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झारखंड के पूर्व उपमुख्यमंत्री के कत्ल की साजिश का खुलासा, ली गई 5 करोड़ की सुपारी

सुदेश कुमार महतो के कत्ल की साजिश की यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी दो बार सुदेश महतो की हत्या की कोशिश की गई लेकिन हमलावर नाकाम हो गए.

पुलिस मामले की छानबीन कर रही है पुलिस मामले की छानबीन कर रही है
परवेज़ सागर/धरमबीर सिन्हा
  • रांची,
  • 10 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 8:16 PM IST

झारखंड के पूर्व उप मुख्यमंत्री और आजसू पार्टी के सुप्रीमो सुदेश कुमार महतो की हत्या की साजिश का खुलासा होने से हड़कंप मच गया था. झारखंड के नक्सली संगठन पीएलएफआई के कमांडर और हार्डकोर उग्रवादी जीदन गुड़िया ने उनकी हत्या की सुपारी ली थी. पुलिस के मुताबिक जीदन को राज्य के एक नेता ने महतो की हत्या के लिए पांच करोड़ की सुपारी दी थी.

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पीएलएफआई के एक एरिया कमांडर देवसिंह मुंडा ने पुलिस की पूछताछ में ये सनसनीखेज खुलासा किया है. दो दिन पहले ही देवसिंह मुंडा को रांची पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उसी ने पुलिस को बताया कि नक्सली संगठन पीएलएफआई के कमांडर और हार्डकोर उग्रवादी जीदन गुड़िया ने महतो का मर्डर करने के लिए 5 करोड़ रुपये की रकम ली है. दरअसल, एक नेता ने ही महतो को रास्ते से हटाने के लिए ये सुपारी दी है.

महतो पर पहले भी दो बार हुआ हमला

साल 2014 में दो बार सुदेश की हत्या का प्रयास किया गया था. 27 और 28 जनवरी 2014 को सिल्ली में आयोजित प्रतिभा दर्शन महोत्सव में सोनाहातु के कुछ नक्सली एक बैग में शक्तिशाली टाइमर लेकर पहुंचा था. वह सुदेश के साथ मंच पर भी चढ़ा था. लेकिन बम का बड़ा साइज होने के कारण इसे फिट नहीं किया जा सका.

इसके बाद जीदन ने 26 फरवरी 2014 को दूसरा प्रयास किया. एक शादी समारोह में सुदेश महतो को मारने की योजना थी. भोजन करने के दौरान हमला किया जाना था. लेकिन हमले से कुछ घंटे पहले ही रांची पुलिस ने जीतन के सभी साथियों को वहां से गिरफ्तार कर लिया था.

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सच जानने के लिए जांच कर रही है पुलिस

जीतन गुड़िया ने 2013 में ही सुदेश की हत्या की सुपारी ले ली थी. उसने दो बार सुदेश की हत्या करने की कोशिश की थी. लेकिन असफल रहा. 5 साल बीत जाने के बाद भी जब जीतन अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हुआ तो उस नेता ने सुपारी की रकम वापस करने की मांग की. जीदन ने उस नेता से कुछ और समय मांगा है. फिलहाल रांची पुलिस ने उस नेता के नाम का खुलासा नहीं किया है. अब पुलिस नक्सली के इस बयान की सच्चाई जानने में जुटी है.

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