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ISIS के लिए करती थी भर्तियां, NIA कोर्ट ने सुनाई 7 साल की सजा

केरल के कोच्चि में NIA की अदालत ने बिहार की रहने वाली यासमीन को 15 युवकों को आईएसआईएस में भर्ती करने का दोषी पाया.

ISIS ऑपरेटिव यासमीन को 7 साल की सजा ISIS ऑपरेटिव यासमीन को 7 साल की सजा
आशुतोष कुमार मौर्य
  • कोच्चि,
  • 24 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 2:54 PM IST

केरल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक अदालत ने देश के युवाओं को बहकाकर आतंकवादी संगठन आईएसआईएस (ISIS) के लड़ाके के रूप में भर्तियां करने वाली यासमीन मोहम्मद जाहिद को सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. भारत में ISIS से संबद्ध किसी मामले में सजा सुनाए जाने का यह पहला मामला है.

केरल के कोच्चि में NIA की अदालत ने बिहार की रहने वाली यासमीन को 15 युवकों को आईएसआईएस में भर्ती करने का दोषी पाया है. यासमीन द्वारा आईएसआईएस में भर्ती किए गए ये सभी 15 युवक केरल के कासरगोड जिले के रहने वाले थे. आईएसआईएस में भर्ती कर यासमीन ने उन्हें अफगानिस्तान पहुंचा दिया था.

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यासमीन के खिलाफ मई 2016 में पहली बार केस दर्ज हुआ था और दिल्ली एयरपोर्ट से जुलाई 2016 को उसे गिरफ्तार किया गया था. यासमीन को जब दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया, उस समय अपने बेटे के साथ अफगानिस्तान के लिए उड़ान भरने वाली थी.

एनआईए ने इसी मामले में एक अन्य व्यक्ति अब्दुल राशिद के खिलाफ भी केस दर्ज किया है. अब्दुल आईएसआईएस के लिए भर्तियां करने वाले इस रैकेट का मास्टरमाइंड था और मामले में मुख्य आरोपी भी. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, अब्दुल राशिद इस समय अफगानिस्तान में है.

एनआईए के अनुसार, अब्दुल राशिद इससे पहले भी देश के 14 युवकों को बहकाकर आईएसआईएस का सदस्य बना चुका था, जिसमें यासमीन भी शामिल थी. एनआईए की जांच में यह साबित हुआ है कि अब्दुल्ला ने आईएसआईएस में भर्तियों के लिए धनराशि इकट्ठी कर यासमीन को ट्रांसफर की थी. यासमीन ने भी इन पैसों का उपयोग युवकों को आईएसआईएस से जोड़ने और उन्हें देश से बाहर भेजने में किया था.

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