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झारखंड पुलिस का दावा- पशु चोरी की वजह से हुई मॉब लिंचिंग, 4 गिरफ्तार

झारखण्ड के गोड्डा जिले में मॉब लिंचिंग की घटना ने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी है. इस वारदात के दौरान दो लोगों को बेरहमी के साथ पीट-पीटकर मार डाला गया. पुलिस प्रशासन इस मामले को केवल पशुओं की चोरी से जुड़ा बता रहा है.

पुलिस इस घटना के बाद 4 लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया है पुलिस इस घटना के बाद 4 लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया है
परवेज़ सागर/धरमबीर सिन्हा
  • रांची,
  • 14 जून 2018,
  • अपडेटेड 5:44 PM IST

झारखण्ड के गोड्डा जिले में मॉब लिंचिंग की घटना ने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी है. इस वारदात के दौरान दो लोगों को बेरहमी के साथ पीट-पीटकर मार डाला गया. अब इस मामले को लेकर सूबे की सियासत में उबाल आ गया है. जहां राजनीतिक दल इस मसले पर अपना एजेंडा चला रहे हैं, वहीं पुलिस प्रशासन इस मामले को केवल पशुओं की चोरी से जुड़ा बता रहा है.

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दिल दहला देने वाली यह वारदात गोड्डा जिले के देवदांड़ इलाके की है. जहां पिंडरा गांव में दो लोगों को भीड़ ने पशु चोरी के शक में मौत के घाट उतार दिया था. इस घटना के बाद इलाके में तनाव है. हालांकि पुलिस प्रशासन इसे सामान्य पशु चोरी की घटना का रिएक्शन बता रहे हैं.

इस घटना के सम्बन्ध में आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत में झारखण्ड के IG ऑपरेशन आशीष बत्रा ने कहा कि गोड्डा में कुछ लोग कैटल लिफ्टिंग के लिए आये थे. जिन्हे लोगों ने पकड़ लिया. पकडे गए दो लोगों के साथ मारपीट की गयी. जिससे उनकी मृत्यु हो गयी. बत्रा के मुताबिक घटना सुबह 4 बजे की है.

आईजी ने बताया कि यह घटना इंटीरियर के एक गांव की है. जिसकी वजह से पुलिस को सूचना भी देर से मिली. वैसे घटना में शामिल चार नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है. बाकियों की तलाश जारी है. वहीं मृतकों के परिजनों को प्रशासन की तरफ से सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.

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बत्रा के मुताबिक मृतकों में एक शख्स पहले भी कैटल लिफ्टिंग के केस में जेल जा चुका है. जबकि दूसरे का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि अभी तक की जांच में पता चला है कि ये लोग 13 मवेशियों को चुराकर ले जा रहे थे. इसी वजह से यह घटना घटी है. बत्रा ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इस घटना में कोई और एंगल इन्वोल्वड है.

उन्होंने इसे आइसोलेटेड घटना बताते हुए केवल चोरी की घटना करार दिया. IG आशीष बत्रा ने कहा कि लॉ एंड आर्डर बनाए रखने और ईद के मौके पर एडिशनल फोर्स की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि गोड्डा की घटना में भीड़ का मनोविज्ञान शामिल है. जिसमें कभी कभी अपने आप को प्रोटेक्ट करने के दौरान ऐसी घटना घट जाती है.

आईजी बत्रा ने बताया कि वहां के आदिवासी और संथाली इलाकों में अभी भी अशिक्षा है. जिसकी वजह से ऐसी घटनाएं होती हैं. उन्होंने स्थानीय रीतिरिवाजों का हवाला देते हुए कहा कि संथाल इलाकों में आर्बिट्रेशन की पुरानी परंपरा है. कभी कभी पुलिस पंचायती के जरिए ऐसे मामलों को सुलझाने का प्रयास भी करती है.

रांची के नगड़ी इलाके में मौलाना के साथ हुई मारपीट की घटना के बारे में उन्होंने बताया कि जांच में कहीं भी यह बात सामने नहीं आई कि अपराधियों ने जय श्रीराम बोलकर उनकी पिटाई की है. इस मामले में चार लोग बोलेरो में बैठे थे और नशे में धुत्त थे. इन्ही लोगों ने मारपीट की. चारों को गिरफ्तार कर लिया गया है. बत्रा ने कहा कि सोशल मीडिया पर उनका कंट्रोल नहीं है. वैसे ऐसी घटनाएं काफी दुर्भाग्यपूर्ण हैं.

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