
राम रहीम के जेल जाने के बाद हुई हिंसा के बाद इस केस की जांच कर रही हरियाणा पुलिस को गुरुसर मोडिया से बरामद एक भूरे रंगे के बड़े सूटकेस से कागजों का जखीरा बरामद हुआ है. इनमें पिछले कुछ महीनों पहले के लेनदेन की जानकारी भी है, जो करोड़ों में है. इस बैग से दर्जनों जमीन और मकानों की रजिस्ट्रियां भी मिली हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ज्यादार संपत्तियां हनीप्रीत के नाम से खरीदी गई हैं. इनमें मुंबई, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पंजाब सहित कई राज्यों में स्थित संपत्ति की जानकारी है. अनुमानत: बैग से 100 से अधिक संपत्तियों की जानकारी मिली हैं, जिनकी कीमत कई सौ करोड़ रुपये है. पुलिस फिलहाल इनका आकलन करने में जुटी है.
पुलिस को इस बैग से दर्जनों डेबिट कार्ड भी बरामद हुए हैं, जो अलग-अलग बैंकों के हैं. इनमें से कुछ डेबिट कार्ड हनीप्रीत के खातों के हैं. हनीप्रीत राम रहीम के बाद डेरा में नंबर दो की हैसियत रखती थी. डेरा का वित्तीय प्रबंधन उसी के पास था. बताया जा रहा है कि डेरा का ज्यादातर लेन-देन उसी के जरिए किया जाता था.
बताते चलें कि पुलिस को 8 सितंबर को डेरा से जब्त किए गए सामान के बोरे में से दो लैपटॉप मिले हैं. इनको जांच के लिए हरियाणा की फोरेंसिक प्रयोगशाला मधुबन भेजा दिया गया है. डेरा से बरामद इन दोनों लैपटॉप की ज्यादातर फाइलें डिलीट कर दी गई हैं. आईटी एक्सपर्ट की टीम इन फाइलों को रिकवर करने की कोशिश में जुटी है.
सूत्रों के मुताबिक, रिकवरी की प्रारंभिक प्रक्रिया के दौरान जो फाइल मिली हैं, उनमें ज्यादातर राम रहीम की कंपनियों से संबंधित हैं. अभी तक कुल 7 कंपनियों से जुड़े दस्तावेज मिले हैं. इनमें से एक कंपनी रियल एस्टेट कारोबार से जुड़ी हुई है. इस कंपनी का मुख्यालय दिल्ली में दिखाया गया है. डेरा का काफी पैसा रियल एस्टेट कारोबार से जुड़ी कंपनियों में लगा था.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, एक ऐसी ही कंपनी पंजाब के जीरकपुर में भी स्थित है. इस कंपनी के मालिक पर आरोप है कि उसने 25 अगस्त के दिन राम रहीम को अपनी गाड़ियों का काफिला मुहैया कराया था. हनीप्रीत ने जिस लैपटॉप में पंचकूला हिंसा से जुड़े हुए गाइड मैप और लोगों की सूची स्टोर की थी, वह अभी भी बरामद नहीं हुआ है.