाफ दर्ज थे 43 संगीन मामले
गैंगस्टर अशोक राठी एक दशक से भी अधिक समय से गुरुग्राम और आसपास के इलाकों में आतंक का पर्याय बना हुआ था. उसके खिलाप अपनी सास, बीवी,और साले की हत्या समेत कुल 43 संगीन मामले दर्ज थे. कई साल जेल की सजा काटने के बाद अशोक 17 जून को ही रिहा होकर बाहर आया था.