
राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक हनुमान मंदिर के पीछे नकली नोट छापने का कारखाना पकड़ा गया है. मंदिर के पीछे कमरे में दो हजार और पांच सौ के नए नोट छापे जा रहे थे. ये नकली नोट यहां से दूसरे जिलों में भेज दिए जाते थे. पुलिस ने मौके से डेढ़ लाख के नकली नोट समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है.
जयपुर पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने अभी तक पांच लाख के नकली नोट बाजार में खपा दिए हैं. आरोपियों ने बस्सी थाना इलाके में जयपुर-आगरा हाईवे पर 52 फीट हनुमान मंदिर के पीछे किराये पर एक कमरा लिया हुआ था. कमरा मंदिर से लगे होने की वजह से किसी को इन पर शक भी नहीं था. अंदर नकली नोट छापने का कारखाना चल रहा था.
पुलिस ने यहां से कलर प्रिंटर, स्केनर और कई दूसरे उपकरण जब्त किए हैं जिनके जरीए 2000 और 500 के नकली नोट छापे जा रहे थे. डीसीपी कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि इस नोट छापने के दो मास्टर माईंड हैं एक पास के हीं तुंगा गांव का छोटे लाल माली और दूसरा मुकेश उर्फ राम सिंह बावरिया जो कि अलवर जिले के प्रतापगढ़ का रहनेवाला है.
पुलिस ने मुखबिर से सूचना पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया. पुलिस को सूचना मिली थी कि आरोपी छोटेलाल और मुकेश मोटरसाइकिल से नकली नोट की डिलीवरी देने गुढ़ा चक गांव में जा रहे हैं. तभी दो पुलिसकर्मियों ने बाइक से इनका पीछा किया और इन्हें धरदबोचा. इनके पास से दो हजार के 26 नकली नोट और पांच सौ के तीन नकली नोट बरामद हुए हैं.
पुलिस जब आरोपियों को लेकर इनके ठिकाने पर पहुंची तो कमरा देखकर दंग रह गई. कमरे में नकली नोट की छपाई का काम चल रहा था. कलर प्रिंटर और स्केनर से हुबहू नकली नोट तैयार किए जा रहे थे. पुलिस ने मौके से नकली नोट छापने वाले धनराज मीणा, राम कल्याण और सलीम को गिरफ्तार कर लिया.
पूछताछ में पता चला कि छोटेलाल उर्फ छोटूलाल पहले भी नकली नोट के मामले में गिरफ्तार हो चुका है. उसने जेल से जमानत पर निकलने के बाद फिर से ये काम शुरु कर दिया था. पुलिस के अनुसार दो हजार और पांच सौ के नए नोट बाजार में नए आए हैं. जिसमें कई बार प्रिंटिग मिस्टेक वाले नोट भी निकल आते हैं.
इसी बात का फायदा उठाकर ये शातिर ग्रामीण इलाकों में नकली नोट खपा रहे थे. जहां लोग आसानी से असली और नकली नोट के बारे में पता नहीं लगा पाते हैं. पुलिस के सामने बड़ी चुनौती है कि जो नोट इस गिरोह ने खपाए हैं, उन्हें कैसे बरामद किया जाएगा.